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क्या कोडरमा में विकास के दावे सच हैं? जानिए इस रिपोर्ट में!
GSGajendra Sinha
FollowJul 15, 2025 07:01:07
Koderma, Jharkhand
सरकार के द्वारा विकास के दावो की पोल खोलती एक ऐसी रिपोर्ट आज हम आपको कोडरमा से दिखाने वाले हैं, जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगा कि गांव-गांव तक विकास पहुंचाने का दवा जो सरकार कर रही है उसके दावों में कितना दम है।
वीओ :- 1
जिस उफनाई हुई नदी से ये तीन लोग बीच से पार कर रहे हैं, वे तीनों एक स्कूल के शिक्षक है और जिस नदी को यह पार कर रहे हैं, उस नदी का नाम है वृंदाहा, लेकिन अब आपको लग रहा होगा कि ये तीनों शिक्षक जान जोखिम में डालकर भला इस लबालब भरे नदी को पार करके जा कहाँ रहे हैं, तो आपको बता दें कि यह तीनों शिक्षक सैकड़ो बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल जा रहे हैं। कोडरमा सदर प्रखंड के झरकी के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का रास्ता इसी नदी से होकर जाता है। बारिश के मौसम में जहां 4 महीने इस वृंदाहा नदी में थोड़ी सी बारिश होने के बाद पानी लबालब भर जाता है और इसी हालत में शिक्षकों को स्कूल तक जाना पड़ता है। अपने कपड़ों को मोड़कर या बैग में रखकर हाथ में चप्पल लेकर ये तीनों शिक्षक इसी तरह से नदी पार करके गांव जाते हैं और बच्चों को स्कूल में पढ़ते हैं
बाइट :- बिनोद गुप्ता, प्रभारी प्रधानाचार्य, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, झरकी
वीओ :- 2
जब नदी में पानी ज्यादा भर जाता है, तो शिक्षकों को गांव के स्कूल तक पहुंचने में स्थानीय युवक सहयोग करते हैं। नदी के पानी के बीच से एक युवक के कम गहराई वाले बताए रास्तों पर चलकर शिक्षक नदी पार करते हैं। बाद में युवकों की मदद से शिक्षकों की बाइक को नदी पार कराया जाता है।
बाइट :- बिनोद गुप्ता, प्रभारी प्रधानाचार्य, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, झरकी
वीओ :- 3
झरकी के इस उत्क्रमित मध्य विद्यालय में तकरीबन 300 बच्चे पढ़ाई करते हैं और इस स्कूल में झरकी गांव के अलावे बिशनपुर, सपहा और खिड़किया गावं से पढ़ने बच्चे आते हैं। बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि स्कूल तक अपने शिक्षकों के पहुंचने में होने वाली परेशानियों के मद्देनजर स्कूली बच्चों ने प्रशासन से नदी पर पुल बनाने की गुहार लगाई है।
बाइट :- स्कूली बच्चे
वीओ :- 4
इधर झांकी स्कूल तक पहुंचने में होने वाली परेशानियों के मध्य नजर उपयुक्त ऋतुराज ने बताया कि पल के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है और फिलहाल शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने का निर्देश प्रखंड प्रशासन को दिया गया है।
बाइट :- ऋतुराज, उपायुक्त, कोडरमा
अंतिम वीओ :-
कोडरमा समेत आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण तमाम नदी नालों में पानी लबालब भरा है। ऐसे में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के नदी पार करने की यह तस्वीर विकास के दावो को पोल खोलती है।
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