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जैसलमेर में भारतीय सेना ने किया जबरदस्त वॉर एक्सरसाइज!
Jaisalmer, Rajasthan
ज़िला-जैसलमेर
विधानसभा-जैसलमेर
खबर की लोकेशन-जैसलमेर
रिपोर्टर-शंकर दान
मोबाइल-9799069952
सेना के जवानों ने बॉर्डर पर की वॉर एक्सरसाइज
हेलिबॉर्न ऑपरेशन में सड़कों पर उतरे चीता और चेतक हेलिकॉप्टर
जैसलमेर
थार के रेगिस्तान में सैनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टर से जमीन पर उतरे और आतंकियों को खत्म कर वापस हेलिकॉप्टर में अपने ठिकाने की उड़ान भरी। मॉडर्न हथियारों के साथ सर्जिकल स्ट्राइक और आतंकी गतिविधियों को किस तरह से खत्म किया जाए, इसकी प्रैक्टिस की गई। भारत-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर इन दिनों गरज सुनाई दे रही है। ये गरज किसी तूफान की नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सैन्य तैयारी की है।
राजस्थान के थार इलाके में भारतीय सेना की दक्षिणी कमांड ने जिस प्रकार से हाई-इंटेंसिटी युद्धाभ्यास की कमान संभाली है, वह न केवल देश को सुरक्षा का नया भरोसा दे रहा है, बल्कि यह भी दर्शा रहा है कि भारत अब युद्ध नहीं चाहता, पर युद्ध के लिए हर क्षण तैयार है।
यह अभ्यास सामान्य रूटीन ड्रिल नहीं है, बल्कि एक ऐसा बहुस्तरीय अभ्यास है जिसमें युद्ध के हर पहलू को व्यावहारिक स्तर पर परखा जा रहा है। इस अभ्यास में सेना के चीता और चेतक हेलिकॉप्टर ने हिस्सा लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
बॉर्डर की सड़कों पर युद्ध के हालात के प्रदर्शन में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने में सबसे आगे रहे भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर। दरअसल, सीमांत क्षेत्रों में घुसपैठ, ड्रोन हमले, साइबर अटैक और मल्टी-डोमेन वारफेयर एक साथ उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसे में भारतीय सेना की तैयारियों का आकलन करना और उन्हें धरातल पर उतारना समय की मांग भी है और चुनौती भी। इस अभ्यास में सेना के टैंक भी शामिल हुए और टारगेट को सफलतापूर्वक नष्ट किया।
इस दौरान एक खास तरीके की सर्जिकल स्ट्राइक की भी एक्सरसाइज की गई। इस एक्सरसाइज में सैनिकों ने लड़ाकू हेलीकाप्टर से जमीन पर उतरने का अभ्यास किया। इसके साथ ही आतंकियों को खत्म कर वापस हेलीकाप्टर में चढ़कर उड़ान भरी। मॉडर्न हथियारों के साथ सर्जिकल स्ट्राइक और आतंकी गतिविधियों को किस तरह से खत्म किया जाए, इसकी प्रैक्टिस की गई।
इस अभ्यास में सेना की टुकड़ियां तेजी से रेगिस्तानी इलाकों में मूव करती हैं, हेलिकॉप्टर सपोर्ट, ड्रोन निगरानी और सैटेलाइट से फीड लेकर लक्ष्य को निष्क्रिय करती हैं। इसके बाद एयर सपोर्ट और आर्टिलरी गन का अभ्यास होता है। यह अभ्यास यह दिखाता है कि अब भारतीय सेना सिर्फ जवाब नहीं देती, बल्कि स्थितियों को नियंत्रण में लेकर निर्णयात्मक बढ़त बनाना जानती है।
अब युद्ध केवल मैदान में नहीं होगा। यह सैटेलाइट, साइबर, डिजिटल नेटवर्क, मनोवैज्ञानिक दबाव और रणनीतिक पकड़ का मिश्रण होगा। भारतीय सेना के ये अभ्यास इस बात का संकेत हैं कि 2025 का भारत किसी भी मोर्चे पर 1965 या 1971 वाला भारत नहीं है। अब हमारा राष्ट्र लड़ाई को रोकना भी जानता है, और ज़रूरत पड़ी तो उसे निर्णायक रूप से जीतना भी।
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