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नक्सलियों की नई जिंदगी: सरकार ने दी आत्मनिर्भरता की राह!
Narayanpur, Chhattisgarh
एंकर - नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सलवाद के खिलाफ हुई लगातार कार्यवाही और पुलिस बेस कैंपों की स्थापना के बाद सक्रिय नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीने की चाह में सरेंडर किया । जिले में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए एक नई शुरुआत हुई है आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रधानमंत्री कौशन विकास केंद्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है । उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा अपने दौरे के दौरान पुनर्वास केंद्र नारायणपुर में आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद किया और उन्हें शासन की समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
*आत्मसमर्पित नक्सलियों की कहानी*
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बताया कि गांव में नक्सलियों आकर डरा धमकाकर नक्सली संगठन में काम करवाते थे नक्सलियों के भय के चलते शासन प्रशासन के खिलाफ काम करते , पहले वे नक्सल संगठन में शामिल होकर भटके हुए जीवन जी रहे थे, लेकिन अब सरकार की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें बेहतर जीवन मिला है। वे अब समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं।
*कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण*
आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास के तहत कम्प्यूटर, सिलाई , पलंबर और अन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इससे वे आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपनी जगह बना सकेंगे।
*उप मुख्यमंत्री के निर्देश*
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड पुनर्वास केंद्र में ही बनवाकर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की समस्त योजनाओं का समुचित लाभ मिलना चाहिए।
*आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास*
सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। उन्हें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। इसके अलावा, उन्हें एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने और रायपुर, जगदलपुर जैसे शहरों में ले जाने के निर्देश दिए गए हैं।
*शिक्षा और रोजगार पर जोर*
सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को साक्षर बनाने के लिए भी प्रयास कर रही है। उन्हें पढ़ाई के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं और नियमित आय के स्रोत हासिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें खेलकूद, मनोरंजन और देशभक्ति फिल्मों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है।
*निष्कर्ष*
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सरकार की पुनर्वास नीति एक वरदान साबित हो रही है। इससे वे आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। सरकार के प्रयासों से आत्मसमर्पित नक्सलियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
बाइट 01 सरेंडर नक्सली
बाइट 02 सरेंडर नक्सली
बाइट 03 सरेंडर महिला नक्सली
बाइट 04 सरेंडर महिला नक्सली
बाइट 05 सरेंडर महिला नक्सली
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