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Pratapgarh312605

बोरखेड़ा स्कूल में बच्चों की जान खतरे में, क्या है जिम्मेदारों की लापरवाही?

HUHITESH UPADHYAY
Jul 08, 2025 09:34:31
Pratapgarh, Rajasthan
Slug : 0807ZRJ_PRTP_SCHOOL_R जिला : प्रतापगढ़ विधानसभा : प्रतापगढ़ खबर की लोकेशन : पीपलखूंट जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796 स्थानीय रिपोर्टर- वीरेंद्र टेलर हेडर/हेडलाईन : मौत के साये में पढ़ाई! बोरखेड़ा स्कूल में बच्चों की जान पर बन आई, जिम्मेदार बेपरवाह एंकर/इंट्रो : राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सुहागपुरा ब्लॉक में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बोरखेड़ा में 100 से अधिक छात्र हर रोज मौत के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों से भवन जर्जर हालत में है, लेकिन शिक्षा विभाग और प्रशासन अब तक आंखें मूंदे हुए हैं। बच्चों की जान से जुड़ी गंभीर समस्या के बावजूद मरम्मत के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हुई है। सरकार शिक्षा के लिए करोड़ों का बजट जारी करने के दावे करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत बोरखेड़ा के इस विद्यालय की हालत देखकर साफ नज़र आती है। पहाड़ी इलाके में बना यह सरकारी स्कूल पिछले पांच सालों से मौत को दावत दे रहा है। छतें टपक रही हैं, दीवारें गिर चुकी हैं और बच्चे डर के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की पूरी इमारत खस्ताहाल है। बरामदे की छत गिर चुकी है, कई कमरों की दीवारें भी धराशायी हो चुकी हैं। केवल दो कमरे जैसे-तैसे खड़े हैं, लेकिन उनमें भी छत से पानी टपकता है। एक कमरे में पूरे स्कूल की पढ़ाई किसी तरह चल रही है। कुछ बच्चे खुले बरामदे में बैठते हैं, जहाँ कभी भी हादसा हो सकता है। बाईट- बाईट रविन्द्र निनामा, विद्यार्थी विद्यालय में पीने के पानी की व्यवस्था भी ठप पड़ी है। इकलौता हैंडपंप महीनों से खराब है। शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। रसोई में पानी रिसता है और बारिश के दिनों में पहाड़ से पत्थर लुढ़ककर सीधे स्कूल? परिसर में आ जाते हैं। स्कूल? की चारदीवारी तक नहीं बनी है। प्रधानाध्यापक लक्ष्मीलाल डोडियार ने बताया कि हमने एईएन, जेईएन और एडीपीसी सहित सभी जिम्मेदार अफसरों को कई बार लिखित और मौखिक रूप से शिकायत दी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। निरीक्षण तो कई बार हुआ, लेकिन काम नहीं कभी इस स्कूल? में 120 से अधिक छात्र पढ़ते थे, लेकिन अब डर के कारण दर्जनों परिवारों ने बच्चों को स्कूल? भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि वो अपने बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते।ग्रामीण दरिया बाई और बालूराम निनामा ने साफ कहा हमारे बच्चों को क्या मरने के लिए भेजें स्कूल? अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द स्कूल? की मरम्मत शुरू नहीं हुई, तो वे स्कूल? पर ताला लगाकर कलेक्टर ऑफिस पर धरना देंगे। बाईट- बालूराम निनामा, ग्रामीण बाईट- दरिया देवी, ग्रामीण बाईट- विक्रम कोठारी, सीबीईओ सुहागपूरा
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