
Rajasthan- गुर्जर आरक्षण आंदोलन: क्या बातचीत से हल होगा विवाद?
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जनपद अम्बेडकरनगर की अहिरौली पुलिस ने दो चोरी के मामलों का सफल खुलासा करते हुए तीन चोरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से चोरी का सामान भी बरामद किया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्री केशव कुमार के निर्देश पर की गई। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह सफलता हासिल हुई है। पहला मामला 19 मई 2025 को पकड़ी डल्लापुर गांव में हुई चोरी से जुड़ा है, जिसकी रिपोर्ट मुकदमा संख्या 146/25 के तहत दर्ज की गई थी। दूसरा मामला 23 मई 2025 को सरैंया लम्बरदारी गांव में हुई चोरी का है, जिसका मुकदमा संख्या 150/25 दर्ज था। दोनों ही घटनाओं में अज्ञात चोरों ने चोरी की थी, लेकिन अहिरौली पुलिस टीम ने मेहनत कर तीन आरोपियों को पकड़ लिया और उनके पास से चोरी का सामान बरामद कर लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
दौसा जिले के जीरोता गांव में स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इस मौके पर 11 जून को पायलट स्मारक पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। आज कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खुद जीरोता पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। उनके साथ सांसद मुरारीलाल मीणा, विधायक डीडी बैरवा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़ और कई अन्य नेता भी मौजूद रहे।
यह पहली बार है जब राजेश पायलट की पुण्यतिथि से पहले खुद सचिन पायलट ने मौके पर पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नेता और लोग शामिल होंगे। कल सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उन्हें भी इस श्रद्धांजलि सभा में आने का न्योता दिया। अब दौसा में सचिन पायलट की सक्रियता को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है।
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में प्रशासन ने भूपेंद्र क्लब की जमीन पर बनी करीब 24 दुकानों को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया। यह कार्रवाई राजस्व विभाग, नगर पालिका और पुलिस की मौजूदगी में की गई। दो दिन पहले ही प्रशासन ने इन दुकानों को खाली करने का आदेश दिया था। मनेंद्रगढ़ के तहसीलदार ने इस संबंध में नोटिस जारी किया था। तय समय सीमा के बाद आज प्रशासन मौके पर पहुंचा और अवैध रूप से बनी दुकानों को ध्वस्त कर दिया।
प्रशासन का कहना है कि ये दुकानें सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थीं, इसलिए इन्हें हटाना जरूरी था।