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Tikamgarh472001

निवाड़ी- मुरम खदान धसकने से महिला घायल, मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर

SPSATYENDRA PARMAR
Nov 01, 2025 10:45:22
Tikamgarh, Madhya Pradesh
निवाड़ी- मुरम की खदान धसकने से एक महिला हुई गंभीर रूप से घायल, खदान से मुरम निकालتے समय हुआ हादसा, गंभीर रूप से घायल महिला को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया भर्ती, हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज झांसी किया रेफर, पृथ्वीपुर थाना क्षेत्र के ततारपुरा गांव की घटना।
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Nov 01, 2025 13:41:13
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Nov 01, 2025 13:34:39
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RKRampravesh Kumar
Nov 01, 2025 13:33:40
Noida, Uttar Pradesh:वर्ष 2005 से पहले के वो दिन आप सबको याद होंगे, जब राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरायी हुई थीं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई काम नहीं होता था। छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को मजबूरी में राज्य के बाहर जाना पड़ता था। उस वक्त डॉक्टर और नर्सों की संख्या बहुत कम थी। स्वास्थ्य केन्द्र लगभग बंद ही रहते थे। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर सिर्फ एक से दो कमरों के जर्जर भवन होते थे। उन अस्पतालों में न डॉक्टर होते थे, न नर्स और न ही इलाज की कोई व्यवस्था होती थी। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता नगण्य थी। जर्जर अस्पताल भवनों में लोग जानवर बांध देते थे। अस्पताल के बेड पर मरीज की जगह कुत्ते लेटे हुए पाये जाते थे, तब ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलती थी। स्वास्थ्य-व्यवस्था की स्थिति बहुत भयावह थी। उस दौर की बदहाल व्यवस्था में बिहार का पूरा हेल्थ सिस्टम आईसीयू में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा था। मुझे याद है- जब मैं सांसद था तो एक बार मेरी मां की तबीयत खराब हो गई थी और तब मैं अपनी मां को लेकर पटना के पीएमसीएच स्थित आईजीआईसी आया था, लेकिन वहां की व्यवस्था बहुत खराब थी। बाद में जब हमलोगों की सरकार बनी तो सबसे पहले हमलोगों ने वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करवाया और आज भी मुझे कहीं कोई कमी दिखाई पड़ती है तो उसे मैं ठीक करवाता हूं। उस वक्त स्वास्थ्य विभाग का कुल बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था। सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे, पैथोलोजी आदि जांच की सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती थीं। राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या मात्र 6 थी, वे भी 1990 के पूर्व ही बने थे और जर्जर हालत में थे। 1990 से 2005 के बीच राज्य में एक भी नया चिकित्सा महाविद्यालय नहीं बनाया गया था। यही कारण था कि वर्ष 2005 में और उससे पूर्व राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए औसतन प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानि प्रतिदिन एक से दो ही मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच पाते थे। 24 नवंबर 2005 को राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद हमलोगों ने प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए काम करना शुरू किया। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उसमें सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया गया। सबसे पहले वर्ष 2006 से हमलोगों ने अस्पतालों में निःशुल्क दवा का वितरण शुरू किया, जिसका शुभारंभ तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति स्व॰ भैरो सिंह शेखावत जी द्वारा पटना स्थित गार्डिनर रोड अस्पताल से किया गया। राज्य भर के अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी गयीं और आज की तारीख में मरीजों को 500 से अधिक तरह की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही हैं। साथ ही, सरकारी संस्थानों में अनेक बीमारियों की जांच के लिए निःशुल्क सुविधा मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है। आज राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और सदर अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा मुहैया करायी गयी है, जबकि राज्य के 7 चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में रियायती दर पर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2005 से पूर्व राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी, आज सभी 38 जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों में लोक-निजी साझेदारी के तहत डायलिसिस केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है, जबकि कुछ चिह्नित अस्पतालों में कीमोथेरेपी की व्यवस्था की गयी है। साथ ही, मुजफ्फरपुर में 425 करोड़ रुपये की लागत से होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है। राज्य के निर्धन मरीजों पर गंभीर बीमारियों के इलाज का बोझ नहीं पड़े, इसके लिए वर्ष 2006-07 में हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की शुरुआत की। तब से लेकर अब तक करीब 2 लाख मरीजों को गंभीर बीमारियों की चिकित्सा हेतु 1550 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अनुदान के रूप में दी गयी है। वर्ष 2004-05 में स्वास्थ्य विभाग का बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर अब 20035 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार का ही परिणाम है कि आज राज्य में कई स्वास्थ्य सूचकांकों जैसे संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और संपूर्ण टीकाकरण में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। वर्तमान में राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 12 हो गयी है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को विस्तारित करते हुए नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों को भी जोड़ा जाय तो यह संख्या 15 हो गयी है। इसके अतिरिक्त राज्य में 20 नये सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय निर्माणाधीन है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। इस प्रकार राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल संख्या 35 हो जायेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 9 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भी खोले जा रहे हैं। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के साथ-साथ दरभंगा में भी नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (PMCH) को 5462 बेड के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित कर देश के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में बनाया जा रहा है। अन्य पुराने 5 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को भी 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को भी 3000 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में अब जिला अस्पतालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, जबकि अनुमंडलीय अस्पतालों की संख्या 55 और स्वास्थ्य उपकेंद्रों की संख्या 10788 से भी अधिक हो गयी है। यही कारण है कि आज सरकारी अस्पतालों में प्रति महीने 11600 से भी अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं। राज्य के लोगों की सुविधा के लिए हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। जय बिहार!
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ASAkhilesh Sharma
Nov 01, 2025 13:33:26
Dungarpur, Rajasthan:डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्वच्छता के तहत रतनपुर बोर्डर पर शराब से भरे एक ट्रक को पकड़ा है। पुलिस ने ट्रक से 6 लाख की शराब के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। दवा व खाद की बाल्टीوں में शराब छिपाकर तस्करी की जा रही थी। बिछीवाड़ा थानाधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि अवैध शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्वच्छता चलाया जा रहा है। इसी के तहत मुखबिर के जरिए राजस्थान - गुजरात के रतनपुर बोर्डर होकर गुजरात शराब तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना पर रतनपुर बोर्डर पर नाकेबंदी शुरू की गई। इस दौरान एक ट्रक को रुकवाया गया। उसकी तलाशी ली गई तो ट्रक में दवा व खाद की बाल्टियों में शराब की बोतले भरी हुई थी। पुलिस ने ट्रक को जब्त करते हुए आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज करते हुए ट्रक चालक यूपी निवासी चंद्रवीर सिंह जाटव को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बाल्टियों में भरी शराब की 732 बोतल जब्त की है। जब्त की गई शराब की कीमत करीब 6 लाख रूपये है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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DIDamodar Inaniya
Nov 01, 2025 13:33:09
Nagaur, Rajasthan:साम्भर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत मामला उप वन संरक्षक ने ली SDM कार्यालय में अधिकारियों की मीटिंग हर सम्भव प्रयास करते हुए प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिये आदेश साम्भर साल्ट के अधिकारियों को पक्षियों सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश हर बार पक्षी त्रासदी का मुख्य स्थान साम्भर साल्ट क्षेत्र सोचनीय बिंदु डीडवाना जिले के नावां से सटी एशिया की खारे पानी की साम्भर झील में इन दिनों फिर विदेशी मेहमान कहे जाने वाले प्रवासी पक्षियों पर 2019 के बाद एक बार फिर मौत के काले बादल मंडराने लगे है। साम्भर साल्ट क्षेत्र में ही प्रवासी पक्षियों की लगातार मौत हो रही है। आज उप वन संरक्षक ख्याति माथुर ने नावां पहुच कर झील का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया इस दिरण वन विभाग,साम्भर साल्ट,नगरपालिका, तहसीलदार, SDM, ADM, पर्यावरण विभाग सहित विधुत विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। माथुर ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के पक्षियों की होने वाली मोतो के कारण के बारे में जानकारी ली और उनके बचाव के उपाय की प्रकार किये जाने की समीक्षा की। ADM राकेश गुप्ता ने साम्भर साल्ट के अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करते हुए कहा कि इन पक्षियों की सुरक्षा का सबसे पहला जिम्मा साम्भर साल्ट का है ,साम्भर साल्ट द्वारा ही पानी को जगह जगह रोकने के लिए अवरोधक स्थापित कर रखे है जिनके कारण पानी के ठहराव पर एल्गी जमा हो जाती है और उसी के कारण बैक्ट्रिया पनप रहा है। झील क्षेत्र का ड्रोन की मदद से निरीक्षण किया जाएगा साथ ही पशु चिकित्सा विभाग द्वारा मर्त पक्षियों के सेम्पल जांच के लिए भेजे गए है। पानी मे कैमिकल की मात्रा का मिश्रण भी बड़ा कारण बताया गया है। प्रवासी पक्षियों की निगरानी व उनकी जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई है। SDM दिव्या सोनी ने साम्भर साल्ट के अधिकारियों को अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर उनका पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया साथ ही कहा कि साम्भर साल्ट का सहयोग नही रहा तो साम्भर साल्ट की ख़िलाप कार्यवाही की जाएगी। घायल प्रवासी पक्षियों के लिए मिठड़ी में रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। झील क्षेत्र में हो रही प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में सम्बंधित विभाग अलर्ट मोड़ पर रहते हुए हर सम्भव प्रयास करते हुए मोतो के आकड़ो को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उप वन संरक्षक ख्याति माथुर ने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा कि साम्भर साल्ट रिफायनरी के पास से पर्यावरण विभाग द्वारा सेम्पल लिए गए है जो जांच के लिए भेजे जा रहे है.
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RKRishikesh Kumar
Nov 01, 2025 13:32:35
CHANDI, Harnaut, Bihar:प्रशांत किशोर आज नालंदा में रोड-शो किया। इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाह रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए को घोषणा पत्र नहीं रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए और यह बताना चाहिए कि 20 वर्षों में उन्होंने क्या-क्या कार्य बिहार के लिए । उन्होंने कहा कि बिहार में जनसुराज विकल्प बन गया है। उन्होंने कहा कि लालू के डर से एनडीए को ,एनडीए के डर से अब लोग लालू को वोट नहीं देंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आप लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को जंगल राज कहते हैं तो फिर नीतीश कुमार के कार्यकाल को अधिकारियों का राज खाने में कोई परहेज नहीं होना चाहिए।
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MKMUKESH KUMAR
Nov 01, 2025 13:32:24
Darbhanga, Bihar:स्लग-दरभंगा में अश्विनी चौबे का विवादित बयान, मुस्लिम वोटरों पर बोला बड़ा शब्द ,हम उन्हें मतदाता नहीं, भाग्यविधाता मानते हैं,जनसंख्या मुस्लिम समुदाय के लगातार बढ़ने पर हिन्दुओ से अपील तीन से ज्यादा बच्चे करें। तेजस्वी पर भी कसा तंज। तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “यह मुख्यमंत्री तो नहीं बनेंगे, लेकिन काल कोठरी के मुख्य कैदी जरूर बनेंगे। जिनके DNA में भष्टाचार है वैसे अपराधियों को बिहार की जनता 14 नवंबर के बाद बक्सर की जेल के मोटका रस्सा से लटकाने का काम करेगी और उनका राजनैतिक हत्या हो जायेगी 14 नवंबर के बाद बिहार की जनता “भ्रष्टाचारियों और निकम्मों को राजनीतिक फांसी देगी।” दरभंगा नगर सीट पर भाजपा 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करेगी, तथा महागठबंधन के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा गया कि यह वही लोग हैं जिन्होंने बिहार में अपहरण उद्योग को जन्म दिया था।
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CRCHANDAN RAI
Nov 01, 2025 13:32:11
Barh, Bihar:विक्रम सिहाग पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पटना दुलारचंद हत्याकांड मामले में ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि अभी तक तीन दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में चार केस दर्ज किया गया है। पहला केस पीड़ित पक्ष मृतक का पोता, दूसरा जनसुराज पार्टी समर्थक, तीसरा पुलिस और चौथा मजिस्ट्रेट की तरफ से दर्ज किया गया है। साक्ष्य संकलन के आधार पर आगे इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। घटनाक्रम से जुड़े सोशल मीडिया पर वायरल सभी वीडियो की जांच की जा रही है। जैसे-जैसे पुलिस के पास और अधिक सबूत मिलेंगे, वैसे और लोगों की गिरफ्तारी होगी। चश्मदीद गवाहों का स्टेटमेंट अभी रिकॉर्ड नहीं किया गया है। उनको जल्द बयान रिकॉर्ड कराने के लिए कहा गया है। गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी।
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AKAlok Kumar
Nov 01, 2025 13:31:55
Sithmara, Uttar Pradesh:कानपुर देहात के डेरापुर तहसील क्षेत्र से सरकारी लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अंगदपुर मौजा गेंदामऊ गांव में रहने वाले बुजुर्ग देवी प्रसाद पुत्र धन्ना को तत्कालीन ग्राम सचिव ने अपनी रिपोर्ट में जिंदा होते हुए भी मृत घोषित कर दिया, जिसके चलते उनकी वृद्धा पेंशन बंद हो गई। शनिवार को डेरापुर तहसील सभागार में आयोजित जिला स्तरीय संपूर्ण समाधान दिवस में पीड़ित बुजुर्ग देवी प्रसाद ने जिलाधिकारी कपिल सिंह से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि सन 2023 से उनकी वृद्धा पेंशन बंद थी, जिसके बाद जब उन्होंने तहसील में जानकारी ली तो खुलासा हुआ कि तत्कालीन सचिव आशीष मिश्रा ने 29 मई 2023 को भौतिक सत्यापन रिपोर्ट में उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस गंभीर लापरवाही पर जिलाधिकारी कपिल सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और जिला समाज कल्याण अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। जांच में सचिव के विरुद्ध लगे आरोप सही पाए गए। डीएम ने कहा कि “संबंधित सचिव के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।” वहीं जब मीडिया ने सचिव से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कॉल रिसीव कर तुरंत काट दी। इस घटना ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई न हुई, तो अन्य लाभार्थियों को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पीड़ित बुजुर्ग देवी प्रसाद ने भरोसा जताया है कि उन्हें जल्द न्याय मिलेगा और उनकी पेंशन पुनः बहाल होगी।
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AMALI MUKTA
Nov 01, 2025 13:31:35
Gohara Marufpur, Uttar Pradesh:डिजिटल के लिए मुख्य न्यायाधीश बोले- शिक्षा ही बदलाव की कुंजी भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय भूषण रामकृष्ण गवई आज कौशाम्बी पहुँचे। उन्होंने चायल तहसील के आलमचंद्र गांव स्थित महेश्वרי प्रसाद इंटर कॉलेज में वार्षिकोत्सव समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव भी मौजूद रहीं। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा बन जाए, उसे अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि “विविधता में एकता” ही भारत की असली पहचान है और शिक्षा ही समाज में बदलाव का सबसे बड़ा माध्यम है। कार्यक्रम के दौरान “प्रतिभा श्रीवास्तव स्मृति छात्रवृत्ति”, “शकुन्तला श्रीवास्तव स्मृति छात्रवृत्ति” और “विश्वेषनाथ एकल छात्रवृत्ति” का वितरण किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया और उन्हें शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया。 मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कौशाम्बी की धरती भगवान बुद्ध की कर्मभूमि रही है, जिसकी संस्कृति और परंपरा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान देता है, और यह हर बच्चे का मौलिक अधिकार है。 भूषण रामकृष्ण गवई, मुख्य न्यायाधीश भारत- शिक्षा से ही समाज में परिवर्तन संभव है। यह आपके भविष्य की कुंजी है। आप इस देश के भविष्य हैं, और कल का भारत कैसा होगा, यह आप पर निर्भर करता है。 कार्यक्रम के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ के आवास पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने भोजन किया। इसके बाद वह प्रयागराज के लिए रवाना हो गए। कौशाम्बी प्रशासन ने इस पूरे कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे。 भारत के मुख्य न्यायाधीश के इस दौरे ने न सिर्फ जिले के लिए गौरव का क्षण दिया, बल्कि शिक्षा के महत्व को भी एक नई दिशा दी。
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