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सांपो का रक्षक राकेश की नागपंचमी पर दर्दनाक मौत ने सबको चौंका दिया!
JCJitendra Chaudhary
FollowJul 16, 2025 02:48:12
Begusarai, Bihar
जितेन्द्र कुमार बेगूसराय
एंकर सांपो को नई जिंदगी देने और सांपो के डंक से लोगो को बचाने का काम करने वाले आईटीआई पास एक युवक क़ी दर्दनाक मौत नागपंचमी के दिन सांप काटने से हो गई। इस घटना से ना सिर्फ परिवार बल्कि बिषैले सांपो से लोगो को बचाने वाले लोगो मे मातम पसर गया है। जिला मे नागराज रक्षक के रूप मे मशहूर इस युवक को सांपो क़ी सुरक्षा और उसके डंक से लोगो को बचाने का शौख था। बताया जाता है क़ी आज भी मृतक द्वारा पकडे गए बीस से अधिक सांप युवक के पास मौजूद है। सांप काटने क़ी यह घटना उस बक्त घटी जब नागपंचमी के दिन मृतक पकडे गए सांपो के साथ खेल रहा था। तभी एक बिषैले सांप ने उसे काट लिया और उसकी मौत हो गई। घटना डंडारी थाना क्षेत्र के हरदिया गावं क़ी है। मृतक युवक क़ी पहचान डंडारी थाना क्षेत्र के हरदिया गावं के रहने वाले राकेश भगत के रूप मे हुई है। बताते चले क़ी राकेश भगत इलाके मे 'नागराज' रक्षक के नाम से मशहूर था। राकेश आई टीआई पास कर एक अच्छी नौकरी का चाहत रखता था पर एक दिन उसके जिंदगी मे ऐसा मोड़ आया क़ी वो सांपो का रक्षक बन गया और दूर दराज इलाके मे जहरीले सांपो को पकड़ कर उसे जंगल मे छोड़ ने का काम मे जुट गया। बताया जाता है क़ी जंगल मे छोड़ने से पहले वो सांपो को दूध पिलाता और उसे अपने पास रखता। आज क़ी तारीख मे उसके द्वारा पकडे गए बीस से अधिक सांप उसके द्वारा पाल कर रखे गए है। पाले हुए हैं। बेगूसराय के एक छोटे से गांव का लड़का राकेश भगत पिछले पांच छह सालो से इस काम मे लगा हुआ था और कम समय मे ही वो लोगो के बीच एक जाना पहचाना चेहरा बन गया था। जहाँ भी सांप होने क़ी सुचना मिलता वो वहां अपने पैसे से भागा भागा पहुंच जाता। बाद मे वो इस काम मे इतना रम गया क़ी इलाके के लोग उसे ‘नागराज’ रक्षक कहने लगे थे। वर्षो से सांपो के साथ खेलने और उसे पकड़ने वाले राकेश क़ी नागपंचमी के दिन है सांप काटने से मौत लोगो के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है। परिवार के लोग बताते है उसके गाँव मे नागपंचमी के दिन गावं मे बने भगबती स्थान मे सांप क़ी पूजा अर्चना होती है और इस दिन सांप को पकड़ने और उसके साथ खेलने आदी का काम किया जाता था। इसी क्रम मे आज सांप ने राकेश को काट लिया। जिसका पता उन लोगो को तब हुआ जब राकेश क़ी तबीयत बहुत बिगड़ गया। वही सांप काटने के बाद उसी जगह राकेश को झारबुक करने लगा। झाड़ बुक करने के दौरान काफी तबीयत बिगड़ गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जगह से उठाकर उसे इलाज के लिए लाया गया।मृतक राकेश के साढ़ू ने बताया क़ी जानकारी के बाद उसका गावं मे ही झाडफूक कराया गया। सुधार नहीं होने पर उसे बलिया अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। वहां के डॉक्टरो ने हालत गंभीर देखते हुए बेगूसराय सदर अस्पताल रेफर कर दिया। यहाँ पहुंचने का बाद डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। वही इस संबंध मे मृतक राकेश के चाचा बिजय कुमार ने बताया क़ी पिछले पांच छह साल से राकेश सांप पकड़ने का काम करता था उसके पास आज भी पकड़ा गया बीस सांप मौजूद है। हालांकि जब परिजन सब ले जाने लगे तो सदर अस्पताल में स्टेचर नहीं दिया और ना ही एंबुलेंस ले जाने के लिए दिया। इसको लेकर सदर अस्पताल पर भी परिजनों के द्वारा सवाल खड़ा किया। क्योंकि ना ही स्टेचर का व्यवस्था था, ना ही एंबुलेंस का व्यवस्था है। इसलिए प्राइवेट एंबुलेंस से शव को ले जाने को वेबश हुआ। इससे एक बार फिर सदर अस्पताल पर भी सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने का दवा वह एक बार फिर खोखला साबित हुआ।
बाइट- रबिश कुमार- साढ़ू
बाइट- बिजय कुमार- चाचा
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