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ED ने अनिल अंबानी ग्रुप की 3,084 करोड़ से अधिक संपत्तियां अटैच कीं
AKAshok Kumar1
Nov 03, 2025 03:33:29
Noida, Uttar Pradesh
ED ने अनिल अंबानी ग्रुप (Reliance ADAG) से जुड़ी करीब ₹3,084 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत की है. जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई के बांद्रा (पश्चिम) स्थित पाली हिल वाला बंगला, नई दिल्ली में रिलायंस सेंटर, और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई (कांचीपुरम सहित) और East Godavari में कई जमीनें, ऑफिस और रिहायशी प्रॉपर्टीज़ शामिल हैं. मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) से जुड़ा है. ED के अनुसार 2017 से 2019 के बीच Yes Bank ने RHFL में ₹2,965 करोड़ और RCFL में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया, जो 2019 के अंत तक NPA हो गया. RHFL पर ₹1,353.50 करोड़ और RCFL पर ₹1,984 करोड़ बकाया रहा. पैसे कैसे घुमाए गए? ED की जांच से पता चला कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड के जरिए सीधे निवेश SEBI के नियमों के खिलाफ था. जनता का पैसा म्यूचुअल फंड में लगाया गया, Yes Bank के जरिए घुमाकर अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों में डाला गया. पैसा सीधे नहीं, बल्कि Yes Bank की एक्सपोज़र लाइन के रास्ते RHFL और RCFL तक पहुंचा, और वहां से ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को लोन के नाम पर दे दिया गया. फंड डायवर्जन का खुलासा ED की फंड ट्रेसिंग एनालिसिस से हुआ कि लोन का पैसा ग्रुप के कंपनियों तक पहुंचाया गया, कुछ हिस्से को आगे उधार देकर घुमाया गया, और अंत में पैसा गायब कर दिया गया. कई लोन ऐसे थे जिन्हें एक दिन में आवेदन, मंजूरी और जारी कर दिया गया. कुछ मामलों में पैसा मंजूरी से पहले ही भेज दिया गया — जैसे ‘आवेदन देने से पहले ही लोन मिल गया’. ED ने बताया कि लोन फाइलें अधूरी थीं, डॉक्यूमेंट्स खाली थे, सिक्योरिटी रजिस्टर नहीं की गई, फील्ड विज़िट और डिस्कशन को नजरअंदाज किया गया, और कई उधारकर्ता कागज़ों पर ही कंपनियां थीं जिनकी कोई असली गतिविधि नहीं थी. RCOM पर भी जांच तेज़ है. ED ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) और उससे जुड़ी कंपनियों की जांच में पाया कि करीब ₹13,600 करोड़ की राशि लोन की एग्रीगिंग में लगाई, ₹12,600 करोड़ से ज़्यादा कनेक्टेड कंपनियों को ट्रांसफर किए, और ₹1,800 करोड़ को FDs और म्यूचुअल फंड्स में लगाकर बाद में ग्रुप कंपनियों को भेज दिया. ED ने बिल डिस्काउंटिंग स्कीम के दुरुपयोग का भी दर्षण किया ताकि फंड्स को अंदर ही अंदर घुमाया जा सके. जनता का पैसा वापस लाने की कोशिश ED की टीम अब भी काले धन के स्रोत और संपत्तियों का पता लगा रही है ताकि जब्त की गई संपत्तियों के जरिए जनता के पैसे की वसूली हो सके.
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