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सीकर दौरे पर प्रहलाद राय टांक ने किया माटी कला का प्रचार!
Sikar, Rajasthan
सीकर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष रहे दो दिवसीय सीकर दौरे पर
प्रहलाद राय टांक है माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष
कल खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन कर सीकर के सर्किट हाउस में किया रात्रि विश्राम
आज भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर समस्याओं का समाधान करने के अधिकारीयो को दिए निर्देश
नवलगढ़ रोड स्थित कुमावत छात्रावास में माटिकला बोर्ड के जागरूकता शिविर में करी शिरकत
एंकर
सीकर श्री माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टांक कल दो दिवसीय दौरे पर सीकर पहुंचे जिसमें उन्होंने कल प्रसिद्ध खाटू धाम के दर्शन कर रात्रि विश्राम सीकर स्थित सर्किट हाउस में किया इसके बाद आज सावली बाईपास स्थित भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनी वह अधिकारियों को जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए इसके बाद नवलगढ़ रोड स्थित कुमावत छात्रावास में श्री यादें माटी कला बोर्ड द्वारा आयोजित जागरूकता शिविर में शिरकत की कार्यक्रम के दौरान माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टांक भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज बाटड़ सहित भाजपा कार्यकर्ता वह कुमावत समाज के महिला व पुरुष मौजूद रहे प्रहलाद राय टॉक अध्यक्ष श्री यादें माटी कला बोर्ड राजस्थान सरकार ने बताया कि सीकर के अंदर सीकर जिले के लिए श्रीयादे माटीकला बोर्ड हमारा जो बोर्ड है उसका जागरूकता शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसके अंदर कुमावत छात्रावास के अंदर हो रहा है और इस आयोजन को लेकर लोगों के अंदर जो उत्साह है वो भी आपके सामने है। ये आज जिले के अंदर जिन लोगों ने ऑनलाइन आवेदन भरे थे, जो कि उन ऑनलाइन आवेदनों में से आज यहाँ पर चयन की प्रक्रिया है।मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने माटीकला बोर्ड का गठन अपनी सरकार के बनते ही तीन महीने के अंदर किया और मुझे इसका चैयरमैन बनाकर लोगों की सेवा करने का मौका दिया। उन्होंने पिछले बजट के अंदर भी एक हजार।की संख्या में मिट्टी बूंदने की मशीनें देने की घोषणा की थी। वो हमने कर दी वो पूर्व राजस्थान के अंदर उनका पहले नंबर आया था। पहले फेस में अब दूसरे फेस के अंदर ये जो 17 जिले बचे हुए है उनके अंदर ये कार्यक्रम चल रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री का इस बात का भी धन्यवाद है की इस बार उन्होंने बजट दुगना कर दिया। बहुत बहुत हम उनका आभार व्यक्त करना चाहते है और साथ ही साथ में मैं इसके लिए विद्युतचलित चाक और मिट्टी गूंधने की मशीनों के बारे में आपके चैनल के माध्यम से आपके मीडिया के माध्यम से बताना चाहूंगा कि हमारे कामगारों केजो परिवार है वो इतने दयनीय स्थिति में रह रहे हैं कि वो आज तक 75 सालों के अंदर किसी ने संभालना और ना ही उनको आज जो काम करते थे उनकी रोज़ी रोटी बड़ी मुश्किल से चलती थी। उस रोज़ी रोटी के चलते करते वो आज तक विद्युतचलिक चाक नहीं खरीद पाए।और जो पत्थर वाला आज भी उसको चला रहे है और पैरों से ही मिट्टी गुंदते जा रहे है और उसके अंदर उस इस मिट्टी गुंदने की प्रक्रिया में उनका पूरा परिवार साथ लग जाता है और घर कमजोर होने की वजह से पढ़ाई भी छूट जाती है बच्चों की तो उसके लिए ये हमने देखा।विद्युत चालित से उनका उत्पादन दुगना हो जाएगा। उनकी आय दुगनी होगी। घर के अंदर से इन्कम आने से अच्छे से बच्चों को पढ़ा सकेंगे। उनका समय बचेगा मेरी। मैं जब धाम योजना के बारे में बताता हूँ और जो बांटते हैं तब वितरण कैंप में हम उनको एक बात कहते है भाई ये तो आप हमारे से ले लो लेकिन हमे एक वायदा दे दो की आप बच्चों की पढ़ाई बीच में नहीं छुड़ाएंगे और वो बच्चों को पढ़ाने के अंदर ये बड़ा योगदान रहेगा। मुख्यमंत्री का इस बात के लिए धन्यवाद की हमारा माटीकला बोर्ड भी इसमें रोजगार के अंदर स्व रोजगार से स्वावलंबन की ओर बढ़ रहा है।जो कामगार हाथ से काम कर रहा है उसको किसी और के आगे हाथ न फैलाना पड़े, इसके लिए मुख्यमंत्री ने ये जो घोषणा की बजट घोषणा उस बजट घोषणा की क्रियान्वित के तहत आज ये कार्यक्रम है। इसके बाद में जब यहाँ चयन हो जायेगा तो हमने अबकी बार की जो दो हजार की घोषणा है उसमें।प्रत्येक विधानसभा में से 10 की संख्या में हमने देने का किया है क्योंकि 14,000 के आसपास आवेदन आ गए। उनमें से जैसे जैसे किसी विधानसभा में 10 से नीचे रह जाते हैं उनको सभी को और जब ज्यादा हो जाता है तो लॉटरी सिस्टम से हम उनका चयन करते हैं। बाकी बाद में बजट दोबारा आएगा तो और देंगे।लेकिन अभी प्राथमिक तौर पर सभी में तो आज सीकर जिले के अंदर आठ विधानसभाएं हैं। आठ के अंदर 80 उनके हैं। उनके हम लाटरी से चयन हो, चाहे सीधे चयन हो उनको हम यहाँ पर चयन करेंगे। चयन के बाद में उनको 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके अंदर उनको खाली माटी की जो ये हमारी प्रशिक्षण है, ये कोई माटी, कला जो है ये केवल बर्तन बनाने तक ही सीमित नहीं है। हमारे राजस्थान के अंदर शावा की मुखोटा कला हमारे राजसमंद के मोलेला की टेराकोटा क्राफ्ट है।पोकरण की पोर्ट्री की है रामगढ़ की कागजी पोटरी है इस प्रकार से अनेक अनेक है और यहाँ मैं अभी शाहपुरा के अंदर। अजीतगढ़ के पास में एक नया गांव है वहां एक बच्चे की प्रतिभा देखते ही ऐसे बनती थी कि वह एक छोटी-छोटी मूर्तियां बनाकर आप किसी की भी दे दो वह चार घंटे के अंदर आपको मूर्ति बना देगा गांव में हमारे बड़े-बड़े कलाकार बैठे हैं तो जिस तरीके से कल है चित्रकला वाक्य कला नृत्य कला इस तरीके से यह एक माटी कला भी है और साथ ही साथ यह कल के द्वारा राजस्थान की मिट्टी बर्तनों के द्वारा लोगों के होठों तक पहुंचे और उनको चाय वह गर्म पदार्थ का आनंद आए इसके लिए ही हम काम कर रहे हैं वह बाजार की व्यवस्था भी उपलब्ध करवा रहे हैं वह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का भी लाभ दिला रहे हैं और साथ ही साथ में आपको बताना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री ने माटी कामगारों के लिए जो पहले मिट्टी लेकर आते थे उन पर रॉयल्टी लगती थी वह रॉयल्टी के बारे में जानते नहीं थे जिसके कारण उनके चालान कट जाते थे और अब मुख्यमंत्री ने इसको रॉयल्टी से फ्री कर दिया है और अब मिट्टी से संबंधी इनको कोई भी परेशानी नहीं हो रही है इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद हमारे लोगों को रोजगार मिलेगा उनका जीवन स्थर ऊंचा होगा वह आज के समय में माटी कला से वहीं युवक दूर हो रहे हैं जिनके रोजगार का कोई साधन नहीं है जिनको रोजगार मिल रहा है आज सरकार द्वारा हर 100 लोगों को पचास हजार रुपए की मशीन दी जा रही है जिनसे इनकी महीने की आय कम से काम भी एक लाख रुपए हो रही है पाली के अंदर इस काम के अंदर नए लोग भी आ रहे हैं क्योंकि वहां पर 50 हजार रुपए तो सिकोरो की जो केवल चाय के सिकोरे आते हैं जितना मेरे को नॉलेज है नए लोग आ रहे हैं वह फैक्ट्रियां लगा रहे हैं प्रोडक्शन कर रहे हैं राजस्थान के अंदर अभी कुल 5 फैक्ट्रियां लग रही है जो काम से काम भी 60 लाख रुपए से लेकर डेढ़ करोड़ रुपए के निवेश की है इससे साफ पता चलता है कि लोग इसमें आ रहे हैं वह काम के प्रति जागरूकता बढ़ रही है
बाइट प्रहलाद राय टांक अध्यक्ष माटी कला बोर्ड राजस्थान सरकार
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