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West Champaran845101

बिहार के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, बच्चों का भविष्य संकट में!

IAImran Ajij
Jul 08, 2025 09:07:53
Bagaha, Bihar
BIHAR DESK... LOCATION- BAGAHA REPORT- IMRAN AZIZ FORMAT- PKG, VISUAL BYTE 0807ZBJ_BAGA_SCHOOL_R ANCHOR- बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर सरकार गंभीर है, हर रोज़ विभाग नए नए प्रयोग कर शिक्षकों को अलर्ट कर रहा है जबकि बुनियादी सुविधाएं आज भी कई ऐसे विद्यालयों को नसीब नहीं हुईं हैं लिहाजा छात्रों के साथ साथ शिक्षक भी परेशान हैं। कहीं भवन नहीं हैं तों कहीं भूमि का पेंच फंसा है लिहाजा नौनिहालों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहें हैं औऱ शिक्षा विभाग के दावों की पोल खुल रही है। ताज़ा मामला पश्चिम चम्पारण ज़िला के मधुबनी प्रखंड स्थित घेवड़ही का है जहाँ विद्यालय भवन औऱ बाउंड्री वाल की बाट जोह रहें छात्र औऱ शिक्षक तक परेशान हैं हालांकि प्रभारी BEO आलोक ने DEO बेतिया को रिपोर्ट जरूर भेजा है लेकिन हालात बद से बदतर हैं। दरअसल उतर प्रदेश की सीमा पर स्थित मधुबनी प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय घेवडही में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाई होती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में स्कूल की स्थिति दयनीय है। इस प्राइमरी स्कूल में चार शिक्षक हैं, जिनमें तीन महिला और एक पुरुष शिक्षक शामिल हैं। प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर हरिप्रसाद यादव बताते हैं की वर्ष 1971 में स्थापित इस विद्यालय को जमींन व भवन के अभाव में वर्ष 2016 में गाँव के बाहर शिफ्ट किया गया तब दो कमरें थे लेकिन जो खंडहर होने के चलते 2011 में अतिरिक्त भवन निर्माण के लिए विभाग से राशि भी आवंटित हुईं लेकिन जमींन प्रयाप्त नहीं होने के कारण निर्माण अधर में लटक गया। अब भूमि आवंटित कर दीं गईं है लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण दुसवारी झेलनी पड़ रही है। बताया जा रहा है की 100 नामांकित गरीब परिवारों के बच्चे विद्यालय भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में पढ़ते हैं, सरकारी विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। स्कूल भवन और बाउंड्री वॉल जैसी आवश्यक सुविधाएं नहीं होनें से कई तरह की परेशानी से छात्र औऱ शिक्षक जूझ रहें हैं। प्रधान शिक्षक हरिप्रसाद यादव ने बताया कि विद्यालय भवन के लिए कई बार अधिकारियों को लिखित औऱ मौखिक से शिकायत दर्ज़ कराई गईं है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। लिहाजा बाउंड्री वॉल औऱ भवन के अभाव में स्कूल परिसर की सुरक्षा खतरे में है । ख़ास बात यह है की विद्यालय भवन नहीं होने से प्रशासनिक कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं। स्कूल के कागजात, रजिस्टर औऱ अन्य सामग्री कटरेन नुमा कच्चे मकान में रखी जा रही है। छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों को पढ़ाई में ख़ासा परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में पानी भर जाता है, जिससे बच्चों को बैठने और पढ़ने में काफ़ी मुश्किल होती है। जबकि धूप में बैठने के कारण बच्चे अक़्सर बीमार पड़ जाते हैं। ग्रामीणों ने मांग किया है कि सरकार और शिक्षा विभाग जल्द से जल्द स्कूल की स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए । ताकि नौनीहालों का भविष्य सवारा जा सकें। इस संबंध में प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आलोक ने कहा है कि निरीक्षण के दौरान मामला संज्ञान में आया है जिसको लेकर वरीय पदाधिकारीयों व DEO को रिपोर्ट भेजा गया है जल्दी हीं समस्या का समाधान होगा औऱ भवन निर्माण कार्य शुरू करवाए जायेंगें। स्कूली छात्र प्रीतम का कहना है की धूप औऱ बरसात के इस मौसम में पढ़ाई पूरी करने को भारी दिक्क़तें उठानी पड़ रही है खुले आसमान के निचे यहाँ कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों को फर्श पर बैठाया जाता है। बता दें की मधुबनी प्रखंड प्रभारी BEO के भरोसे चल रहा है जहाँ विद्यालय भवन के अभाव में छात्रों से लेकर शिक्षक बेहाल हैं जो सिस्टम की नाकामी को दर्शा रहा है जिससे शिक्षा विभाग की कारस्तानी भी उजागर हो रही है. ऐसे में सब पढ़ें, सब बढ़ेँ औऱ स्कूल चलें हम का नारा बेमानी साबित हो रहा है...! देखिए इस रिपोर्ट में, बाइट- प्रीतम, परेशान स्कूली छात्र बाइट- गीता देवी, स्थानीय, ब्लू शूट पहनी हुईं बाइट- हरिप्रसाद यादव, प्रधान शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय घेवड़ही मधुबनी, टोपी औऱ गुलाबी रंग की शर्ट पहने बाइट- सुभाष कुशवाहा, पूर्व मुखिया, बैगनी रंग की कुर्ता पहने दवा दुकान में बाइट- आलोक, प्रभारी BEO मधुबनी, आसमानी रंग की शर्ट पहने
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