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हथिनीकुंड बैराज की मरम्मत में भ्रष्टाचार का मामला, करोड़ों रुपये बह गए!

KSKULWANT SINGH
Jul 08, 2025 07:03:34
Yamuna Nagar, Haryana
एंकर -- पिछले कुछ दिनों में पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा के कारण हथिनीकुंड बैराज के डाउनस्ट्रीम (उत्तर प्रदेश क्षेत्र) में भारी नुकसान हुआ है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जिस हाथनीकुण्ड बरैज की  मरम्मत कुछ ही महीने पहले करोड़ो रुपये के बजट में की गई थी, वह मात्र दो दिन के पानी से ही बहती नजर आई। हालात देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे इस मरम्मत कार्य में गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया हो। जानकारों का आरोप है कि कहीं न कहीं बिना सीमेंट, सिर्फ रेत से लीपापोती करके काम पूरा दिखा दिया गया, जिससे भ्रष्टाचार की बू साफ महसूस की जा सकती है। वीओ -- यह पहला मामला नहीं है, हर वर्ष हथिनीकुंड बैराज के डाउनस्ट्रीम में इसी तरह रिपेयर का काम किया जाता है और करोडो रुपये पानी में बह जाते हैं। मीडिया द्वारा जब भी इस मुद्दे पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की जाती है, तो वे या तो टालमटोल करते हैं या जवाब देने से कतराते हैं। वंही एक और बड़ी समस्या यह है कि बरसात के मौसम में जब हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है और वह यमुना नदी से होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ता है, तो नदी के कच्चे किनारों के कारण आसपास की कृषि व फसलों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस नुकसान को रोकने के लिए नदी के किनारों को पत्थरों से मजबूत करने का ठेका दिया गया था, लेकिन यह कार्य भी समय रहते पूरा नहीं किया गया। विभागीय टेंडर के अनुसार, यह कार्य 30 जून तक पूरा होना था, परंतु मौके पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है और कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। वीओ -- विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कार्य में 80 मजदूरों को लगाकर तेजी से मरम्मत कराई जा रही है ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कार्य पहले ही समय रहते किया जाना था, तो इतनी लापरवाही क्यों बरती गई? यह भी देखा गया है कि अधिकतर मरम्मत कार्य केवल कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं, जिनका जमीनी स्तर पर कोई ठोस असर नजर नहीं आता। यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, तो करोड़ों रुपये के नुकसान और घोटाले की सच्चाई सामने आ सकती है। बाइट -- आर एस मित्तल सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर सिंचाई विभाग वीओ -- आगे भी सुनिए साहब ने क्या सफाई दी विभागीय अधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं। लगभग 80 लोग इस कार्य में जुटे हुए हैं, ताकि वर्षा से पहले इस काम को कंप्लीट कर लिया जाए। हरियाणा सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि 1996 में बैराज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। और 1999 में यह बनकर तैयार हुआ था। उसके बाद से डाउनस्ट्रीम में कभी कोई कार्य नहीं हुआ। वर्षा के चलते डाउनस्ट्रीम में ब्लॉक के नीचे पानी आने से कंक्रीट के ब्लॉक खिसक गए थे। अब उन पर काम लगाया गया है, जो तेजी से किया जा रहा है और कल तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड बैराज की सुरक्षा के लिए 146 करोड रुपए की लागत से काम किया जा रहा है, लेकिन मानसून के कारण वह काम फिलहाल बंद है, मानसून समाप्त होते ही फिर से तेजी से वह कार्य किया जाएगा, और उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में भी डाउनस्ट्रीम में वह कार्य कराया जाएगा, जिससे बैराज की लाइफ काफी बढ़ जाएगी। बाइट  -- आर एस मित्तल सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर सिंचाई विभाग जनता की मांग है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही से जनता और सरकारी खजाने को नुकसान न हो।
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