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सोनभद्र में मजदूरों का गुस्सा: वेतन बढ़ाने की मांग!
ADArvind Dubey
FollowJul 09, 2025 10:31:45
Lucknow, Uttar Pradesh
Arvind dubey
Sonbhdra
9415328369
Anchor : महँगाई बढ़ रही है, लेकिन मेहनत का मोल नहीं।
सोनभद्र में आज मजदूरों और कर्मचारी संगठनों का ग़ुस्सा खुलकर सड़कों पर दिखाई दिया।"
देशभर में ट्रेड यूनियनों की इक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के तहत
आज सोनभद्र के कलेक्ट्रेट परिसर में मजदूर संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मजदूरों को 24 से 26 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन,
साथ ही मूलभूत सुविधाएं भी दी जाएं।
उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने माँगें नहीं मानीं,
तो आगे और बड़ा आंदोलन होगा — जिसकी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।
VO : सोनभद्र जिला मुख्यालय आज मजदूरों की आवाज़ से गूंज उठा।
देशभर में घोषित इकदिवसीय हड़ताल के तहत
यहाँ सभी प्रमुख ट्रेड यूनियन संगठनों ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का साफ कहना है कि जब महँगाई आसमान छू रही है, तब मजदूरों की मेहनत का उचित मूल्य मिलना जरूरी है। उन्होंने न्यूनतम वेतन 24 से 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग के साथ
स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, ठेका प्रथा खत्म करने और स्थायी नियुक्ति जैसी सुविधाओं की भी मांग उठाई।
हम सिर्फ वेतन नहीं, सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अगर एक मजदूर महीने भर खटकर भी अपने परिवार को ढंग से खाना नहीं खिला सकता —
तो ये कैसा विकास है?
हमारी मांगें जायज़ हैं — और अगर सरकार नहीं मानेगी,
तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
VO :प्रदर्शनकारी श्रमिकों ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी —
अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया गया,
तो आगे और बड़ा राष्ट्रव्यापी आंदोलन होगा,
जिसे सरकार के लिए संभालना आसान नहीं होगा।
इसके साथ ही यूनियन नेताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा,
जिसमें उनकी मांगों को प्राथमिकता से लागू करने की अपील की गई।
आज का प्रदर्शन मजदूरों की पीड़ा और सरकार से उम्मीदों का आईना है।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार उनकी आवाज़ सुनेगी या हालात किसी बड़े टकराव की ओर बढ़ेंगे।
Vo: वही इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता बृजेश तिवारी ने कहा कि हम सब यहां संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में इकट्ठा हुए हैं। जनपद के जितने मजदूर संगठन हैं सभी एक होकर इस प्रदर्शन का हिस्सा बने हैं। आज पूरे देस के अंदर मजदूरों और किसानों के हक को लेकर हड़ताल किया गया है। आज सबसे खराब स्थिति देस में किसानों व मजदूरों की है। उनकी बात करने को न प्रदेश सरकार तैयार है न केंद्र की सरकार तैयार है। मजदूरों के लिए जो कानून बनाए गए थे उसमें संशोधन करके उसको काला कानून बनाकर यू के हक अधिकार को छीन लिया गया है हम उसको वापस लेने की मांग करते हैं। हमारी मांगे हैं कि मजदूरों को 25 हजार रुपए प्रति माह वेतन के रूप में दिए जाएं अन्य मूलभूत सुविधाएं भी उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो आज का प्रदर्शन सांकेतिक है किंतु आने वाले दिनों में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसको सम्भाल पाना केंद्र व राज्य सरकार दोनों के लिए मुश्किल होगा।
Byte: बृजेश तिवारी - कांग्रेस नेता।
Vo: वहीं प्रदर्शन के दौरान संयुक्त मोर्चा के नेता हरिकेश तिवारी ने बताया कि आज यह हड़ताल पूरे भारत में हो रहा है इसमें 11 संगठन संयुक्त रूप से हिस्सा लिए हुए हैं। प्रदर्शन कर रहें नेता ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जबसे प्रधानमंत्री मोदी कुर्सी पर बैठे हुए हैं आज तक किसी मजदूर की समस्या के समाधान को लेकर कोई वार्ता उनके द्वारा नहीं की गई। आज 11 वर्ष हो गया। अब से पहले जो भी प्रधानमंत्री रहे हैं मजदूरों को बुलाकर बात करते थे उनकी समस्याएं सुनी जाती थी किंतु इन्होंने ऐसा कानून ला दिया कि अब मजदूर न्यायालय में भी नहीं जा सकता है इसके लिए जिलाधिकारी से परमिशन लेनी होगी। 12 घंटे ड्यूटी करना पड़ेगा तो महिलाओं को भी नाइट ड्यूटी करनी पड़ेगी। जिन विषयों को लेकर देस कई कई बड़े संस्थानों में आज विरोध हुआ और कार्य बहिष्कार किया गया।
Byte: हरिकेश तिवारी
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