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उत्तराखंड के 25 साल: राजनीतिक उतार-चढ़ाव और प्रगति की कहानी
SDSurendra Dasila
Nov 07, 2025 17:19:54
Dehradun, Uttarakhand
राज्य स्थापना 25 साल विशेष उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे हो रहे हैं। इन 25 सालों में उत्तराखंड ने काफी प्रगति की। लेकिन राजनीतिक तौर पर उत्तराखंड के लिए 25 साल बड़े चुनौती भरे रहे। 25 सालों में राजनीति के उतार चढ़ाव को लेकर देखिए रिपोर्ट 9 नवंबर सन 2000 को देश के 27 वे राज्य के तौर पर उत्तराखंड की स्थापना हुई। नए पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लिए देश के बड़े राज्यों के बीच खुद को स्थापित करना किसी चुनौती से काम नहीं था। उत्तराखंड में 25 सालों में काफी प्रगति की। लेकिन उत्तराखंड इन 25 सालों में राजनीतिक तौर पर काफी अस्थिर भी नजर आया। 25 साल में राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव उत्तराखंड में देखने को मिला। उत्तराखंड राज्य की स्थापना के साथ सबसे पहले अंतरिम सरकार में संघ के करीबी रहे भाजपा नेता नित्यानंद स्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। जमीनी तौर पर नित्यानंद स्वामी मजबूत पकड़ वाले नेता नहीं थे। इसलिए कुछ समय के बाद भाजपा ने आरएसएस के करीबी और भाजपा के जमीनी नेता भगत सिंह कोश्यारी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन कोश्यारी राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में 2002 में कमल नहीं दिखा पाए और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। राज्य में पहली निर्वाचित सरकार के तौर पर 2002 में नारायण तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। इस दौरान भी देश की राजनीति करने वाले नारायण दत्त तिवारी को कांग्रेस ने तरजीह दी । लेकिन जमीनी तौर पर मजबूत हरीश रावत को झटका मिला। इन 5 सालों में हरीश रावत और नारायण दत्त तिवारी के बीच में तकरार जमकर दिखती रही। साल 2007 में प्रदेश में दूसरी बार विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की। केंद्रीय मंत्री रह चुके ईमानदार नेता के तौर पर जाने जाने वाले भुवन चंद खंडूरी को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर बैठाया। लेकिन खंडूरी का सख्त मिजाज और कार्यकर्ताओं से दूरी उन्हें भारी पड़ी और कुर्सी पर रमेश पोखरियाल निशंक को बैठाया गया। निशंक कार्यकर्ताओं के करीब तो थे लेकिन प्रशासनिक तौर पर निशंक मजबूत नहीं दिखाई दिए और भ्रष्टाचार के आरोप भी निशंक सरकार पर जमकर लगे। इसके बाद चुनाव से पहले निशंक को हटाकर फिर से भुवन चंद खंडूरी को कुर्सी में बैठाया गया। लेकिन भुवन चंद खंडूरी भी 2012 के तीसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में वापस नहीं ला पाए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी । और सबको उम्मीद थी की जमीन से जुड़े हुए हरीश रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन कांग्रेस आला कमान की पसंद विजय बहुगुणा बने और 2012 में विजय बहुगुणा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। साल 2014 में केदारनाथ आपदा में फेल रहने के कारण कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को हटाया और कमान हरीश रावत को सौंप गई। लेकिन मार्च 2016 उत्तराखंड के इतिहास में कोई भी नहीं भूल सकता। जब सदन में बजट पेश किया जा रहा था और बहुमत के आधार पर हरीश रावत सरकार सदन में गिर गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इस दौरान हरीश रावत का एक स्ट्रिंग भी सामने आया जो चर्चाओं का विषय रहा। हालांकि हरीश रावत 2 महीने के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट से जीतकर दोबारा सत्ता में वापस आ गए। साल 2017 में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई और त्रिवेंद्र रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन 4 साल बाद 2021 में त्रिवेंद्र रावत को हटाया गया और बीजेपी आला कमान ने तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। तीरथ सिंह रावत के अटपटे बयानों की वजह से 3 महीने के बाद ही वह सत्ता से हटा दिए गए और राज्य की कमान युवा पुष्कर सिंह धामी को दी गई। पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर 2022 का चुनाव लड़ा गया और भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ गई और राज्य में एक नया रिकॉर्ड बना क्योंकि इससे पहले कोई भी पार्टी दूसरी बार सत्ता में वापस नहीं आ पाई थी। इसलिए उत्तराखंड में राजनीतिक उथल-पुथल भी इन 25 सालों में काफी अच्छी गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत कहते हैं कि राजनीतिक अस्थिरता 25 सालों में बड़े पैमाने पर देखी गई है। उनकी सरकार गिराने वाले और भाजपा में शामिल होने वाले लोगों को भी लोगों ने देखा है । उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि 25 सालों में राजनीतिक तौर पर अस्थिरता भी देखी गई और कई बार लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी इसका सबसे बड़ा कारण रही है। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं की प्रदेश में सबसे बड़ी राजनीतिक अस्थिरता का कारण हरीश रावत रहे जिनके रहते हुए उनकी सरकार भी गिरी और लोग दूसरी पार्टी में शामिल होना पड़ा । हरीश रावत पर सुबोध उनियाल ने कहा कि एनडी तिवारी के 5 साल के कार्यकाल में हरीश रावत ने उन्हें काफी परेशान किया जो लोगों ने देखा है भायात सुबह उनियाल कैबिनेट मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुख्य प्रवक्ता सुरेश जोशी कहते हैं कि 25 सालों में राज्य ने काफी प्रगति की है हर सेक्टर में राज्य ने वह हासिल किया जो बड़े-बड़े राज्यों को हासिल नहीं हुआ। राजनीतिक तौर पर कुछ उथल-पुथल रही लेकिन कई बार यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहतर परंपरा भी है 25 सालों के उत्तराखंड को आर्थिक तौर पर प्रगति करने वाले राज्य के तौर पर देखा जाता है। 25 सालों में राज्य में सड़क कनेक्टिविटी बेहतर देखी गई। लेकिन 25 सालों में उत्तराखंड राजनीतिक तौर पर कई बार अस्थिर नजर आया
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FollowNov 07, 2025 18:45:44Delhi, Delhi:दिल्ली के रिठाला इलाके के झुग्गियों में आग लगी; आग लगभग 11 बजे; दमकल की 10 गाड़ियाँ मौके पर; आग बुझाने का काम जारी।
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RRRakesh Ranjan
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