MP - मुलताई में मां ताप्ती का उद्गम स्थल: धार्मिक पहचान की नई शुरुआत!
बैतूल जिले के पवित्र नगर मुलताई में मां ताप्ती के उद्गम स्थल को धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान दिलाने के उद्देश्य से द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती सात दिवसीय सूर्य महायज्ञ करवा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने जी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि धार्मिक ग्रंथों में ताप्ती नदी का उल्लेख सूर्य पुत्री के रूप में हुआ है और इस पवित्र स्थल का उचित विकास सनातन धर्म के लिए बेहद जरूरी है। शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने बताया कि उन्होंने मुलताई के ताप्ती भक्तों की मांग पर मध्य प्रदेश शासन को पत्र भी लिखा था। जिसके परिणामस्वरूप शासन ने मुलताई के धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया और राजस्व रिकॉर्ड में हुई छेड़छाड़ को भी ठीक किया है। साथ ही ताप्ती नदी के प्रभाव क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है। शंकराचार्य सदानंद सरस्वती,पीठाधीश्वर द्वारका शारदा पीठ | शंकराचार्य महाराज की माने तो उन्होंने ताप्ती उद्गम स्थल का निरीक्षण किया,जहां ताप्ती जी के उद्गम स्थल में कई तरह की खामियां दिखाई दे रही है,जिन्हें ठीक करने की जरूरत बताई है, क्योंकि ताप्ती जी सूर्य की पुत्री हैं और उनका उद्गम स्थल मुलताई धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां का विकास दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होना चाहिए। सूर्य महायज्ञ के माध्यम से शंकराचार्य जनता को ताप्ती की महिमा और उनके आध्यात्मिक महत्व के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने सभी ताप्ती भक्तों और नागरिकों से अपील की है कि वे ताप्ती उद्गम स्थल के संरक्षण और विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करें। यज्ञ में अंग्रेजन से लाभ से ताप्ती जी मैं लोगों की गहरी आस्था दिखाई दे रही है और जल्द ही मिलताई का धार्मिक विकास होगा। सोमेश परसाई,धर्माचार्य शंकराचार्य सदानंद सरस्वती का यह प्रयास मुलताई को धार्मिक मान्यता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि सरकार और समाज मिलकर इस पहल को कितना आगे बढ़ाते हैं।
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