Back
सिरवेल महादेव की गुफाएं: रहस्य और अद्भुत अनुभव का सफर!
RJRakesh Jaiswal
FollowJul 14, 2025 08:06:05
Khargone, Madhya Pradesh
STORY FOR RAHASYA
ASSIGNMENT द्वारा मांग इनपुट
एंकर - खरगोन जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर दूरस्थ आदिवासी अंचल के गांव सिरवेल महादेव में पहाड़ी गुफा में भगवान महादेव विराजित है। बाबा बर्फानी अमरनाथ की तरह सिरवेल महादेव में भगवान महादेव गुफा में दर्शन देते है। दर्शन का रास्ता भी बहुत कठिनाई वाला पर्वत की कंदराओं से करीब 150 सीढ़ियों को पार कर पहुंचा जाता है । पहले यही रास्ता 400 लकड़ी की सीढ़ी से जोखिम भरा रहा है।
प्राचीन गुफा में भोलेनाथ दूसरी ओर प्राकृतिक जलप्रताप से दर्शनार्थियों को अलग ही अनुभूति होती है। अपने सभी कष्ट भूल जाते है।
प्राकृतिक लुभावना जल प्रताप और गुफा में बैठे महादेव के साथ यहां की सात गुफाएं किसी रहस्य से कम नहीं । सात गुफाओ के रास्ते दिखाई देते है मगर अंदर भयानक स्थिति देख कोई गुफाओं के अंदर नहीं पहुंच पाया हैं । खासबात यह है कि सातों गुफाओं में भगवान महादेव के स्वयंभू विराजित है शुरुवात से ही दिखाई दे जाते है । गुफाओ के रहस्य में कई मान्यताएं और किंवदंतियां बताई जाती है।
VO - बताया जाता है रावण ने यहां तपस्या की थी और नव बार शीश काटकर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। नवग्रह को कब्जे में लेने का आशीर्वाद लिया। इसलिए इसे सिरवेल महादेव कहां जाता है।
VO -कुछ लोग बताते है पांडवों ने अज्ञातवास के समय इन गुफाओं में रहकर भगवान महादेव को विराजित किया था। पांच पांडवों एवं द्रोपदी की गुफाएं बताई जाती है।
एक गुफा से आगे कोई नहीं पहुंच पाया है। आज भी पुरातत्व विभाग के लिए यह गुफाएं रहस्यमयी है । अंदर तक यह गुफाओं का छोर कहां तक है यह बताना मुश्किल है। बताया जाता है एक गुफा बुरहानपुर के असीरगढ़ निकलती है असीरगढ़ में अश्वत्थामा के जीवित होने की आज भी कई लोगों पुष्टि करते है।
VO -गुफाओं में सर्पीली आकृतियां शेर के नाखून की आकृतियां देखी जाती है।
गुफाओं के साथ प्राकृतिक जलप्रपात खरगोन की जीवनदायनी कुंदा नदी का उद्गम स्थल के रूप में मनोहारी है इसकी गहराई का कोई छोर नहीं है इसलिए यहां सावन माह में पुलिस फॉरेस्ट और सेवादारों का एक बड़ा टीम ग्रुप सुरक्षा में तैनात रहता है।
VO -सिरवेल गांव से महादेव पहुंच मार्ग को लेकर बताया जाता प्राचीन काल में पेड़ो की जड़ों से इन गुफाओं तक पहुंचकर भगवान महादेव के दर्शन हो पाते थे।
वर्तमान के सात दशक पहले यहां लकड़ी की सीढ़ियां एवं जोखिम भरे लकड़ी के पुल से गुजर कर दर्शन होना शुरू हुआ।
VO -हाल ही के वर्षों में सिरवेल महादेव की प्रसिद्धि के बाद सरकार द्वारा इस स्थल को पर्यटक के रूप में विकसित करने को लेकर प्रयास शुरू किए। फिलहाल 60 लाख रुपए की लागत से लोहे के मजबूत पुल एवं 150 से अधिक सीढ़ियों का निर्माण से गुफा में भगवान महादेव के दर्शनों को सुलभ बनाया गया है।
VO -पर्वतीय कंदराओं से पानी गिरता रहने का मनोरम दृश्य यहां बारिश ही नहीं 12 महीने देखा जाता है जो दर्शनार्थियों को आत्मीय शांति प्रदान करता है ।
भोलेनाथ के गुफा के दर्शन के साथ लोग प्राकृतिक झरने एवं पहाड़ी पर्वतमालाओं पर भ्रमण के लिए पहुंचते हैं ।
इसलिए यहां हमेशा भीड़ लगी रहती है।
VO -दुर्गम रास्तों से गुफा में भगवान भोलेनाथ के दर्शन की एक ओर किदवंती है कि यहां अल सुबह से भगवान भोलेनाथ पर पूजन एवं पुष्प चढ़े मिलते है ।इस रहस्य को स्वीकार और अस्वीकार दोनों करते है। पुजारी बताते है बहुत मुश्किल है यहां पहुंचना हमारा आश्रम ऊपर की ओर है सबसे पहले हम ही पहुंचते है ।मगर भगवान महादेव का पूजन कई बार किया हुआ मिलता है। शिव लिंग पर सर्प भी लिपटे हुए देखे गए हैं ।
VO -सावन के महीने में यहां दर्शन के लिए लोग दूर दूर से पहुंच रहे है ।मध्यप्रदेश के खरगोन ,खंडवा ,बुरहानपुर ,बड़वानी सहित अन्य जिलों से लोग पहुंचते है तो निकटवर्ती महाराष्ट्र की सीमा होने से जलगांव ,भुसावल ,बुलढाना , सहित अन्य जिलों के लोग भी दर्शन को पहुंचते है। दर्शन के साथ जो भी मनोकामनाओं हो पूरी होती है।
VO - प्रसिद्ध आदिकाल के सिरवेल महादेव मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन कर लोग अमरनाथ यात्रा की तरह कठिन मानते है यह मिनी अमरनाथ यात्रा है। मगर लोगो के लिए हर गुफा में भोलेनाथ की परिवार सहित स्थापना दुर्गम जंगल में दुर्लभ बताते है। कुछ लोग गुफाओं के रहस्य को समझना सहज नहीं मानते है। उन्हें यहां एक पौराणिक क्षेत्र होने का आभास होता है।
VO - गुफाओं के दूसरे द्वार को लेकर तरह तरह की बातें है एक गुफा ओंकारेश्वर निकलती है दूसरी बुरहानपुर के असीरगढ़ किले में जहां से अश्वत्थामा के यहां आने के भी कयास लगाए जाते है ।तीसरी गुफा त्रयंबकेश्वर ।चौथी लंका पति रावण की नगरी लंका में चौथी खरगोन नवग्रह मंदिर पांचवीं ,छठी एवं सातवीं को लेकर भी अलग अलग बताया जाता है।
VISUAL -1 - 3.17 - मन्दिर ,गुफाएं,पर्वतमालाओं एवं झरना शॉट्स
VISUAL -2-2.51 - अमरनाथ की तरह भोले का गुफा में मंदिर शॉट्स
VISUAL -3-2.59 दर्शनार्थी पैदल रास्तों से दर्शनकरने पहुंचते पुलिस, फॉरेस्ट ,सेवादार सुरक्षा में तैनात एवं भीड़ शॉट्स
VISUAL -4- सिरवेल महादेव कैसे पहुंचे शॉट्स
PTC - 1&2-मंदिर क्षेत्र से
WT - मंदिर पुजारी ,पंचायत सचिव एवं अन्य के साथ - रहस्य को लेकर बताते हुए
BYTE - बालकदास जी महाराज ,सिरवेल महादेव (भगवा कपड़े में)- रावण ने की तपस्या शिव स्थापना कर
BYTE - संतोष महाराज काली ड्रेस में - सात रहस्यमयी गुफाएं पांडवों के समय से हर गुफा में भोले
BYTE - सर्वेश गुप्ता - सात गुफाओं का बताते हुए (ब्लैक लाइनिंग शर्ट
BYTE - युवराज सिंह मंडलोई , लाल शर्ट तीन दोस्त साथ पॉजिटिव फिलिंग होती है दर्शन के बाद
BYTE - योगेश भावसार ,खरगोन (ग्रुप में लोग सफेद टी शर्ट)
BYTE - देवानंद मालवीय , खरगोन (मालवीय दंपति ) सफेद चौकड़ी शर्ट
BYTE - वंदना गुप्ता & कृष्ण गुप्ता महिलाए साथ में
BYTE - नितिन पटेल , चश्मे में
BYTE - दीपक अग्रवाल परिवार सहित गंजे से
BYTE - श्याम महाजन , बैंच पर परिवार सहित
BYTE - कपिल, सफेद शर्ट,युवा
BYTE -विशाल राठौर , ब्लू ट्री शर्ट
rakesh Jaiswal khargone MP
RAKESH JAISWAL KHARGONE MP
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement