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मीरा-भायंदर में भाषा विवाद: व्यापारी पर हमला, क्या है सच्चाई?
Sirohi, Rajasthan
एंकर - महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद ने तूल पकड़ लिया है। मीरा-भायंदर में मराठी भाषा नहीं बोलने पर एक राजस्थानी व्यापारी के साथ मारपीट के मामले से पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया। आरोप है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने व्यापारी को सिर्फ इसलिए पीट दिया क्योंकि उसने मराठी में जवाब नहीं दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे देश में गुस्सा देखा जा रहा है। आइए सबसे पहले देखते हैं विशेष संवाददाता शरद टाक की ग्राउंड रिपोर्ट
ओपनिंग पीटीसी
वीओ - ये तस्वीरें मीरा रोड की हैं, जहां 29 जून की रात मराठी भाषा विवाद को लेकर एक व्यापारी के साथ मारपीट की गई। आरोप महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे के कार्यकर्ताओं पर है। पीड़ित दुकानदार का कसूर बस इतना था कि उसने मराठी में बात नहीं की। वीडियो वायरल होते ही मामला गरमा गया। व्यापारी ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, आरोपियों की पहचान भी हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर कुछ घंटों में छोड़ दिया। इससे व्यापारी वर्ग में भारी नाराजगी है।
वीओ - मामले ने तुल पकड़ा और मीरा-भायंदर के व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया, जिसका शहरभर में व्यापक असर दिखा। हजारों व्यापारी वडेर भवन में जमा हुए और शांतिपूर्ण मोर्चा निकालकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक परिधान में मोर्चा संभाला और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस उपायुक्त प्रकाश गायकवाड को ज्ञापन सौंपा।
गायकवाड ने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई होगी और किसी भी हालात में कानून-व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी।
मीडिल पीटीसी
वीओ - इस पूरे घटनाक्रम के पीछे क्या सच में भाषा को लेकर आपस में विवाद उपजा है या फिर कुछ लोग इसे हथियार बनाकर वोटों की राजनीति करते हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि दरअसल महाराष्ट्र में हर बार बीएमसी चुनावों के आसपास भाषा को लेकर विवाद सामने आते हैं। कभी हिंदी बनाम मराठी तो कभी उत्तर भारतीय बनाम मराठी मानुष का मुद्दा गरमाया जाता है। लेकिन राजनीतिक दल जब इसे अपनी सियासत का औजार बनाते हैं तो इसकी आड़ में आम आदमी पिसता है। क्योंकि विवाद की आग में वोटों की फसल पकाई जाती है। विवाद का कारण जो भी रहा हो पर ऐसी घटनाओं में पीसीजता तो आमआदमी है।
बाइट - राकेश राजपुरोहित, प्रवासी नेता
वीओ - इस घटना की गूंज अब राजस्थान तक सुनाई दी है।
राजस्थान सरकार के पंचायती राज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी और जालौर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी के अलावा कई नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मीरा-भायंदर में भाषा विवाद को लेकर व्यापारी वर्ग में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है। हजारों की संख्या में व्यापारी और महिलाएं सड़कों पर उतरे। व्यापारियों का साफ कहना है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विओ - फिलहाल मीरा-भायंदर में हिंदी बनाम मराठी विवाद एक बार फिर चर्चा में है। व्यापारी वर्ग का गुस्सा साफ नजर आ रहा है और राजस्थान के साथ साथ पूरे देश में इसकी गूंज पहुंच चुकी है। अब सवाल यही है कि दोषियों के खिलाफ कब तक कार्रवाई होगी।
क्लोजिंग पीटीसी
शरद टाक
जी मीडिया
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