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सहारनपुर में कूड़े से रोज़ बनेगी 5 टन गैस, जानें कैसे!
NJNEENA JAIN
FollowJul 08, 2025 15:32:26
Saharanpur, Uttar Pradesh
date...8.7.2025
Name.... Neena jain
location... saharanpur
anchor...अब सहारनपुर में कूडे़ से बनेगी हर रोज पांच टन गैस,नगर निगम और बीपीसीएल के बीच विधिवत रुप से हुआ अनुबंध
करीब डेढ़ वर्ष बाद सहारनपुर शहर भर से एकत्रित कूडे़ से सीबीजी (कम्प्रेस्ड बायो गैस) बनना शुरु हो जायेगी। इस सम्बंध में नगर निगम और संयंत्र संचालित करने वाली कार्यदायी संस्था बीपीसीएल( भारत पैट्रोलियम कार्पोरेशन लि.) के बीच आज एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। नगर निगम की ओर से अपर नगरायुक्त मृत्युंजय व बीपीसीएल की ओर से अनिल कुमार ईडी बायोफ्यूल ने हस्ताक्षर किये। निगम की ओर गवाह के रुप में लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी व नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ. प्रवीण शाह ने तथा बीपीसीएल की ओर से जीएम सीबीजी शशिप्रकाश व डीजीएम सीबीजी संजय ठाकुर ने भी हस्ताक्षर किये। बताया कि घुन्ना महेश्वरी में भारत की अग्रणी ऊर्जा कंपनी बीपीसीएल के सहयोग से एक सीबीजी संयंत्र की स्थापना के लिए आज एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए हैं। सहारनपुर में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 391 मीट्रिक टन (टीपीडी) ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। जिसका एक बड़ा हिस्सा बायोडिग्रेडेबल है। इस अपशिष्ट को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने और इसे एक मूल्यवान संसाधन में बदलने के प्रयास में निगम ने बायोगैस उत्पादन के लिए यह अनुबंध किया है। उन्होंने बताया कि निगम ने बीपीसीएल को प्रतिदिन 150 से 180 टीपीडी पृथक जैविक अपशिष्ट की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता जतायी है। उन्होंने बताया कि प्लांट की क्षमता 150 टीपीडी है। संयंत्र के चालू हो जाने पर लगभग 150 टीपीडी जैविक अपशिष्ट की आपूर्ति करने पर लगभग 5-8 टन प्रतिदिन सीबीजी तथा 20 टन प्रतिदिन खाद का उत्पादन होगा!बताया कि इस अनुबंध के माध्यम से नगर निगम और बीपीसीएल के बीच सार्वजनिक निजी भागेदारी को औपचारिक रुप दिया गया है। सीबीजी प्लांट को बीपीसीएल द्वारा विकसित और संचालित किया जायेगा। इस प्लांट के स्थापित हो जाने से न केवल कूड़ा निपटान की दिशा में सहारनपुर के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होगा बल्कि सहारनपुर के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अतिमहत्वपूर्ण होगा।
महापौर डॉ. अजय कुमार ने आज के दिन को सहारनपुर के लिए स्वर्णिम दिन बताते हुए कहा कि बीपीसीएल के अधिकारियों के अनुसार यह संयंत्र करीब डेढ़ वर्ष में कार्य करना शुरु कर देगा। शहर में अभी हर रोज जो करीब 391 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है,इस प्लांट के चालू हो जाने से बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन और स्वर्च्छ इंधन उत्पादन होगा। नगर निगम द्वारा ग्राम घुन्ना महेश्वरी में प्लांट के लिए भूमि क्रय कर वहां चारदीवारी और शेड आदि का निर्माण पहले ही कराया जा चुका है। यह अनुबंध पारंपरिक अपशिष्ट निपटान विधियों से चक्रीय अर्थ व्यवस्था दृष्टिकोण की ओर बदलाव का प्रतीक है। जिसमें अपशिष्ट को एक बोझ के रुप में नहीं बल्कि एक संसाधन के रुप में देखा जाता है। नगर निगम ने आज सतत शहरी विकास और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक दूरदर्शी कदम उठाया है। निश्चय ही अन्य निकायों के लिए यह एक अनुकरणीय मॉडल होगा। अनुबंध हस्ताक्षर करने के अवसर पर निगम और बीपीसीएल के अनेक अधिकारी मौजूद रहे।
बाईट अजय सिंह महापौर
बाईट संजय ठाकुर
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