Balaghat - मदर्स- डे पर वृद्धाश्रम में माताओं की दर्दभरी कहानी
बालाघाट, आज मदर्स-डे है, वैसे तो मां का हर दिन होता है लेकिन 11 मई रविवार का दिन पूरी तरह मां के सम्मान, स्नेह, त्याग और उसके योगदान के लिए समर्पित है। एक मां जीवन भर अपने बच्चो के प्यार और आशीर्वाद हमेशा बना रहता है, मां, प्रताड़ित होकर भी अपने बच्चे की सलामती की दुआ करती है। ऐसे ही कुछ माताएं स्थानीय वृद्धाश्रम में रहकर अपना शेष जीवन गुजार रही है। जो वृद्धाश्रम में अपनी मर्जी से नहीं बल्कि परिस्थितिवश, जीवन गुजारने मजबूर है अपनो की प्रताड़ना और अनदेखी से वह बच्चों से दूर रहने मजबूर है। ऐसी ही दो माताएं, सहारा वृद्धाश्रम में मिली। जिनकी अपनी संताने तो है लेकिन वह उनके पास ना रहकर वृद्धाश्रम में रह रही है। जिन्हें अपने संतानों की याद तो आई लेकिन उनसे मिलने कोई भी नहीं पहुंचा।
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|