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मनकामेश्वर मंदिर में पुजारियों के लिए नई गाइडलाइन: जानें क्या है खास!
Prayagraj, Uttar Pradesh
प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में पुजारियों के लिए गाइडलाइन,
सावन माह से पहले मनकामेश्वर मंदिर प्रबंधन ने जारी की गाइडलाइन,
सावन मास में गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन नहीं करेंगे पुजारी,
शास्त्रों के अनुसार ही श्रावण मास में रुद्राभिषेक में शामिल होंगे पुजारी,
गाइडलाइन की अनदेखी करने वाले पुजारियों का मंदिर में प्रवेश वर्जित होगा।
एंकर --
पवित्र श्रावण मास को लेकर प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों और पुजारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। मंदिर प्रबंधन ने साफ किया है कि अभिषेक कराने वाले पुजारी गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन नहीं करेंगे। यह नियम न सिर्फ पुजारियों पर लागू होगा बल्कि रुद्राभिषेक के लिए मंदिर आने वाले भक्त भी भोलेनाथ को स्पर्श नहीं कर पाएंगे। इसके पहले मंदिर प्रबंधन ने रुद्राभिषेक के लिए जींस और टीशर्ट को प्रतिबंधित किया है। महिलाएं साड़ी या शूट सलवार में और पुरुष धोती कुर्ते में अभिषेक कर पाएंगे। वहीं श्रद्धालुओं के रुद्राभिषेक में शामिल होने के लिए ड्रेस कोड़ तय करने के बाद मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने पुजारियों के लिए भी गाइडलाइन तय कर दी है।
मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्रीधरानंद महराज ने कहा कि सनातन की वैदिक परम्परा से खिलवाड़ न हो इसके लिए यह कदम उठाया गया है। आधुनिकता के युग में हम अपनी परम्परा और संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहें हैं। धर्म और कर्मकांड में भी हम परम्पराओं से हो रहे खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसी उद्देश्य से मंदिर प्रबंधन ने सभी पुजारियों को साफ हिदायत दी है कि वह गुटखा, पान और ध्रूमपान का सेवन कर श्रावण मास में अभिषेक में शामिल होंगे। इतना ही नहीं अगर किसी ने नियमों को तोड़ने का प्रयास किया तो उसे चेतावनी स्वरूप पहले एक महीने के लिए और बाद में सुधार नहीं होने पर हमेशा के लिए मंदिर परिसर में एंट्री प्रतिबंधित कर दी जाएगी। वहीं मंदिर प्रबंधन के फैसले का मनकामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु स्वागत कर रहें हैं।
बता दें कि प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित है। यहां पर त्रेता में भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे तो उन्होंने यहां पर माता सीता के साथ अभिषेक किया था। इस लिए यहां का महात्म काफ़ी बढ़ जाता है। श्रवण मास में तो हर दिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। श्रवण के सोमवार पर यहां भक्तों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाता है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन चाहता है कि सनातन की मर्यादा और परम्परा से कोई खिलवाड़ न हो, विधि विधान के साथ होने वाले अनुष्ठान से ही फल की प्राप्ति होती है। इस लिए मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के साथ पुजारियों के लिए गाइडलाइन तय की है।
बाइट -- श्रीधरानंद जी महराज, महंत मनकामेश्वर महादेव मंदिर
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