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जैसलमेर की मोर्चरी: शवों का अमानवीय सलूक, इंसानियत का क्या हुआ?

Shankar Dan
Jul 01, 2025 08:08:04
Jaisalmer, Rajasthan
जिला - जैसलमेर विधानसभा-जैसलमेर खबर की लोकेशन-जैसलमेर रिपोर्टर -शंकर दान मोबाइल -9799069952 जैसलमेर की मोर्चरी बनी नरक का द्वार, शवों संग हो रहा अमानवीय सलूक जैसलमेर जैसलमेर के एकमात्र बड़े अस्पताल जवाहर चिकित्सालय की मोर्चरी में शवों के रखरखाव की हालत बेहद दयनीय है। कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं होने के कारण शवों को बिना बर्फ के रखा जाता है, जिससे 48 घंटे में ही शव सड़ने लगते हैं और चारों ओर दुर्गंध फैलने लगती है। लावारिस शवों की हालत तो और भी बदतर होती है—चमड़ी गल जाती है, कीड़े लग जाते हैं। नगर परिषद कर्मचारियों के अनुसार, सड़ते शवों को उठाना बेहद मुश्किल हो जाता है। कई बार शिकायतें देने के बावजूद अस्पताल प्रशासन मौन है। क्या मृतकों के सम्मान का हक भी छीन लिया गया है? अब सवाल यह है कि क्या जैसलमेर की इस मोर्चरी को इंसानियत के नाम पर कोल्ड स्टोरेज मिलेगा या लापरवाही ऐसे ही लाशों को अपमानित करती रहेगी? यहां मृतकों के परिजनों को उनकी बॉडी लेने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालत यह है कि यहां पोस्टमार्टम के लिए उन्हें पैसे तक देने पड़ते है। इसका कारण यह है कि यहां बनी मोर्चरी में अत्याधुनिक मशीनें तो है, लेकिन उसकी सुविधाएं ताले में बंद है। मुर्दो के शव रखने के लिए बड़े डी फ्रिज और मशीनें होने के बावजूद चिकित्सालय के पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण मृतक के परिजनों को शव रखने के लिए रुपए देने पड़ते हैं, क्योंकि वो डी फ्रिज अस्पताल का न होकर किराए पर लिया हुआ है। 33.25 लाख रुपए की लागत से मोर्चरी होगी तैयार वहीं अब अस्पताल की इस मोर्चरी के नवनिर्माण के लिए नगर परिषद जैसलमेर ने 33.25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। मोर्चरी का काम भी आधे से ज्यादा पूरा हो गया है। इस मोर्चरी में पोस्टमार्टम रूम, 3 बड़े रूम,वेटिंग हॉल, बाथरूम,पोस्टमार्टम के लिए अत्याधुनिक उपकरण और 6 शव रखे जा सके इतना बड़ा डी फ्रिज भी होगा। हालांकि मोर्चरी में पिछले काफी समय से डी फ्रिज कार्टून में ही पैक है। इसका कारण यह है कि मोर्चरी में सिर्फ दो ही रूम है और वो भी छोटे हैं इस वजह से डी फ्रीज रखने के लिए जगह नहीं थी लेकिन नई मोर्चरी बनने के बाद डी फ्रिज भी यहां संचालित हो सकेगा। बतादें कि अभी की मोर्चरी में सिर्फ दो ही शव रखे जाने की व्यवस्था है, लेकिन कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं जहां 6 से 7 बॉडियों को मोर्चरी में रखना पड़ता है। ऐसे में चिकित्सालय के लिए बड़ी समस्या सामने आ जाती है.। वहीं 24 घंटे के बाद शव बदबू मारने लगता है। इतना ही नहीं यदि हत्या जैसे मामले हो और पोस्टमार्टम में देरी हो तो डीप फ्रिज के बिना शव की सही रिपोर्ट भी नहीं आती। शव खराब होने से सबूत भी मिट जाते लेकिन अब नई मोर्चरी में डीप फ्रिज लगा दिया जाएगा। जिसमें 6 शव रखने की व्यवस्था होगी। वही मृतक के परिजनों को ऐसे मामलों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां परिजनों के बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. कई बार परिजन गर्मी,बारिश व सर्दी के मौसम में मोर्चरी के बाहर बैठने को मजबूर होते है। नई मोर्चरी में परिजनों के लिए 15 ×30 का वेटिंग हॉल भी बनाया जाएगा जिसमें परिजन बैठ सकेंगे। बाइट -चन्दन सिंह, पीएमओ, जवहार अस्पताल जैसलमेर l
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