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Farrukhabad209625

फर्रुखाबाद में आस्था पर करोड़ों का डाका, अधिकारी भी शामिल!

ARUN SINGH
Jul 07, 2025 02:02:15
Farrukhabad, Uttar Pradesh
फर्रुखाबाद अरुण सिंह आस्था पर करोड़ो का डाका जानकर अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल जांच में मेला व्यवस्थापक को हटाया पर जांच में फसे अधिकारियों को बचाने का खेल अधिकारी दोषी अधिकारियों को बचाने में लगे रामनगरिया मेला करोड़ों का खेल नगद, नियम दरकिनार कर होते रहे भुगतान न आडटि, न वाउचर एकल हस्ताक्षर से कटते रहे चेक पीसीएस सचिव और बिना पद के व्यवस्थापक पर चुप्पी फर्रुखाबाद गंगा तट पर लगने वाला रामनगरिया मेला श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन इसकी आड़ में वित्तीय अनियमितताओं का अघोषित खेल सालों से जारी है। डीएम के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट ने मेला समिति के बहीखातों की पोल खोल दी है। बीते छह वर्षों में करीब 9.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें अधिकांश भुगतान नगद कर दिया गया। हद तो यह कि मेला अधिकारी पद पर तैनात रहे पीसीएस अधिकारियों ने आडिट तक कराना मुनासिब नहीं समझा। काफी भुगतानों के तो वाउचर तक उपलब्ध नहीं हैं। हद तो यह एकल हस्ताक्षर से ही चेकों से धनराशि निकाली जाती रही। मेला रामनगरिया आयोजन समिति एक पंजीकृत संस्था है। इसके सचिव पर हमेशा नगर मजिस्ट्रेट या एडीएम स्तर के वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी की तैनाती रहती है। इसके बावजूद समिति के बाइलाज की आड़ में नियमों की खुली अनदेखी चलती रही। चेक सिर्फ सचिव के हस्ताक्षर से जारी होते रहे, जबकि नियम कोषाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर का था। वहीं, इस पूरी प्रक्रिया में मेला व्यवस्थापक ऐसा पद है जिसका समिति के संविधान में कोई वैधानिक अस्तित्व ही नहीं है, फिर भी सालों से एक ही व्यक्ति इस पर तैनात रहा और महत्वपूर्ण दायित्यों का संचालन करता रहा। उसे भी रिपोर्ट में क्लीन चिट दी गई। हालांकि सीडीओ ने रिपोर्ट में उसे हटाने की संस्तुति जरूर कर दी। रामनगरिया मेला आयोजन में वित्तीय अनियमितताएं सिस्टम की नाकामी और प्रशासनिक संरक्षण का बड़ा उदाहरण हैं। मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। समिति के संविधान में संशोधन और पंजीकरण का नवीनीकरण कराने की संस्तुति की गई है। खातों को नियमित आडिट कराने की भी संस्तुति की गई है। वर्ष वार आय-व्यय विवरण वर्ष - आय - व्यय - अतिरिक्त व्यय/घाटा 2019 - 1,01,91,000 - 83,85,573 2020 - 1,14,48,600 - 1,35,67,267 2021 - 1,34,30,413 - 1,45,07,531 2022 - 1,66,47,404 - 1,57,51,125 2023 - 2,02,10,751 - 1,98,16,386 2024 - 2,05,13,450 - 2,17,01,757 यह उजागर हुआ जांच में हर साल चंद ठेकेदारों को मिलता काम भुगतान वाउचर न मिलने जीएसटी का सत्यापन नहीं करोड़ों के लेन-देन का नहीं होता आडिट जिन मदों पर सबसे ज्यादा खर्च उन्हीं के बिल और वाउचर अधूरे समाप्त हो चुका सोसाइटी का पंजीकरण,चेकों पर कोषाधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं वाइट- लक्मन सिंह अधिवक्ता शिकायत कर्ता बाइट--अरविंद कुमार मिश्रा मुख्य विकास अधिकारी
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