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नूरपुर-ज्वाली-फतेहपुर-इंदौरा में बारिश न हो पाने से रबी फसलें संकट: किसान चिंतित
BSBhushan Sharma
Dec 31, 2025 07:01:55
akhra, Himachal Pradesh
नूरपुर–ज्वाली–फतेहपुर–इंदौरा में बारिश न होने से बढ़ी शुष्क ठंड, रबी फसलों पर संकट, किसान चिंतित
एंकर -जिला कांगड़ा के निचले मैदानी क्षेत्रों नूरपुर, ज्वाली, फतेहपुर और इंदौरा में पिछले दो–तीन महीनों से बारिश न होने के कारण शुष्क ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। इस असामान्य मौसम के चलते जहां एक ओर मौसमी बीमारियों में इजाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों की रबी फसलें भी संकट में आ गई हैं। किसानों का कहना है कि जिन खेतों में रबी की बुवाई हो चुकी है, उन्हें भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है, जबकि कई किसान बीज और खाद खरीदने के बावजूद बारिश न होने के कारण अभी तक बुवाई ही नहीं कर पाए हैं।
कर्ण हीर ने बताया कि इस बार मौसम की मार इतनी ज्यादा है कि कई किसान गेहूं की बिजाई तक नहीं कर सके हैं। कई किसानों ने बीज और खाद तो पहले ही ले रखी है, लेकिन बारिश के अभाव में खेत सूखे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दो तरह की फसलें प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं—मक्की और उड़द की दाल। जहां मक्की की कटाई के बाद गेहूं की बुवाई की जाती है, वहीं उड़द की दाल कटने के बाद अभी तक कई जगह बिजाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का किसान पूरी तरह बारिश पर निर्भर है।
कर्ण हीर ने फिन्ना सिंह नहर परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस परियोजना का नाम बचपन से सुनते आ रहे हैं, लेकिन अब लगभग 60 वर्ष की उम्र हो जाने के बावजूद यह योजना आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी राजनीतिक दल इस परियोजना को लेकर सिर्फ राजनीति करते रहे हैं। यदि यह नहर परियोजना शुरू हो जाती तो क्षेत्र की कई पंचायतों के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलता, क्योंकि यहां की भूमि समतल और उपजाऊ है।
किसान विजय ने कहा कि बरसात खत्म हुए करीब तीन महीने बीत चुके हैं और इस समय फसलों को बारिश की सबसे ज्यादा जरूरत है। जिन किसानों ने बुवाई कर दी है, उनकी फसलें उग नहीं पा रही हैं। मौसम विभाग भले ही बारिश की भविष्यवाणी कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत में बारिश नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अब तो सब कुछ भगवान की कृपा पर ही निर्भर है। इस शुष्क ठंड के कारण बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं।
वहीं किसान प्रवीण ने बताया कि लगातार शुष्क ठंड का मौसम बना हुआ है। बारिश न होने से जिन किसानों ने फसलें बोई हैं, उन्हें भारी नुकसान की आशंका है। उन्होंने कहा कि सभी किसान भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द बारिश हो जाए, ताकि शुष्क ठंड से फैल रही बीमारियों से राहत मिले और किसानों की फसलों को भी जीवनदान मिल सके।
कुल मिलाकर बारिश के इंतजार में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं और यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिनों में खेती-किसानी के साथ-साथ आम जनजीवन पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
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