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Central Delhi110007

सदर बाजार में सुरक्षा को लेकर क्या बोले स्थानीय लोग ओर व्यापारी

Oct 22, 2024 10:49:42
Delhi, Delhi

त्योहारों के मद्देनजर दिल्ली में खुफिया विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था कि आतंकवादी भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बना सकते हैं। कल रोहिणी में हुए ब्लास्ट के बाद बंजारों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। सुरक्षा को लेकर सदर बाजार के लोगों और दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है। टीटी दुकानदारों ने सुरक्षा के उपायों को और सख्त करने की मांग की है, ताकि त्योहारों के दौरान सभी लोग सुरक्षित रह सकें।

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DKDebojyoti Kahali
Dec 29, 2025 12:48:09
Cooch Behar, West Bengal:কোচবিহার: বয়স্ক অসুস্থ ব্যক্তিদের সাথে বিএলএ ২ দের হিয়ারিং সেন্টারে ঢুকতে দিতে হবে। কিন্তু কমিশনের লোকেরা সেটাতে বাধা প্রদান করছে। অথচ তাদের কাছে বিএলএ ২ দের শুনানি কেন্দ্রে ঢুকতে না দেওয়ার কোন ઓর্ডার কপি নেই। তাহলে তারা কেন বিএলএ ২ শুনানি কেন্দ্রে ঢুকতে না দিয়ে সাধারণ মানুষের কাজে হয়রানি করছেন। এমনটাই অভিযোগ তুলে দিনহাটা 2 নং ব্লক AERO র সাথে বাকবিতণ্ডায় জড়িয়ে পড়লেন মন্ত্রী উদয়ন গুহ। মন্ত্রীর দাবি যে সমস্ত বৃদ্ধ অসুস্থ মানুষ হিয়ারিংয়ে ডাক পেয়েছেন তাদের মধ্যে এমন অনেকেই রয়েছেন যারা ঠিকমতো কথা বলতে পারেন না তাই স্থানীয় বি এল এ ২ রা তাদের সাথে থাকলে শুনানিতে তাদের অনেকটাই সুবিধা হবে। কিন্তু কমিশনের লোকেরা বিএলএদের ঢুকতে দিচ্ছে না অথচ এর কোন নির্দেশিকা নেই। যদিও মন্ত্রীর সাথে বাকবিতণ্ডার পর বি এল এদের ভিতরে ঢুকতে দেওয়া হয়।
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CSChandrashekhar Solanki
Dec 29, 2025 12:47:58
Ratlam, Madhya Pradesh:सरकार की करोड़ों की नल–जल योजना का मकसद था हर घर तक पानी पहुँचाना, और रतलाम जिले की एकल ग्राम नल–जल योजना के तहत 367 गाँवों में पाइपलाइन, टंकियाँ, सम्पवेल और घर–घर कनेक्शन बनाए गए। लगभग 318 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस योजना से ग्रामीण इलाकों में उम्मीदें तो बढ़ीं, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है—यह जानने के लिए ज़ी मीडिया की टीम शिवपुर, राजपुरिया और चितावद जैसे गाँवों तक पहुँची। ग्रामीणों से बात करने पर तस्वीर मिलिजुली मिली , नल–जल से पानी तो पहुँच रहा है, लेकिन पूरी राहत नहीं। समस्या सबसे ज्यादा सामने आती है गर्मियों के मौसम में, जब जिन बोरिंगों से पानी टंकियों तक पहुँचाया जाता है, वही बोरिंग पानी देना बंद कर देती हैं। कई गाँवों में गर्मियों में एक, दो, यहाँ तक कि तीन दिन में कभी–कभार पानी मिलता है, जबकि बरसात और सर्दियों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रहती है। कुछ गाँवों में तो साल में सिर्फ तीन से चार महीने ही पानी पर्याप्त मिलता है, जबकि बाकी महीनों में नल सूखे नज़र आते हैं। ऊँचाई वाले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की दिक्कत अलग है—दबाव कम होने से पानी उनके घरों तक पहुँच ही नहीं पाता। यही बात कई ग्रामीणों और महिलाओं ने कैमरे पर स्वीकार की। वहीं नल–जल योजना के कर्मचारियों ने भी माना कि गर्मियों में जल–स्तर नीचे चला जाता है, जिससे सप्लाई प्रभावित होती है। अधिकारीयों का कहना है कि योजना शुरू करने से पहले पानी की उपलब्धता का पूरा सर्वे किया गया, और काम की गुणवत्ता पर निगरानी रखते हुए चार ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया। निष्कर्ष ये कि— करोड़ों की इस योजना ने गांवों में राहत की राह तो खोली है, लेकिन चुनौतियाँ अब भी बाकी हैं। तकनीकी कमियाँ, घटता जल–स्तर और ऊँचे इलाकों में सप्लाई की दिक्कतें—ये सारी बातें बताती हैं कि नल–जल से उम्मीदें तो बहती हैं, लेकिन कुछ घरों तक पानी आज भी पूरी तरह नहीं पहुँच पाता。
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Dec 29, 2025 12:47:49
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RVRajat Vohra
Dec 29, 2025 12:45:22
Jammu, :सर्दियों का मौसम और घना कोहरा जम्मू के अखनूर सेक्टर में भारत–पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ा देता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और कठोर कर दिया गया है। सीमा पार से संभावित घुसपैठ की आशंका को देखते हुए BSF की सभी चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और गश्त को कई गुना बढ़ा दिया गया है। कोहरे और कम दृश्यता का फायदा उठाकर घुसपैठ की कोशिशें बढ़ सकती हैं, इसलिए BSF ने अपनी एंटी-इन्फिल्ट्रेशन ग्रिड को और मजबूत करते हुए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। ऐसे कठिन मौसम में भी BSF की Women Commandos अग्रिम मोर्चे पर डटी हुई हैं। अखनूर सेक्टर में घने कोहरे के बीच महिला कमांडोज़ हाई-टेक हथियारों और आधुनिक निगरानी उपकरणों की मदद से सीमाई इलाकों में पेट्रोलिंग कर रही हैं। दृश्यता कम होने और ठंड के बावजूद उनकी सतर्कता में जरा भी कमी नहीं आती। सीमा के हर इंच पर नज़र रखते हुए ये कमांडोज़ यह सुनिश्चित कर रही हैं कि दुश्मन किसी भी प्रकार की हरकत न कर सके। रेडियो कम्युनिकेशन और थर्मल इमेजर के माध्यम से ये लगातार संपर्क और निगरानी बनाए हुए हैं। इधर सीमा के दूसरी ओर से ड्रोन के जरिए हथियार, गोलाबारूद या अन्य सामग्री गिराने की कोशिशों को रोकने के लिए BSF ने एंटी-ड्रोन सिस्टम भी पूरी तरह सक्रिय कर दिए हैं। कई सेक्टरों में सर्च लाइट, नाइट-विज़न और ग्राउंड मोशन सेंसरों को भी अपडेट किया गया है। इसके अलावा सुरंगों का पता लगाने के लिए एंटी-टनल सर्च अभियान लगातार जारी है, ताकि किसी भी प्रकार की भूमिगत घुसपैठ को शुरू में ही नाकाम किया जा सके। इन सभी सुरक्षा तैयारियों के बीच, हाल ही में पाकिस्तान के एक राष्ट्रीय नेता द्वारा दिए गए बयान ने भी सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। बयान में उसने स्वीकार किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी नेतृत्व बंकरों में छिपने को मजबूर था। अब नए साल के समय उन्हें एक बार फिर डर है कि अगर उन्होंने कोई गलती की, तो भारत की तरफ से ऐसा जवाब मिलेगा कि पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस बीच, सीमा के सबसे संवेदनशील इलाकों में BSF के जवान फेंस के नजदीक गश्त तेज कर चुके हैं। फेंस, तारबंदी और ज़मीन पर होने वाली हर हलचल पर पैनी निगाह रखी जा रही है। जवान लगातार चौकियों के बीच मूव कर रहे हैं, जमीन पर पैरों के निशान जांच रहे हैं और हर संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट कर रहे हैं। ठंड और धुंध के बावजूद जवानों की तत्परता और निगरानी में कोई कमी नहीं है। रात के समय फेंस के पास बढ़ी पेट्रोलिंग, चौकियों से निगरानी और हाई-पावर लाइटों की मदद से सीमा पूरी तरह सुरक्षित रखी जा रही है। कुल मिलाकर, नए साल से पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने अपनी तैयारियों को चरम स्तर पर पहुंचा दिया है। चाहे महिला कमांडोज़ हों या फेंस के पास गश्त करते जवान—BSF हर नापाक कोशिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कोहरा हो, ठंड हो या अंधेरा… भारत की सीमा पर सुरक्षा का यह कवच दुश्मन के हर इरादे को ध्वस्त करने की ताकत रखता है।
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Dec 29, 2025 12:44:09
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Dec 29, 2025 12:42:48
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Dec 29, 2025 12:40:36
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SASARIFUDDIN AHMED
Dec 29, 2025 12:36:33
Guwahati, Assam:असम के मुख्यमंत्री ने मिया मुसलमान 40% होने के बाद असम में खतरा हो सकता है इसी बयान पर असम के मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन खुदाई खिदमतगार असम प्राण के सदर एडवोकेट इलियास अहमद गुवाहाटी हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री जो मुसलमान के बारे में कहा कि 40% होने से खतरा है यह बहुत निंदनीय बात है असम के मियां मुसलमान से असम में कोई खतरा नहीं है क्योंकि स्वाधीनता से पहले भी असम तथा भारत के लिए मुसलमान ने खून बहाया है मुसलमान के लिए यह भारत अपना देश है इसके खिलाफ कभी नहीं जाते हैं इसलिए मैं यही कहता हूं कि असम के मुख्यमंत्री अभी बहुत नीचे गिर चुके हैं और गलत बयान दे रहे हैं जो सरासर गलत है वही एडवोकेट इलियास अहमद ने कहा कि असम के मियां मुसलमान हरदम भारत के डेवलपमेंट के लिए काम करते हैं कभी उसके अगेंस्ट में काम नहीं करते असम के मुख्यमंत्री सिर्फ चुनाव से पहले इस तरह से गलत बयान दे रहे हैं क्योंकि 2026 में चुनाव है।
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