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उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले बढ़े; सरकार नसबंदी, मुआवजा और AI से रोकथाम करेगी
SDSurendra Dasila
Dec 22, 2025 07:46:05
Dehradun, Uttarakhand
एंकर उत्तराखंड में लगातार जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं। जंगली जानवरों के हमलों को लेकर सरकार ने भी एक विस्तृत योजना बनाने की निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में आखिर क्यों बढ़ रहे हैं हमले और क्या कुछ सरकार करने जा रही है देखिए इस रिपोर्ट में
उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है। प्रदेश मैदान से लेकर पहाड़ तक फैला हुआ है। ऐसे में पहाड़ से लेकर मैदान तक अलग-अलग जंगली जानवरों के हमले भी अक्सर नजर आते हैं। प्रदेश में इन दिनों गुलदार बाघ और भालू के हमले काफी बढ़ गए हैं।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वन्यजीवों के हमले में साल 2000 से अब तक 1264 लोगों की जान जा चुकी है।
साल 2000 से अब तक जंगली जानवरों के हमले में 6519 लोग घायल हो चुके हैं।
साल 2000 से अब तक गुलदार के हमले में 546 लोगों की मौत हुई है और 2126 लोग घायल हुए हैं।
साल 2000 से अब तक हाथी के हमले में 230 लोगों की मौत हुई है और 234 लोग घायल हुए हैं।
साल 2000 से अब तक बाघ के हमले में 106 लोगों की मौत हुई है और 134 लोग घायल हुए हैं।
साल 2000 से अब तक भालू के हमले में 71 लोगों की मौत हुई। और 2012 लोग घायल हुए हैं।
साल 2000 से अब तक सांप के काटे जाने से 260 लोगों की मौत हुई और 1056 लोग घायल हुए।
साल 2000 से अब तक जंगली सूअर के हमले में 30 लोगों की मौत भी और 663 लोग घायल हुए।
साल 2000 से अब तक मगरमच्छ के हमले से 9 लोगों की मौत हुई 44 लोग घायल हुए।
साल 2000 से अब तक मधुमक्खी के काटने से 10 लोगों की मौत हुई और 14 लोग घायल हुए।
साल 2000 से अब तक बंदर लंगूर के हमले में 211 लोग घायल हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि प्रदेश में जंगली जानवरों की संख्या भी बढ़ रही है जो एक बड़ा कारण है। ऐसे में जंगली जानवरों के नसबंदी के कार्यक्रम पर भी फोकस किया जा रहा है। जंगली जानवरों से संबंधित रेस्क्यू सेंटर्स को भी बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि अब जंगली जानवरों के हमले से मौत में 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए भी जंगली जानवरों के हमलों को कम करने पर प्रयास किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके कैसे जंगली जानवरों के हमले को रोका जा सकता है इस पर विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं।
उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव वन आरके सुधांशु का कहना है की बड़े पैमाने पर भारत के कई बड़े विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लोगों के साथ मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर काफी प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों और मैदानी क्षेत्रों में मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। घायल और मृतक लोगों के परिजनों को त्वरित सांत्वना राशि और उपचार दिलाए जाने पर भी लगातार कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखंड में जंगली जानवरों के बढ़ते हमले बड़ी चिंता का कारण बन रहे हैं। जंगली जानवरों के रखरखाव और परिस्थिति तंत्र को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। लेकिन पहाड़ों पर जिस तरह से गुलदार बाघ और भालू के हमले में लोग मारे जा रहे हैं यह भी बहुत बड़ी चिंता है
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