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भोपाल में शरिया कोर्ट का राज, मुस्लिम महिलाओं का आक्रोश!
PSPramod Sharma
FollowJul 11, 2025 08:32:27
Noida, Uttar Pradesh
*भोपाल में शरिया कायम, लगता तो ऐसा ही है! भोपाल HC के आदेश को ताक पर रख काजियों की शरिया कोर्ट सरेआम करा रही तलाक,मुस्लिम महिलाओ में आक्रोश शरिया कोर्ट को लेकर,26 साल की बुसरा का शरिया कोर्ट ने कर दिया दो बार तलाक*
- एमपी की राजधानी भोपाल में शरिया कानून कायम ये में इस लिए कह रहा हूँ ....क्योंकि भोपाल में शरिया कोर्ट चल रही है HC जबलपुर के आदेश को नहीं मान तो और क्या समझा जाय ....मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में काजी अपनी मनमानी कर रहे है .. हाई कोर्ट जबलपुर के सख्त आदेश को ताक पर रख तलाक करवा रहे है ...
- ये जो उर्दू के सर्टिफिकेट है ये तलाक नामा है भोपाल की शरिया कोर्ट के इसमें बाकायदा काजी सिग्नेचर है ...साल 2020 से अबतक हर साल पांच सालों में लगभग 1 हजार से ज्यादा हर साल काजियों में तलाक कर दिए....
- खाता न वही, काजी जो करे वही सही ...
- साल 2009 में जहीर कोटी ने जबलपुर कोर्ट याचिका लगाई,साल 2012 में HC ने साफ़ कहा भोपाल मसजिद कमेटी की दारुल कजा वैवाहिक विवाद तलाक मामलों फैसले न ले ... HC के आदेश के बाद काजी नहीं माने मनमानी करते रहे तो साल 2019 एक फिर वसीम खान ने जबलपुर हाईकोर्ट में कंटेम्प्ट पिटीशन दायर की याचिका कर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदिल उस्मानी ने पैरवी की .... कोर्ट की फटकार के बाद शहर काजी और मसाजिद कमेटी के सचिव कोर्ट में हाजिर हुए और लिखित एफिडेविट देकर माफ़ी मांगी पेरेलर कोर्ट नहीं चलाएंगे भविष्य में तालक से संबंधित मामलों को लेकर ज़ी न्यूज के पास वो माफ़ी वाला एफिडेविट है जिसमे साल 24 फरवरी 2020 को वर्तमान काजी मुश्ताक अली नदवी और मसजिद कमेटी के तत्कालीन सचिव ने माफ़ी मांगी थी जिसके बाद हाई ने क्लियर कट आर्डर पास किया था की भविष्य में ऐसी गलती न दोहराये तभी ये माफ़ी मान्य है और याचिका डिस्पोजल कर दिया पर काजी कहा मांनने वाले रात गयी बात गयी शरिया के शागिर्दो ने तलाक देने वाले शरिया कोर्ट की दूकान शुरू कर दी ज़ी न्यूज के पास मौजूद तलाक नामा प्रमाण पत्र साफ़ बयान कर रहा है की कोर्ट में माफ़ी मांगने के दो सप्ताह के भीतर रेशम और रिजवान का तलाक कर दिया है ...
(कॉपी - 2020 - 2024 तक के तलाक प्रमाण पत्र मसाजिद कमेटी की शरिया कोर्ट जिसमे काजी तलाक कर अपने सिग्नेचर से प्रमाण पत्र जारी कर रहे है इनकी कॉपी )
(कॉपी - 2012 HC आर्डर जहीर कोटी की पिटीशन को लेकर तलाक करने वाली काजी कोर्ट को बंद करने का)
(कॉपी - 24/02/2020 वर्तमान काजी मुशताक अली नदवी और मसाजिद कमेटी के सचिव का माफ़ी नामा जो कोर्ट में प्रस्तुत किया था कोर्ट कंटेम्प्ट मामले में)
(कॉपी - 2020 मोहम्मद वसीम की कोर्ट कंटेम्प्ट याचिका को लेकर HC की आदेश कॉपी तलाक की पेरेलर कोर्ट नहीं चला सकते)
- एमपी में शरिया कोर्ट, एमपी में काजी करवा रहे हैं तलाक, एमपी एचसी ने कहा था काजी समानांतर अदालत नहीं चला सकता है, काजी ने माफीनामा भी दिया था, इसके बावजुद तलाक के मामले निपटारे करवा रहे हैं काजी ... काजियों के शरिया कोर्ट से भोपाल की बुसरा इस कदर पीड़ित है की इसकी उम्र 26 साल है और शरिया कोर्ट इसके दो तलाक कर चुका है ... साल 2018 में पहली शादी हुई पहले पति ने मसाजिद कमेटी काजी के सामने ले जाकर कागज पर सिग्नेचर कराये और 500 देकर महिला को घर छोड़ दिया पहले पति ने मेने तालाक दे दिया तुम्हे... मजबूर बुसरा ने साल 2024 में दूसरी शादी की उसने भी उपयोग की वस्तु समझा और मसाजिद कमेटी लाकर काजी के सामने तलाक ले लिया अब मजबूर बसरा थाने के चक्कर काट रही है...न भरण पोषण मिला न हक चंद पैसे लेकर काजी ने बिना पूछे तलाक कर दिया...
(121- बुसरा खान पीड़ित डबल तलाक भुक्त भोगी)
- समा तनवीर बताती है काजी मसाजिद कमेटी मिलकर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का खुलेआम हनन कर रहे है...भोपाल में खुलेआम काजी पेरेलर तलाक कोर्ट चला रहे है...मुस्लिम महिलाएं भारी पीड़ित है...मुस्लिम महिलाओ को काजियों ने पैर की जूती समझ ली है...दुख होता पैसे लेकर काजी खुलेआम तलाक करा रहे है...
(121- समा तनवीर सामाजिक कार्यकर्ता)
- अपनी बेटी का मसाजिद कमेटी से तलाक कराने वाले ये है तौकीर निजामी जो खुलेआम काजियों की शरिया कोर्ट का समर्थन कर रहे है और कह रहे है हमारे धर्म के हिसाब से सही हो रहा है....
(बाइट- तौकीर निजामी अपनी बेटी का मसाजिद कमेटी से तलाक कराने वाले पिता)
- साल 2020 वसीम की कंटेम्प्ट कोर्ट पिटीशन की पैरवी करने वाले आदिल उस्मानी बताते है कि साल 2020 में साफ पर वर्तमान काजी ओर तत्कालीन मसाजिद कमेटी के सचिव ने मौजूद होकर कोर्ट में माफी मांगी लिखित एफिडेविट दिया इसके बाद भी तलाक करा रहे है तो ये हाईकोर्ट के दूसरे कंटेम्प्ट के दायरे में आती है...यह बर्दाश्त योग नही है...
(बाइट- आदिल उस्मानी याचिका कर्ता के वकील साल 2020 HC)
- ये मसाजिद कमेटी जिसके अंदर ये जो चेम्बर है वो काजी की शरिया कोर्ट है...सब कुछ आपको कोर्ट जैसा नजर आ रहा होगा यंहा बैठे ये वही काजी है जो साल 2020 में जबलपुर हाईकोर्ट में माफी मांग कर आये थे कि तलाक नही कराएंगे पर शरिया कोर्ट सरेआम अभी चला रहे है....ज़ी मीडिया संवाददाता प्रमोद शर्मा ने जब शहर काजी मुश्ताक अली नदवी से बात की तो इन्होंने साफ स्वीकारा कोर्ट जैसा काम कर रहे है...शरिया के हिसाब से पति पत्नी तलाक ले लेते है तो वो इन्हें तलाक करवाकर प्रमाण पत्र जारी कर रहे है जिसकी फीस भी वसूलते है...
(121- मुश्ताक अली नदवी शहर काजी)
- शरिया कोर्ट में तलाक की फीस ₹2500 ली जाती है कई लोगों सांठगांठ करके ज्यादा पैसे देकर तत्काल तलाक कर रहे हैं ...महिलाएं परेशान हो रही है जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है यह तस्वीर और यह हालत देखकर लगता है कि भोपाल में सरिया कानून कायम है...
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