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रेलवे के डीआरएम ने नर्सरी उखाड़ने पर चुप्पी साधी, जानें क्या कहा!
Jhajjar, Haryana
20लाख की लागत से बनी पौधों की नर्सरी क्यों उखाड़ी,जवाब नहीं दे पाए रेलवे के डीआरएम
: झज्जर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे थे डीआरआएम पूु्ष्पेन्द्र रमन त्रिपाठी
कहा: जवाब में इतना बोले,जरूरत पड़ी तो दोबारा से रेलवे स्टेशन पर बनवाई जाएगी पौधों की नर्सरी
: जांच कराए जाने की बात कह कर पल्ला झाड़ा
: झज्जर-रिवाड़ी रोहतक रेलवे लाईन के दोहरीकरण को लेकर पूछे गए सवाल का भी दिया जवाब
कहा: चल रहा है सर्वे,जल्द होगी मांग पूरी,झज्जर-फरूखनगर रेलवे लाईन को लेकर भी बोले डीआरएम
: जांच कराकर ही कुछ कहना होगा सम्भव,लोग चाहते है कि उनके घर के सामने आकर खड़ी हो रेलगाड़ी
: व्यापार मंडल ने झज्जर में कुछ नई रेलगाड़ी शुरू करने को लेकर सौंपा डीआरएम को ज्ञापन
: व्यापार मंडल की मांग पर सहानुभूति विचार किए जाने की कही डीआरएम ने बात
: झज्जर से खाटू श्याम के लिए चलने वाली रेलगाड़ी नियमित तौर पर चलाए जाने का दिया आश्वासन
एंकर रीड़ झज्जर,हरियाणा
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वैसे तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस बार मानूसन के नजदीक आता देख पूरे देश के लोगों से एक पेड़ मां के नाम लगाए जाने की अपील की थी,लेकिन प्रधानमंत्री की इसी अपील को दरकिनार करते हुए जहां झज्जर के शहीदी पार्क से करीब डेढ़ दर्जन हरे-भरे पेड़ काटकर पूरी हरियाली का नष्ट कर दिया गया,वहीं झज्जर रेलवे स्टेशन पर पूर्व में करीब बीस लाख रूपए की लागत से बनाई पौधों की नर्सरी को भी उखाड़ फैंका गया। इसका जवाब जानने के लिए जब मीडिया से झज्जर रेलवे स्टेशन पर नीरिक्षण करने पहुंचे रेलवे विभाग के डीआरएम पुष्पेन्द्र रमन त्रिपाठी से सवाल किया तो वह अपने जवाब में इतना ही बोले कि जरूरत पड़ी तो दोबारा से नर्सरी को यहां रेलवे स्टेशन पर बनवा दिया जाएगा। उन्होंने जवाब में इस मामले को चैंक करने की भी बात कही। त्रिपाठी सोमवार को झज्जर रेलवे स्टेशन पर निरिक्षण करने पहुंचे थे। उनकी आहट भांपकर झज्जर से हरियाणा व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल भी जिलाध्यक्ष राकेश अरोड़ा के नेतृत्व में उनसे मिलने पहुंचा और झज्जर में कई नई रेलगाड़ियां चलाए जाने की मांग कर डाली। उनकी मांग पर डीआरएम ने सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने की बात कही है। उन्होंने यहां झज्जर से खाटूश्याम के लिए कुछ समय चलने वाली रेलगाड़ी को नियमित रूप से चलने का आश्वासन भी दिया। रेलवे रिर्जेवेशन कॉऊंटर शुरू करने को लेकर डीआरएम ने इतना ही कहा कि इसके लिए जरूरी सवारियां होनी जरूरी होती है। लेकिन पूर्व में रिर्जेवेशन सेंटर को इसीलिए बंद किया गया था क्योंकि यहां से रिवैन्यू नहीं आ रहा था। झज्जर-फरूखनगर रेल लाईन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने इतना हीं कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है वह जांच कराए जाने के बाद ही कुछ कह सकते है। झज्जर-रिवाड़ी-रोहतक रेलमार्ग को दोहरीकरण करने के सवाल पर डीआरएम ने कहा कि सर्वे चल रहा है अौर जल्द ही सार्थक परिणाम सभी के सामने होंगे। उन्होंने यहां के लोगों की कई रेल परियोजनाओं की मांग पर चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते है कि उनके घर के सामने ही रेलगाड़ी आकर खड़ी हो,लेकिन ऐसा कतई सम्भव नहीं है। उन्होंने इस दौरान झज्जर रेलवे स्टेशन का निरिक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
बाइट: डीआरएम पुष्पेन्द्र रमन त्रिपाठी।
झज्जर
सुमित कुमार
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