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क्या महिला उम्मीदवार गांव की समस्याओं का समाधान कर पाएंगी?
VKVINOD KANDPAL
FollowJul 12, 2025 03:02:33
Haldwani, Uttarakhand
Anchor : गांव की सरकार चुनने के लिए अब केवल दो हफ्ते का समय शेष बचा है, चुनाव प्रचार दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है, जैसे-जैसे उम्मीदवार अपने -अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए निकल रहे हैं वैसे ही मतदाता उम्मीदवार को अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करा रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि गांव का प्रतिनिधि चुने जाने के बाद क्या इन समस्याओं का हल निकलेगा? इसको समझने के लिए आपको ले चलते हैं घने जंगल से सिटी मल्ला फतेहपुर गांव में......
वीओ : हल्द्वानी शहर के करीब 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर बसा मल्ला फतेहपुर गांव, यहां वर्तमान में ग्राम प्रधान पद के लिए तीन महिला कैंडिडेट मैदान में है, एक महिला कैंडिडेट ने वर्तमान ग्राम प्रधान है, इस क्षेत्र की समस्याओं को जानने के लिए हम जब गांव में पहुंचे तो जनता बोली..... सड़कों की हालत खराब है, गांव घने जंगल से सटा हुआ है लिहाजा जंगली जानवरों का खतरा 24 घंटे बना रहता है, बरसात के दौरान गांव की कनेक्टिविटी के लिए पुल चाहिए जो अभी तक नहीं बन सका है, लिहाजा उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो इन तीन बड़ी समस्याओं से ग्रामीणों को निजात दिला सके...
बाइट: तारा दत्त कबड़वाल, स्थानीय
बाइट: स्नेहा रौतेला, स्थानीय
वीओ : इस क्षेत्र की समस्याओं को जानने के दौरान हमें गांव में एक महिला उम्मीदवार मिली, गौरी पोखरिया पहली बार चुनाव लड़ रही है, पढ़ी लिखी हैँ मूलभूत समेत सुविधाओं को समझती भी हैं, हमने उनसे जानना चाहा कि आखिर पब्लिक आपको वोट क्यों दे? उम्मीदवार का जवाब था जो काम पिछले 5 सालों में नहीं हुआ सबसे पहले उन योजनाओं पर विचार करेंगे, सड़क, पानी पुल गांव की सबसे पहले जरूरत है, इसलिए चुनाव जीते तो काम करेंगे....
बाइट : गौरी पोखरिया, उम्मीदवार ग्राम प्रधान
GRUOND REPORT...... WT VINOD KANDPAL
FVO : ग्रामीणों के परेशानी देखकर यह बात तो समझ में आ गई है कि पिछले 5 सालों में ग्रामीणों में सिर्फ वादे हुए, काम नहीं, अब बारी जनता की है इसलिए प्रचार के दौरान आम जनता कैंडिडेट से गांव की मूलभूत सुविधाओं और समस्याओं के बारे में बातचीत कर रही है और उम्मीदवार भी मूलभूत समस्याओं के बारे में समझ कर उनको दूर करने का भरोसा दे रही है, देखना दिलचस्प होगा की ज़ब गांव की सरकार आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखने वाली महिला के हाथ में आयेगी तो क्या वाकई गांव की विकास की रफ्तार थोड़ा तेज देखने को मिलेगी, इन सारे सवालों का जवाब 24 और 28 जुलाई को होने वाले मतदान के बाद सामने आएगा,
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