302006अंता उपचुनाव में मोरपाल सुमन के प्रत्याशी होने से BJP की दांवपेंच तेज
BDBabulal Dhayal
Oct 17, 2025 12:00:42
Jaipur, Rajasthan
अंता उपचुनाव में भाजपा ने मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया है, सुमन बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं, और जमीनी कार्यकर्ता के रूप में उनकी पहचान है. morpal के मैदान में आते ही अंता में चुनावी तस्वीर भी साफ हो गई है, टिकट का एलान देरी से करने की वजह से बीजेपी को इस उपचुनाव में खासी मेहनत करनी पड़ेगी. अंता में घमासान अब चढेगा परवान. भाया के सामने मोरपा. VO लंबे इंतजार के बाद भाजपा ने आज मोरपाल सुमन पर उम्मीदवारी का भरोसा जताया. मोरपाल बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं, भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. अंता के टिकट के लिये बीजेपी में लंबी मंत्रणा, रायशुमारी और मंथन का दौर चला. कई बड़े दिग्गज नेताओं के नाम पर चर्चा हुई, पर आखिरकार बाजी साधारण छवि के उर्जावान कार्यकर्ता मोरपाल सुमन के हाथ लगी. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनकी उम्मीदवारी का एलान करते हुए उन्हें जनसेवक बताया. राठौड़ बोले, अंता में दिये और तूफान के बीच लड़ाई है, और चुनावी जंग भाजपा ही जीतेगी. मदन राठौड़ हिंदी में. हो रहा है अंता में सर्वाधिक माली जाति के वोट बताये जाते हैं. हाडौती में बीजेपी को माली समुदाय खुलकर वोट करता है, इसलिए मोरपाल सुमन पर दांव लगाना पड़ा. पूर्व में प्रभूलाल सैनी यहाँ से प्रमोद जैन भाया को हरा चुके हैं. SC के वोटरों की भी यहाँ अच्छी खासी तादाद है, आदिवासी मीणा वोट बैंक की भी इस इलाके में अच्छी खासी मौजूदगी है. धाकड़, ब्राह्मण मतदाता भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मीणा परंपरागत रूप से हाडौती में कांग्रेस का वोट माना जाता है, पर प्रमोद जैन भाया और मीणा समाज के बीच इस इलाके में छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है. नरेश मीणा के मैदान में निर्दलीय ताल ठोंक देने से मीणा समाज का वोट नरेश की तरफ शिफ्ट होने की प्रबल संभावना है. प्रमोद जैन भाया को सामान्य जाति के मतदाताओं के अलावा हर वर्ग के वोटरों से चुनाव में समर्थन मिलने की उम्मीद है, तो मोरपाल सुमन की साधारण जमीनी कार्यकर्ता की छवि होने से उन्हें छत्तीस कौम के वोट मिलने का भरोसा है. अंता का जातीय गणित: सैनी 38,400; मीणा 34,780; SC 52,804; राजपूत 9,970; धाकड़ 29,480; ब्राह्मण 12,850; गुर्जर 14,206; मुस्लिम 16,400; मालव 4,570; अन्य 12,143. कुल मतदाता 2,27,573. बीजेपी इस चुनाव को गरीब बनाम अमीर की लड़ाई प्रचारित कर मैदान में उतर रही है, एक तरफ प्रमोद जैन भाया का धनबल और बाहुबल है, तो दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार की साफ सुथरी छवि, इसलिए इस चुनाव में प्रत्याशियों की छवि बड़ा मुददा होगी. भाया पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को बीजेपी चुनावी मुददा बनाकर जनता का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस भाया को जनता का सेवक बताकर चुनाव मैदान में डटी है. VO इस पर, एक तरफ भाया का तूफानी चुनाव प्रचार है, तो दूसरी तरफ भाजपा की नामांकन रैली की तैयारियां. जनता ने उम्मीदवारों की जनार्दन में है और फिर मतदान के दिन अपना फैसला सुनायेगा. अंता की लड़ाई जितनी आासान अभी दिख रही है, उतनी असल मायने में है नहीं; आख़िर जनता का मूड आखिरी वक्त में किसके लिए बदल जाये, यह वक्त ही बतायेगा. बाबूलाल धायल.
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