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सौम्य श्री ने ठुकराया लाखों का पैकेज, बेगूसराय में शुरू किया अद्भुत कारोबार!

JCJitendra Chaudhary
Jul 15, 2025 03:04:17
Begusarai, Bihar
जितेन्द्र कुमार बेगूसराय एंकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर भोकल से प्रभावित होकर बेगूसराय के एक युवक ने ऐसा कारनामा किया जो आज लोगों के लिए आदर्श बन गया है। अमेरिका में एम टेक की पढ़ाई करने वाले सौम्य श्री ने अमेरिका में लाखों के पैकेज को ठुकरा कर बेगूसराय में ही सइलेज का कारोबार शुरू किया। जिसमे की आज वह खुद भी लाखों रुपए कमा रहे हैं साथ ही साथ दर्जनों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं । एक रिपोर्ट। भी ओ - अमेरिका से एम टेक की पढ़ाई करने वाले युवा छात्र ने बेगूसराय के रमजानपुर में स्टार्टअप की शुरुआत की और 40 लोगों को रोजगार दिया। सौम्य श्री ने बताया कि पशुपालकों को बेहतर हरा चारा मिले इस पर मेरा ध्यान गया जिसको लेकर साइलेज़ निर्माण का कारोबार शुरू किया। इसके लिए बिहार सरकार कैपिटल सब्सिडी बिहार एग्री इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी के तहत लोन मिला है और 4 करोड़ से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया । शाम्हो के रहने वाले सौम्य श्री ने दिल्ली से बी टेक की डिग्री हासिल की। उसके बाद अमेरिका में पढ़कर 2019 में एम टेक की डिग्री हासिल की। शिक्षा और व्यवसायिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से जुड़ा सौम्य श्री चाहता तो करोड़ों के पैकेज पर विदेश में इंजीनियरिंग की नौकरी कर सकता था, लेकिन उसने व्यवसाय को चुना और कार्य स्थल अपना गृह जिला बेगूसराय को बनाया। 2020 में सौम्य श्री ने साइलेज प्रोडक्शन प्लांट लगाया। जिससे कि पशुपालकों को अपने मवेशी के लिए सालों भर हरा चारा मिल सके, वह भी मिनरल से युक्त और सूखा चारा भूसा से भी कम दाम पर। आज नवगंगा ब्रांड के नाम से साइलेज बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश ,झारखंड, उड़ीसा भी सप्लाई किया जाता है।साइलेज के बनने से एक ओर पशुपालकों को गर्मी और सुखाड़ के समय भी सस्ते दरों पर हरा चारा मिल जाता है, तो वहीं किसानों को समय से पूर्व ही मक्का का पूरा दाम मिल रहा है। इस प्रोजेक्ट में मशीन चालक, टेक्निकल पर्सन और मजदूर सहित 40 लोग काम कर रहे हैं। 50 किलो और 400 किलो का पैकिंग कर साइलेज विभिन्न राज्यों में भेजा जा रहा है। साइलेज बनाने के लिए मक्का का पूरा पौधा दाना सहित काटकर वैक्यूम पैक किया जाता है। इसमें मिनरल्स मिलाया जाता है, जिसके बाद हरा चारा से बेहतर काम करता है। एक साल तक इसका उपयोग किया जा सकता है। इससे पशुओं का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और दूध भी अधिक होता है।10 हजार टन प्रतिवर्ष साइलेज का निर्माण हो रहा है। सौम्य श्री ने बताया कि हमारा एकमात्र उद्देश्य है हर मौसम में पशुओं को हरा चारा मिले। साइलेज प्राकृतिक पशु चारा और प्रोटीन युक्त है। इसमें भरपूर दाना भी है, मवेशी को पचने में आसान है, सबसे बड़ी बात है कि हर मौसम और हर समय इसकी उपलब्धता है। बाइट - सौम्य श्री वहीं पशुपालन पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि साइलेज़ के निर्माण होने से पशुपालक को तो लाभ मिलता ही है साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिल जाता है बाइट राकेश कुमार पशुपालन पदाधिकारी
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