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स्वच्छ भारत मिशन: करोड़ों का धन, लेकिन ताले लटके शौचालय!
Sithmara, Uttar Pradesh
स्लग – स्वच्छ भारत मिशन योजना को जिम्मेदारों ने किया स्वाहा.....
रिपोर्टें – आलोक त्रिपाठी | कानपुर देहात
जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 विकास खंडों की 618 ग्राम पंचायत हैं जिनमें करीब 565 सामुदायिक शौचालय बने हुए हैं सभी जगहों पर केयरटेकर तैनात हैं जो रखरखाव और साफ़ सफाई रखते हैं केयरटेकरो को मानदेय के साथ शौचालय की मेंटेनेंस के लिए भी रुपए खर्च किए जाते हैं अधिकतर सामुदायिक शौचालय में ताले लटके हैं। जहां ताले खुले हैं वहां पर अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है हैरानी की बात यह है कि शौचालय में पानी ही नहीं है पाइपलाइन टूटी है बस जैसे तैसे यह सामुदायिक शौचालय खड़े हैं कई जगहों पर शौचालयों के चारों तरफ झाड़ियां उग गईं हैं। यह स्थिति तब है, जब स्वच्छ भारत मिशन योजना केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। करोड़ की लागत से शौचालय बनाए गए थे, लेकिन सरकारी धन को पलीता लगा है। देखरेख के लिए स्वयं सहायता समूहों को शौचालय सौंपे जाने थे, लेकिन अधिकांश जगहों पर ऐसा नहीं हुआ है। शौचालय ग्रामीणों के प्रयोग में नहीं आ सके हैं। शौचालयों को खुला रखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को दी गई थी। इसको लेकर ज़ी मीडिया ने पड़ताल की तो अनेक ग्राम पंचायतों में ऐसी ही स्थिति मिली।
*बंद मिला शौचालय, लटके थे ताले*
अकबरपुर विकासखंड के ग्राम जगजीवनपुर में सामुदायिक शौचालय पर निर्माण के बाद से ही ताला लगा है। यहां के निवासी स्थानीय निवासियों का कहना है कि बनने के बाद एक दिन भी शौचालय का दरवाजा नहीं खुला है। शौचालय के बाहर जो हैंडपंप लगा हैं वो भी खराब हैं और उसमें पड़ी मोटर भी खराब हैं
*टूटी पड़ी टोटियां शौचालय में नहीं पानी मोटर खराब*
कई ऐसे सामुदायिक शौचालय हैं जहां ताला लटका मिला है। शौचालय के बाहर झाड़ियां और घास उगी है। शौचालय के बाहर कूड़ा भी डाला जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से शौचालय बंद पड़ा है।
*एक मिला बंद, दूसरा था खुला*
बिगाही गांव स्थित सामुदायिक शौचालय में महिलाओं के लिए बने शौचालय पर ताला लगा मिला है, जबकि पुरुषों के लिए बना शौचालय खुला हुआ था। वहीं, लेकिन पानी को कोई व्यवस्था नहीं थी बताया गया को मोटर खराब हैं पानी बाहर से लेकर जाना पड़ता हैं
*विकलांग शौचालय में ही बना दिया सामुदायिक शौचालय रूपया हजम*
सामुदायिक शौचालय में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला है सामने आया है दर्शन झींझक ब्लॉक के गऊपुर गांव में पहले से ही दिव्यांग शौचालय बना था इसके बाद जब वहां पर सामुदायिक शौचालय बनने का निर्देश हुआ तो जिम्मेदारों ने दिव्यांग शौचालय में ही आधा दिव्यांग और आधा सामुदायिक शौचालय घोषित कर दिया और जो सामुदायिक शौचालय बनाने के लिए रकम आई वह आपस में डकार गए
*DPRO बोले होगी जांच*
जिन ग्राम पंचायतों में शौचालय बंद पड़े हैं। उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को शौचालय खुले रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। लापरवाही पर कार्रवाई होगी। -
( WKT )
बाइट – विकास पटेल ( DPRO )
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