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अलवर में जगन्नाथ रथ यात्रा: भक्तों की उमड़ी भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम!

Swadesh Kapil
Jul 04, 2025 16:03:22
Alwar, Rajasthan
एंकर,विजुअल,बाइट देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा कही जाने वाली अलवर की जगन्नाथ रथ यात्रा शुक्रवार शाम 6 बजे पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई. इस दौरान मंदिर के महंतो की ओर से भगवान जगन्नाथ की आरती कर उन्हें इंद्र विमान में विराजित किया गया. इससे पहले जिला प्रशासन के अधिकारी पूजन के लिए मंदिर परिसर पहुंचे और विधिवत रूप से पूजन किया. वहीं इंद्र विमान में भगवान जगन्नाथ को विराजित होने के बाद अलवर पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (बारात) पूरे लवाजमे के साथ शुरु हुई. भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए शहरवासी आतुर दिखाई दिए. यह रथ यात्रा सुबह करीब 4 बजे रूपबास स्थित रूप हरि मंदिर पहुंचेगी. जहां सीताराम जी की ओर से भगवान जगन्नाथ की अगवानी की जाएगी. रथ यात्रा के सुरक्षा को देखते हुए 450 से ज्यादा पुलिस कर्मी व आरएसी के जवान तैनात रहेंगे. मंदिर के महंत के अनुसार शुक्रवार को 172वी रथ यात्रा निकाली जा रही हे. मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ को दूल्हा रूप में सजाया गया. रथ यात्रा से पहले मंदिर में सुबह से ही भक्त दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे. शाम करीब 5:30 बजे जिला कलेक्टर डॉ आर्तिका शुक्ला, एसपी संजीव नैन, एडिशनल एसपी डॉ तेजपाल सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर गोलक और रथ का पूजन किया. इसके बाद मंदिर की महंत की ओर से भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को इंद्र विमान में विराजित किया गया. इस दौरान महिला भक्तों की ओर से मंगल गीत गाए गए. उन्हें बताया जैसे ही भगवान जगन्नाथ का रथ आगे की ओर चलने लगा .उसके साथ ही रथ मार्ग में खड़े श्रद्धालुओं की ओर से जय जगन्नाथ के उद्घोष से पूरा वातावरण गूंज उठा. महंत शर्मा ने बताया कि रथ यात्रा पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से होते हुए त्रिपोलिया, होप सर्कस, कंपनी बाग, नांगली सर्किल, भवानी तोप होते हुए रूपबास स्थित रूप हरि मंदिर पहुंचेगी. यह मार्ग करीब 6 किलोमीटर का है. जिसे शनिवार सुबह 4 बजे तक तय किया जाएगा. मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि इस दौरान करीब 60 छोटे व बड़े मंदिर रथ यात्रा के मार्ग में पड़ेंगे. जहां हर मंदिर पर मंदिर के महंतों की ओर से भगवान जगन्नाथ की आरती उतारी जाएगी. महंत शर्मा ने बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा में इस वर्ष इत्र वर्षा, निशान ध्वज की ऊंट गाड़ी, घोड़े, ताशा पार्टी, शिव अघोरी नृत्य, भजन मंडली, इस्कॉन मंडली की ओर से हरे राम हरे कृष्ण धुन, राधा कृष्ण की झांकी, हरियाणा का बैंड करतब दिखाते पट्टेबाज, बच्चों की ओर से मार्शल आर्ट की कला, पुलिस बैंड सहित ठंडे मीठे पानी की प्याऊ चल रही थी. 200 मीटर दूर से भी होंगे जगन्नाथ के दर्शन ____मंदिर के महंत शर्मा ने बताया कि रथ यात्रा में सबसे अंतिम में भगवान जगन्नाथ दूल्हा रूप में सजकर इंद्र विमान में विराजित होकर चल रहे थे. उन्होंने बताया कि इंद्र विमान राजा रजवाडो की ओर से इस तरह से बनाया गया था. कि 200 मीटर दूर पर खड़े व्यक्ति को भी बड़ी आसानी से भगवान जगन्नाथ की दर्शन हो सकेंगे. देर रात्रि तक सड़क पर जमे रहे भक्त__ भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए भक्त रथ यात्रा मार्ग के दोनों ओर पलक पांवड़े बिछाकर देर रात तक भगवान का इंतजार करते दिखाई दिए. जैसे जैसे भगवान का रथ आगे अब बढ़ रहा था. उसी तरह भक्तों की भीड़ भी बढ़ रही थी. रूपबास में शुरु हुआ मेले सा माहोल ___ मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया की सीताराम जी की सवारी के जाने के बाद से ही रूपवास स्थित मेला स्थल पर मेले सा माहौल शुरू हो गय. मेला स्थल पर सैकड़ो दुकान लगकर तैयार हो गई. वहीं मेला स्थल पर आने वाले भक्तों के लिए झूले भी लगकर तैयार हो गए है. साथ ही पर्यटन विभाग की ओर से रूपवास में तीन दिन तक लगने वाले मेले के दौरान विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ___ एडिशनल एसपी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के मेले के लिए मेला स्थल का मौका मुआयना किया जा चुका है. साथ ही करीब 450 पुलिसकर्मी व आरएसी के जवान मेला स्थल पर मुस्तैदी से सुरक्षा व्यवस्था को संभालेंगे. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मेला स्थल के आसपास क्षेत्र में पुलिस का घुड़सवार दस्ता तैनात किया गया है. जो लगातार गस्त कर लोगों पर नजर रखेगा. सीताराम जी करेंगे आगवानी ___ भगवान जगन्नाथ शुक्रवार शाम करीब 6 बजे राज शाही लवाजमे के साथ अपनी बारात लेकर रूपवास के लिए प्रस्थान करेंगे. यह रथ यात्रा शनिवार करीब 4:00 बजे रूपवास स्थित रूप हरि मंदिर पहुंचेगी. बारात की आगवानी माता जानकी के भाई सीताराम जी की ओर से की जाएगी. इसके लिए एक दिन पहले ही सीताराम जी की सवारी जानवासा पहुंची. 6 जुलाई को होगा वरमाला महोत्सव___ मंदिर के महंत ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के रूपवास पहुंचने के बाद 6 जुलाई को माता जानकी की सवारी सुबह 11 बजे जगन्नाथ मंदिर से शुरुआत के लिए प्रस्थान करेगी. इसके बाद यहा माता जानकी के दर्शन भक्तों को होंगे. इसके बाद रात को माता जानकी रूप हरि मंदिर वरमाला के लिए गाजे बाजे के साथ पहुंचेगी. जहां भगवान जगन्नाथ माता जानकी का विवाह संपन्न होगा. इस विवाह के साक्षी हजारों श्रद्धालु बनेंगे. बाइट_डॉ आर्तिका शुक्ला जिला कलेक्टर अलवर बाइट__संजीव नैन जिला पुलिस अधीक्षक अलवर वॉक थ्रू_ दूल्हा बने भगवान जगन्नाथ मंदिर से बाइट__राजेंद्र शर्मा ,मंदिर महंत
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