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Bhiwani127021

सरकार के खिलाफ भिवानी में कर्मचारी प्रदर्शन: क्या हड़ताल सफल होगी?

NSNAVEEN SHARMA
Jul 09, 2025 09:02:48
Bhiwani, Haryana
बाइट : कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भिवानी के नेहरू पार्क में सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन। कर्मचारियों और मजूरों ने कहा कारपोरेट को गुलाम बना रही है भाजपा सरकार : सुमेर आर्य बैंक नहीं खोलेंगे तो बैंक में उल्लू बोलेंगे, के नारों से गूंजे कर्मचारी। यूको बैंक कर्मचारियों का राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन तमाम ट्रेड यूनियन्स का कॉरपोरेट व निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी दिया हड़ताल को समर्थन। सरकार ने मांग नहीं मानी तो दोबारा देश भर में सरकार के खिलाफ करेंगे आरपार की लड़ाई। सरकार कर रही सरकारी विभागों का निजीकरण। हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कर्मचारियों की करे मांग पूरी। ट्रेड़ यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए सर्व कर्मचारी संघ और सीटू के संयुक्त कर्मचारी विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । बता दे कि ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज पूरे देश में भर में की गई। इस हड़ताल में बीएंडआर हरियाणा टूरिज्म, सिंचाई, नगरपालिका, बिजली बोर्ड, रोडवेज, आईटीआई, शिक्षा बोर्ड भिवानी, नगर पालिका के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। सीटू के सचिव सुखबीर सिंह प्रभात, सर्वकर्मचारी के राज्य कोषाध्यक्ष सुखदर्शन सरोहा व जिला प्रधान सूरजभान जटासरा, सुखदेव पालवास व जिला सचिव सुमेर सिंह आर्य ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार लगातार मंहगाई बढ़ाकर गरीब आदमी को भूखा मरने पर मजबूर कर रही है। पूंजीपतियों को टैक्स में भारी छूट दे रही है। जिसके विरोध में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल असर देश भर में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार मजदूरों को कार्पोरेट का गुलाम बना रही है। मजदूरों द्वारा संघर्ष के बल पर हासिल किए गए 44 श्रम कानूनों को चार कोड में बदल कर मजदूरों के खिलाफ और कारपोरेट के पक्ष में सुधार के नाम पर लागू किए जा रहे हैं। सुधार के नाम पर श्रम कानून बदलना बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों और सरकारी क्षेत्र में श्रम कानून शक्ति से लागू किए जाएं, आउट सोर्स, ठेका प्रथा एवं कौशल रोजगार बंद करते हुए सभी कच्चे कर्मचारियों, परियोजना वर्करों आशा, मीड डे मील, आंगनवाड़ी एवं क्रैच वर्करों को पक्का किया जाए तब तक न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये लागू किया जाए, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए, निकाले गए कर्मचारियों को ड्यूटी पर बहाल किया जाए, पूरानी पेंशन बहाल की जाए ,आठवां वेतन आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो देश में बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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