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कुदरगढ़ धाम: नवरात्र में माता बागेश्वरी का चमत्कार, भक्तों की उमड़ती भीड़
OTOP TIWARI
Sept 23, 2025 06:03:37
Surajpur, Chhattisgarh
एंकर -- मां भगवती आदि शक्ति जगत जननी बागेश्वरी देवी कुदरगढ़ी का पावन धाम… नवरात्र के पावन अवसर पर श्रद्धा और आस्था का संगम के रूप में स्थापित है,, लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर माता रानी के चरणों में मत्था टेक रहे हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे हैं,, नवरात्र के दूसरे दिन भी कुदरगढ़ धाम में भक्तों का तांता देखने को मिल रहा है,, साथ ही इस धाम का बलि प्रथा इसे अन्य देवी धर्मों से अलग बनाता है, वही जल्द ही रोपवे शुरू होने की उम्मीद के बाद श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है,,
वी.ओ. -- सूरजपुर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ओडगी विकासखण्ड में स्थित कुदरगढ़ धाम,,घने साल के वृक्षों और झरनों के बीच गगनचुंबी पहाड़ी पर विराजित मां बागेश्वरी देवी,करीब 1500 फीट ऊंचे पहाड़ और लगभग एक हजार सीढ़िया चढ़ने के बाद वट वृक्ष की छांव तले विराजमान मां कुदरगढ़ी को शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है, मान्यता है कि यहीं माता ने तप कर अनेक राक्षसों का संहार किया, कालांतर में इस पर्वत को दौड़कर चढ़ने की परंपरा के चलते सरगुजिया बोली में ‘कुदना’ शब्द से इसका नाम कुदरगढ़ पड़ा,,यहां आदिकाल से बलि प्रथा चली आ रही है, भक्त अपनी श्रद्धा और परंपरा के अनुसार मां को बकरे की बलि अर्पित करते हैं।"
बाइट – नरेंद्र देव चरवा,, बैगा/पुजारी
* *माँ बागेश्वरी देवी कुदरगढ़ धाम का इतिहास*
माँ बागेश्वरी देवी धाम, छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के ओड़गी जनपद के कुदरगढ़ ग्राम पंचायत में पहाड़ी पर स्थित है, इस धाम के मुख्य द्वार पर नागराज रिशाल की पूजा होती है, परंपरा है कि यहाँ पहुँचने वाले प्रत्येक भक्त को नागदेवता को प्रणाम करना अनिवार्य है,,इस धाम के बीचों-बीच एक प्राकृतिक गुफा है जिसे सुरंगी कहा जाता है, श्रद्धालु मानते हैं कि यह गुफा सुरंग बनाकर सीधे शिवपुरी तक जाती है,,यहाँ भगवती बागेश्वरी देवी का भव्य स्वरूप स्थापित है, मंदिर में देवी की मूर्ति के साथ-साथ अनेक प्राचीन पाषाण प्रतिमाएँ भी हैं। इनमें मुख्य रूप से महिषासुर मर्दिनी की अद्भुत प्रतिमा है, साथ ही यहां राम, लक्ष्मण, जानकी और हनुमान की प्रतिमा है,ये सभी प्रतिमाएँ प्राचीन काल में इस पहाड़ी क्षेत्र पर स्थापित हैं, समय बीतने के साथ इन्हें पुजारियों द्वारा एकत्र कर पूजा अर्चना की परंपरा जारी रखी गई है, ऐतिहासिक साक्ष्यों से ज्ञात होता है कि यह क्षेत्र कभी चंदेल शासकों के अधीन था, चंदेलों की राजधानी बांधवगढ़ थी, बाद में उन्हें गोंड शासकों ने पराजित कर दिया,जिसके बाद तालुकदार चौहान क्षत्रिय राजा हर्रिसिंह ने इस क्षेत्र पर अधिकार किया, वे वर्तमान रामानुजगंज रियासत के अधिपति बने, उनकी राजधानी हर्रापुर थी,उनके शासनकाल में बागेश्वरी देवी मंदिर का विशेष रूप से जीर्णोद्धार किया गया और पूजा-अर्चना की व्यवस्था की गई,,बाद में इस धाम को भैयाथान एस्टेट के भैया बहादुर इन्द्रबहादुर सिंह द्वारा भैया पुजारियों के हवाले किया गया, तब से आज तक भैया पुजारी परिवार इस मंदिर की सेवा और पूजा-अर्चना करता आ रहा है,,आज भी नवरात्र के प्रथम दिन यहाँ कलश स्थापना की जाती है और पूरे नवरात्र भर धूमधाम से देवी की पूजा होती है, चैत्र और आश्विन नवरात्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं,माँ बागेश्वरी देवी को जगतजननी और आदिशक्ति का स्वरूप माना जाता है, भक्तों की मान्यता है कि यहाँ सच्चे मन से माँ की आराधना करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है,,कुदरगढ़ का माँ बागेश्वरी धाम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि यह ऐतिहासिक धरोहर भी है,, यहाँ चंदेल, गोंड और चौहान राजवंशों के इतिहास की छाप मिलती है और वर्तमान में यह स्थल लोकन्यास ट्रस्ट व पुजारी परिवार द्वारा संरक्षित है,,
वी.ओ. -- नवरात्र के अवसर पर लाखों श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। भक्त 9 दिनों तक ज्योति कलश स्थापित कर मां की आराधना करते हैं। जयकारों और घंटानाद से पूरा वातावरण गूंजायमान रहता है,, श्रद्धालु यहां हर साल यहां आते हैं और उनके द्वारा मां से जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है, आस्था और विश्वास का यह दरबार अनुपम है,, बताया जाता है कि जहां पर पशुओं की बलि दी जाती है वहां पर एक छोटा सा कुंड है जहां बाली का खून इकट्ठा होता है लेकिन मान्यता है कि चाहे एक दिन में सैकड़ो बलि दे दी जाए लेकिन वह छोटा सा कुंड कभी भरता नहीं है,,
बाइट – ओमकार पांडे,, श्रद्धालु
बाइट -- दीपक गुप्ता,, स्थानीय दुकानदार
बाइट – राम सेवक पैकरा,
वी.ओ. -- मां कुदरगढ़ी का दरबार आस्था का अद्भुत केंद्र ही नहीं, बल्कि एक खूबसूरत पर्यटक स्थल भी है, चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य, झरने और वनों से घिरा यह धाम हर आगंतुक को अपनी ओर खींच लेता है,मां के प्रति लोगों की आस्था दिन-ब-दिन और प्रगाढ़ होती जा रही है,,कुदरगढ़ धाम एक धार्मिक स्थल के साथ ही आस्था, परंपरा और संस्कृति का संगम है, आने वाले दिनों में रोपवे की शुरुआत से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ेगी और हर वर्ग के लोग मां बागेश्वरी का का दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले सकेंगे,,
पीटीसी
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FollowSept 23, 2025 07:46:19Nagaur, Rajasthan:नागौर
नागौर में नवरात्रा को लेकर सजे बाजार। इस दौरान नवरात्रा शुरू होते ही वाहनों के के शॉरूमो में दिखने लगी रोनक।
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VAVishnupriya Arora
FollowSept 23, 2025 07:46:06Noida, Uttar Pradesh:2309ZS_VHP_BT_MULLE_R
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