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बिहार में कछुआ संरक्षण से गंडक नदी का जल शुद्ध होगा!
Bagaha, Bihar
BIHAR DESK...
LOCATION- BAGAHA
REPORT- IMRAN AZIZ
FORMAT- WT VISUAL VIDEO BYTE PIC
PTC EXCLUSIVE
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ANCHOR- बिहार में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कदमताल जैव विविधता पर्षद ने अनूठी पहल क़र विलुप्त होते कछुआ संरक्षण की कवायद तेज़ किया है। जिसके बाद नेपाल से निकलने वाली गंडक नदी एक बार फ़िर कृतिमान रचने की ओर अग्रसर है ।
दरअसल घड़ियाल औऱ मगरमच्छ संरक्षण के साथ कछुआ संरक्षण औऱ संवर्धन की कवायद में जुटा जैव विविधता पर्षद ने नारायणी नदी के प्रदूषित हो रहें पानी को साफ़ करने के लिहाज से गंडक नदी में कछुआ अधिवास को लेकर स्थल चयन क़र सरकार को रिपोर्ट भेजा गया है जिसपर मंजूरी मिलने के बाद हीं शीघ्र गंडक नदी अब जलीय जीव अधिवास का बेहतर ठिकाना बनेगा ।
बताया जा रहा है की गंडक में घड़ियाल औऱ मगरमच्छ की बढ़ती संख्या के बाद कछुआ संरक्षण का निर्णय लिया गया है जिससे नमामी गंगेय योजना व निर्मल भारत अभियान को भी बल मिलेगा क्योंकि कछुआ गंदे पानी का बेहतर सफ़ाई कर्मी माना जाता है इसी लिहाज से गंडक नदी का चयन किया गया है ।
जानकारी के मुताबिक VTR के सटे वाल्मीकिनगर से धनहा रतवल तक कछुआ संरक्षण को लेकर स्थल चयन किया गया है जहाँ घड़ियाल औऱ मगरमच्छ कि तर्ज़ पर कछुआ छोड़े जायेंगें। ख़ास बात यह है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र वन्य एवं पर्यावरण विभाग के साथ जैव विविधता पर्षद ने यह पहल किया है जिसके लिए स्थल चयन क़र सरकार को रिपोर्ट भेजें जाने समेत मंजूरी मिलने के बाद क्षेत्रीय किसानों औऱ नदी तटिये ग्रामीणों को जागरूक क़र उनके बीच कार्यशाला का आयोजन क़र टिप्स प्रशिक्षण दिये जायेंगें ताकि घड़ियाल के घोंसलों औऱ अंडों कि तरह कछुआ को बचाने में मदद मिल सकें ।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए जैव विविधता पर्षद बिहार के संयुक्त निदेशक डॉक्टर हेमकांत राय ने बताया कि जलीय जीवों में मगरमच्छ, कछुआ औऱ तरह तरह कि मछलियां पाई जाती हैं लिहाजा जिस तरह पटना जू से वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व अंतर्गत गंडक नदी में लाकर वर्ष 2014-15 में घड़ियाल औऱ मगरमच्छ छोड़े गए जिसका नतीजा है कि चंबल नदी के बाद भारत में गंडक नदी मगरमच्छ औऱ घड़ियाल अधिवास के साथ साथ संरक्षण का दूसरा बड़ा स्थान बनकर गौरव हासिल किया है उसी प्रकार अब कछुआ संरक्षण कि कवायद शुरू कि जा रही है क्योंकि पानी को साफ़ औऱ स्वच्छ रखने में विलुप्त होते कछुआ कारगर साबित होंगें ।
Wt इमरान अज़ीज़ ज़ी मीडिया बगहा
बाइट- डॉ. हेमकांत राय,संयुक्त निदेशक, जैव विविधता पर्षद
बिहार सरकार
पीटीसी इमरान अज़ीज़ ज़ी मीडिया बगहा
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