प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सोनीपत से कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पवार की गिरफ्तारी को लेकर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता करण सिंह दलाल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र पवार की गिरफ्तारी से कांग्रेस को चुनाव में फायदा होगा। करण सिंह दलाल ने इस गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि यह कार्यवाही सरकार द्वारा द्वेषभाव से कराई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि बीजेपी किस तरह के कार्य कर रही है और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है।
ईडी द्वारा विधायक सुरेंद्र पवार की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का बयान
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रायबरेली के पूरे डेलई मुजरे बेनीकामा में मजदूरी मांगने पर पीटे गए श्रमिक की जान चली गई। उसकी पत्नी न्याय के लिए थाने और जिले के कप्तान के पास गई लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। महिला का आरोप है कि पुलिस ने उनके दामाद की हत्या के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। न्याय के लिए वह और उनकी बेटी दर-दर भटक रहे हैं लेकिन रायबरेली में पुलिस से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।
मौनी महराज जिन्होंने खालिस्तानी आतंकियों के विरोध में बयान दिया था, के शिविर में रात 2:15 बजे दो नकाबपोश बदमाश घुसे। बदमाशों के चेहरे ढके हुए थे और जब लोगों ने उन्हें देखा तो वे भाग गए। मौनी महराज ने बताया कि उनकी जान को खतरा है और उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है।
विकास भवन में PRD के जवानों ने एक संगठन बनाने के लिए एकत्रित होकर अपने पदाधिकारियों का चयन किया। जवानों का कहना है कि उन्हें शासन प्रशासन द्वारा समय पर मानदेय नहीं मिलता और न ही उचित स्थान पर उनकी ड्यूटी लगाई जाती है। इसी समस्या को लेकर पीआरडी जवानों ने रायबरेली में एक संगठन बनाने का निर्णय लिया है। जवानों ने बताया कि उनके साथ अक्सर दुर्व्यवहार किया जाता है इसलिए वे संगठन खड़ा कर रहे हैं ताकि वे अपनी समस्याओं को शासन और प्रशासन तक पहुंचा सकें।
ग्राम सैदपुर रज्जीपुर में प्रधान और सचिव की लापरवाही के कारण गांव के मुख्य मार्ग पर नाली, कचरा और जलभराव की समस्या ने आम जनमानस का आना-जाना मुश्किल कर दिया है। यह समस्या पिछले एक साल से बनी हुई है। ग्रामीणों ने विकासखंड टांडा के अधिकारियों को कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन प्रधान और सचिव केवल आश्वासन देकर लीपापोती कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि घर से निकलना कठिन हो गया है और हमेशा गंदगी बनी रहती है। उन्हें डर है कि जलभराव के कारण गंभीर बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया उत्पन्न हो सकती हैं।
आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 के अंतर्गत रिजर्व पुलिस लाइन गोण्डा में अभ्यार्थियों के अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण चल रहा है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों ने स्थल पर पहुंचकर अभ्यार्थियों के प्रवेश द्वार, बायोमैट्रिक स्थल और डीवी/पीएसटी स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति की जांच की। अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। इस प्रक्रिया में 50 अभ्यार्थियों के अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण किया जा रहा है।
गाजियाबाद के नेशनल हाईवे से तिमाही की पुलिया तक 5 साल से अपनी बदहाली के आंसू बहा रही सड़क पर सिंचाई विभाग द्वारा कार्य को आरंभ कर दिया गया है। प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन इस सड़क से होता है ,इस बीच समाज सेवी अधिवक्ता सुनील प्रधान ने बताया कि शासन तक इस सड़क के निर्माण कार्य के लिए बात को पहुंचाया गया है और जल्द ही इस सड़क का निर्माण कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जाएगा। लिहाजा सड़क के निर्माण कार्य होने से प्रतिदिन आगमन करने वाले हजारों लोगों को काफी लाभ भी मिलेगा।
गाजियाबाद के राजनगर में मिजोरम के राज्यपाल जनरल वीके सिंह के आवास पर , जहां समर्थको द्वारा उन्हें बधाई का सिलसिला लगातार जारी है। वही ब्रह्म कुमारी बहनों ने जनरल वीके सिंह के राज्यपाल बनने पर सतीश दीदी और राजेश दीदी ने बधाई देते हुए भविष्य की सुभकामनाए दी है।
बीबर थाना क्षेत्र के गांव जोगा में मंदिर पर जबरियां गांव के ही दबंगों ने कब्जा कर लिया है। जिसकी शिकायत करने ग्रामीण जिला अधिकारी कार्यालय पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि वह मंदिर की जमीन दो बीघा से अधिक है,जिस पर लेखपाल द्वारा रुपए लेकर दबंगों के पक्ष में जमीन को नाप दिया है,वह गलत है।
भारत ने आजादी पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है. अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए भारतीयों ने कई यातनाएं झेली लेकिन हार नहीं मानी. इसका परिणाम ये रहा कि भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो गया. इस लेख के माध्यम से आज हम आपको चौरी-चौरा कांड की उस कहानी को बयां करेंगे, जिसकी वजह से महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन वापस लेना पड़ा. चौरी-चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को हुआ जिसमें भारतीयों के बलिदानों की याद में एक चौरी-चौरा शहीद स्मारक गोरखपुर में बनाया गया. आज जानेंगे इस स्मारक की पूरी कहानी.
चौरी-चौरा कांड
अंग्रजों के शासन से तंग आकर भारतीयों ने उनके विरोध में कई काम करने शुरू कर दिए थे. जैसे विदेशी सामानों का बहिष्कार, उनके आदेश को ना मानना आदि. 1922 में चौरी-चौरा में चल रहे शांति प्रदर्शन में अंग्रेजी पुलिस ने क्रांतिकारियों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जिसके परिणाम में भारतीयों का गुस्सा उबल पड़ा और चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन पर क्रांतिकारियों ने आग लगा दी, जिसमे 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.
चौरी-चौरा शहीद स्मारक बनाने का कारण और महत्व
1922 में हुए चौरी-चौरा कांड में अंग्रेजों ने 19 क्रांतिकारियों को इस मामले का दोषी पाकर फांसी के फंदे पर लटका दिया. गोरखपुर में बना ये शहीद स्मारक उन्हीं 19 बलिदानों की याद में बनाया गया है. इस स्मारक को ऊंचा बनाया गया है, जो देश के प्रति कुछ कर गुजरने का संदेश भी देता है.
आज के समय में ये शहीद स्मारक गोरखपुर के जंघा में लोगों के लिए आकर्षक का केद्न बना हुआ है. जहां लोगों आते है और अपने देश के प्रति देशभक्ति को भावना को जागृत करते हैं. यह शहीद स्मारक भारत की आजादी की लड़ाई के संघर्ष को आने वाली पीढ़ियों को भी बताता रहेगा और उन्हें प्रेरणा देने का काम करेगा.