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Dehradun249201

कांवड़ यात्रा पर पंचक का साया, जानें क्या है इसका असर!

ASAmit Singh01
Jul 13, 2025 14:02:28
Rishikesh, Uttarakhand
टॉप : ऋषिकेश रिपोर्टर : अमित कंडियाल सलग : 13 जुलाई से कांवड़ यात्रा पर पंचक का साया, 17 के बाद जल भरना और कांवड़ शुरू कर सकेंगे कांवड़ यात्री एंकर : 13 जुलाई की शाम से 17 जुलाई तक कावड़ यात्रा पर पंचक का साया लगा रहेगा। पंचक में किसी भी प्रकार के शुभ काम को नहीं किया जाता है। कावड़ उठाना भी पंचक के दौरान शास्त्रों के अनुसार वर्जित है। यही वजह है कि 11 जुलाई से शुरू हुए सावन के महीने में आने वाली कावड़ियों की भीड़ अभी तक सीमित दिखाई दे रही है। हरिद्वार ऋषिकेश और नीलकंठ आने वाले कावड़ियों की संख्या 18 जुलाई से अचानक लाखों में बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। बाइट : जनार्द्धन केरवान ( ज्योतिष आचार्य ) वी.ओ : ब्राह्मणों का कहना है कि पंचक चंद्रमा की स्थिति पर आधारित एक खगोलीय घटना है। जो पांच नक्षत्र के संजोग से बनती है। पंचक में कावड़ यात्रा शुभ नहीं मानी जाती है। बता दे कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा गंगा से पवित्र जल लेने और उसे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों में चढ़ाने की एक धार्मिक यात्रा है। यात्रा आमतौर पर श्रावण मास में की जाती है। जो हिंदू कैलेंडर का एक पवित्र महीना है। चूंकि कांवड़ यात्रा में जल लेकर लंबी दूरी तय करनी होती है,। इसलिए पंचक काल में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि लंबी दूरी तय करने वाले कांवड़ियां 11 जुलाई से ही अपनी कावड़ यात्रा को शुरू कर चुके हैं। उनका मानना है कि पंचक से पहले उठाई गई कावड़ यात्रा पर पंचक का कोई असर नहीं पड़ता है। बाइट : केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ( प्रबंधक, शंकराचार्य आश्रम )
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