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Damoh470661

क्या सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति बच्चों की जान के लिए खतरा बन गई है?

MDMahendra Dubey
Jul 09, 2025 01:30:34
Damoh, Madhya Pradesh
दहशत के साये में जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर बच्चे... एंकर/ एमपी में लगातार इस बात पर जोर दिया जा रहा है की सरकारी स्कूलों में बच्चे अच्छे वातावरण में शिक्षा ले, स्कूल बिल्डिंग परिसर सब खूबसूरत करने की कवायद चल रही है, सरकार दावा भी कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। अब जरा दमोह जिले के पथरिया के इस सरकारी मिडिल स्कूल की हालत देखिये, परिसर कबाड़खना बना हुआ है, परिसर गंदगी से लवरेज है और जिस बिल्डिंग में छत के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ रहे हैं वो छत कब गिर जाए कोई भरोसा नही। पथरिया के वार्ड नम्बर 11 में संचालित ये सरकारी स्कूल इलाके के पुराने स्कूलों में शामिल है। चार दशक पहले यहां की स्कूल बिल्डिंग बनी थी लेकिन अब इस इमारत की हालत बेहद नाजुक है। बारिश के दिनों में अक्सर छत का छप्पर हादसो की वजह बनता है। इस बारिश में ही सीलिंग का प्लास्टर दो बार चलती क्लास में गिर गया गनीमत रही कि इससे कोई बच्चा घायल नही हुआ। और अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और उन्हें पढ़ाने वाले टीचर्स पूरे समय दहशत है साये में रहते हैं कि कहीं छत उनके ऊपर न गिर जाए। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन हालातों में कैसे बच्चे पढ़ते होंगे और कैसे टीचर पढ़ाते होंगे। अब जरा जानिए की क्यों ये हालात बने तो व्यवस्था का बड़ा दोष भी है, स्कूल के हेडमास्टर की माने तो बिल्डिंग के मेन्टेन्स के लिए शिक्षा विभाग से टुकड़ों में राशि मिलती है जितना पैसा मिलता है उससे रिपेयरिंग करा दी जाती है बीते तीन सालों में टुकड़ों के राशि मिली और जो जगह ज्यादा खतरनाक थी उन जगहों को ठीक कराया गया है जबकि जरूरत एकमुश्त राशि और पूरी बिल्डिंग के सुधार की है लेकिन विभाग महज दो लाख की राशि जारी नही कर पा रहा है। बाईट- दिनेश अहिरवाल ( प्रधान अध्यापक मिडिल स्कूल पथरिया दमोह)
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