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बाड़मेर में विकास कार्यों में करोड़ों का भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की जांच की मांग!
DSDurag singh Rajpurohit
FollowJul 14, 2025 12:06:17
Barmer, Rajasthan
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बाड़मेर के गड़रा रोड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खबड़ाला में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। खबड़ाला निवासी प्रताप सिंह और दर्जनों ग्रामीणों ने सोमवार को जिला कलेक्टर को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपते हुए वर्तमान सरपंच गोरधनसिंह के कार्यकाल में हुए विभिन्न वित्तीय घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि वर्ष 2020 से 2024 तक सरपंच रहे गोरधनसिंह ने कई विकास कार्यों की स्वीकृति तो ली, लेकिन अधिकांश कार्य धरातल पर कभी पूरे हुए ही नहीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी योजनाओं की आड़ में करोड़ों रुपये की राशि का गबन किया गया।
ज्ञापन में लगाए गए मुख्य आरोप:
1. फर्जी मेटों की वसूली: सरपंच द्वारा अपने कार्यकाल में मनरेगा योजनाओं में फर्जी मेटों से अवैध वसूली की गई।
2. स्वीकृत कार्यों का कागजों में ही निर्माण: राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत कई कार्य पंचायत में शुरू तक नहीं हुए, परंतु बजट की सम्पूर्ण राशि सरपंच द्वारा निकाल ली गई।
3. इंटरलिंकिंग रोड घोटाला (2021-22): पंचायत भवन तक रोड निर्माण के लिए ₹14,44,794 स्वीकृत हुए, परंतु आज तक कोई रोड बनी ही नहीं।
4. श्मशान घाट तक ग्रेवल सड़क (2024-25): गांव से श्मशान तक सड़क के लिए ₹32,76,224 स्वीकृत हुए, लेकिन आज दिन तक सड़क का कोई अस्तित्व नहीं है।
5. नाड़ी निर्माण में धोखाधड़ी: नोहड़ियाला गांव में ₹29,23,742 की लागत से नाड़ी निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन उस स्थल पर मिट्टी खोदकर मुरड़ा बेच दिया गया और नाड़ी का निर्माण नहीं किया गया।
6. खेल मैदान निर्माण में लापरवाही: राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नोहड़ियाला में ₹14,70,124 की लागत से खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन आज तक स्कूल में कोई मैदान नहीं बना।
7. प्राथमिक स्कूल में खेल मैदान का बजट भी निगला: ₹14,40,277 स्वीकृत होने के बावजूद प्राथमिक विद्यालय में खेल मैदान का निर्माण नहीं करवाया गया।
8. मॉडल तालाब का कार्य भी अधूरा: ₹असंख्य राशि स्वीकृत होने के बावजूद नोहड़ियाला गांव में मॉडल तालाब का निर्माण नहीं कराया गया।
ज्ञापन में कहा कि सरपंच द्वारा योजनाओं को केवल कागजों में पूरा दर्शाकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने मांग की कि इन सभी मामलों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल
गौरतलब है कि उक्त आरोप ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह पंचायत स्तर पर शासन की योजनाओं को पलीता लगाने का गंभीर मामला होगा।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव की तस्वीर आज भी वैसी ही है—सड़कें अधूरी, तालाब सूखे और खेल मैदान केवल कागजों में।
अब प्रशासन की बारी
इस मामले में अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है। ग्रामीणों की मांग है कि पंचायत में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन करवा कर दोषियों को जवाबदेह बनाया जाए।
बाइट : ग्रामीण
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