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करनाल में श्रावण मास में मीट दुकानें बंद करने की उठी मांग!
KSKAMARJEET SINGH
FollowJul 11, 2025 10:08:08
Bassi Akbarpur, Haryana
करनाल में श्रावण मास में मीट-मांस की दुकानें बंद करने की मांग, हिंदू संगठनों ने प्रशासन से की अपील,हिंदू धर्म में श्रावण मास को अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिसमें भगवान शिव की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है। इस महीने में हिंदू समुदाय के लोग व्रत, पूजा-पाठ और भक्ति में लीन रहते हैं।
करनाल में हिंदू संगठनों ने प्रशासन से श्रावण मास के दौरान मीट और मांस की दुकानें बंद रखने की मांग उठाई है। हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की भक्ति में समर्पित होने के लिए हिंदू समुदाय विशेष अनुष्ठान और व्रत करता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस पवित्र महीने में मीट-मांस की दुकानें बंद रखी जाएं ताकि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो और लोग बिना किसी बाधा के अपनी भक्ति और परंपराओं का पालन कर सकें। एक संगठन के प्रतिनिधि ने बताया कि श्रावण मास में हिंदू समुदाय मांसाहार से परहेज करता है और शुद्ध शाकाहारी जीवनशैली अपनाता है। हमारी मांग है कि प्रशासन इस दौरान मीट-मांस की दुकानों को बंद करवाए ताकि धार्मिक माहौल बना रहे। हमें उम्मीद है कि प्रशासन हमारी इस मांग पर गंभीरता से विचार करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा।
करनाल में सावन महीने की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है। ऐसे माहौल में विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल ने मीट की दुकानों को लेकर विरोध जताया है। दोनों संगठनों के कार्यकर्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शहर में मीट की सभी दुकानें बंद करवाई जाएं। उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानों का खुले रहना कांवड़ियों की आस्था का अपमान है।
बजरंग दल के जिला संयोजक संदीप राणा ने कहा कि सावन का महीना धार्मिक आस्था से जुड़ा होता है। इस पवित्र माह में हजारों कांवड़िएं हरिद्वार से जल लेकर शिव मंदिरों तक यात्रा करते हैं। ऐसे में रास्ते में खुले मीट की दुकानें देखकर उनकी श्रद्धा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में इस महीने मांसाहार को पाप माना गया है, लेकिन करनाल में खुलेआम मीट की दुकानें संचालित हो रही हैं।
वीएचपी के पदाधिकारियो ने आरोप लगाया कि करनाल शहर में चल रही मीट की दुकानों के पास ना तो मुर्गा काटने का लाइसेंस है और ना ही बकरे काटने का। इसके बावजूद ये दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है या फिर अधिकारियों की मिलीभगत से रिश्वत लेकर यह सब हो रहा
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मीट की दुकानों पर कार्रवाई नहीं हुई और धार्मिक आस्था का अपमान बंद नहीं हुआ, तो वे जन आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने मांग की है कि जब तक सावन और कांवड़ यात्रा का दौर जारी है, तब तक सभी मीट दुकानों को बंद करवाया जाए और बिना लाइसेंस के दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बाइट बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं
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