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प्रतापगढ़ में बिजली संकट: मां-बेटी की जान गई, प्रशासन मौन!
Pratapgarh, Rajasthan
Slug : 0407ZRJ_PRTP_MAANG_R
जिला : प्रतापगढ़
विधानसभा : प्रतापगढ़
खबर की लोकेशन : प्रतापगढ़
जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796
हेडर/हेडलाईन : जिले के पहाड़ी इलाकों में बिजली संकट बन रहा जानलेवा, बिजली गुल और प्रशासन की लापरवाही से दो ज़िंदगियां गईं, अब तक नहीं मिली कोई मदद,पूर्व विधायक ने दी अब चेतावनी
एंकर/इंट्रो : मानसून की बारिश ने जहां राहत दी, वहीं प्रतापगढ़ के सांगरी खेड़ा गांव में अंधेरे ने दो ज़िंदगियां लील लीं। लगातार बारिश के बाद पहाड़ी इलाकों में बिजली सप्लाई ठप, और इसी अंधेरे का खामियाजा भुगतना पड़ा एक मां और उसकी मासूम बच्ची को। सांप के डसने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। प्रशासन अब तक मौन है, न कोई मुआवजा, न कोई सहायता। पूर्व विधायक ने सरकार पर जमकर हमला बोला और मंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी है। सवाल ये है कि कब तक बिजली विभाग की लापरवाही मासूम ज़िंदगियां लीलती रहेगी? देखे यह खबर...
प्रतापगढ़ जिले के पहाड़ी इलाकों में देर शाम विद्युत सप्लाई बंद हो जाती है इसके बाद अल सुबह विद्युत सप्लाई शुरू होती हैं। इसी विद्युत सप्लाई बाधित होने के कारण ऐसी ही एक हृदय विदारक घटना 18 जून की रात सुहागपुरा थाना क्षेत्र के सांगरी खेड़ा गांव में सामने आई थी, जब बिजली गुल होने के कारण 32 वर्षीय रूपा मीणा और उसकी चार महीने की मासूम बेटी लक्ष्मी की सर्पदंश से मौत हो गई थी। दोनों मां-बेटी ज़मीन पर सो रही थीं और अंधेरे का फायदा उठाकर घर में घुसे सांप ने डस लिया था। इलाज के लिए कोई कुछ कर पाता, उससे पहले ही दोनों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक की लहर है, लेकिन इससे भी ज़्यादा गुस्सा इस बात को लेकर है कि इतने दिन बीत जाने के बावजूद सरकार या प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई। मृतका की सास सुरजा बाई ने बताया कि रात को बिजली नहीं थी और अंधेरे में यह हादसा हो गया। ग्रामीणों ने भी बिजली विभाग और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहाड़ी इलाकों में अक्सर रात को बिजली बंद कर दी जाती है, जिससे ग्रामीण डर और खतरे के साए में जी रहे हैं।
बाईट- सुरजा बाई, मृतका की सास
अब पूरे मामले में पूर्व विधायक रामलाल मीणा पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने इसे सरकार की संवेदनहीनता बताया और कहा कि मंत्री हेमंत मीणा सिर्फ कुर्सी संभाल रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत देखने तक नहीं आते। रामलाल मीणा ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र मुआवजा और सहायता नहीं दी गई तो कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को प्रतापगढ़ बुलाकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बाईट-रामलाल मीणा, पूर्व विधायक प्रतापगढ़
ग्रामीणों की मांग है कि बिजली आपूर्ति को दुरुस्त किया जाए, पहाड़ी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा या वैकल्पिक साधनों से रोशनी की व्यवस्था की जाए, और प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं से सबक लेते हुए सुरक्षा के ठोस उपाय करे। सवाल यह है कि क्या सरकार अब भी जागेगी या फिर पहाड़ों के सन्नाटे में और भी मासूम ज़िंदगियां यूं ही बुझती रहेंगी?
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