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दिवाली पर ग्रीन पटाखे से वायु प्रदूषण घटाने का दावा जोरदार
ACAshish Chauhan
Oct 19, 2025 08:15:48
Jaipur, Rajasthan
वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए इस दिवाली लगाए ग्रीन पटाखे,नहीं तो आपके शहर में बढ सकती है मुश्किले
जयपुर- वायु प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए बाजारों में ग्रीन पटाखें की बिक्री हो रही है. दिवाली पर बाजारों में ग्रीन पटाखों पर अबकी बार पूरा फोकस है. हर साल दिवाली पर आसमान जगमगाता है, लेकिन उसी के साथ धुआं भी छा जाता है. पटाखों की चमक थोड़ी देर रहती है. लेकिन उनका असर हवा में कई दिनों रहता है. यही वजह है कि देश के कुछ हिस्सों में पटाखों पर बैन है.हालांकि,कुछ जगहों पर दिवाली के मौके पर ग्रीन पटाखों पर फोकस है. जयपुर के बाजारों में लोग ग्रीन आतिशबाजी पर खरीद रहे है.क्योंकि पर्यावरण दूषित ना हो.पिंकसिटी के बाजारों में ग्रीन पटाखों के लिए लंबी कतारें देखने को मिली. लोगों का कहना है कि ग्रीन आतिशबाज़ी से वायु प्रदूषण कम होगा.इसलिए पूरा फोकस ग्रीन आतिशबाज़ी पर है.
ग्रीन पटाखों पर कन्फ्यूजन दूर करे-
कई लोग इनके बीच फर्क को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं. आइए जानते है कि आखिर आम पटाखों और ग्रीन पटाखों में क्या फर्क होता है. आसान भाषा में समझें तो ग्रीन पटाखे आम पटाखों के मुकाबले बहुत कम धुआं और आवाज करते हैं. इन्हें CSIR-NEERI (National Environmental Engineering Research Institute) ने तैयार किया है. सामान्य पटाखे जहां 160 डेसीबल तक शोर करते हैं, वहीं ग्रीन पटाखे सिर्फ 110 से 125 डेसीबल तक ही आवाज करते हैं. इसके अलावा इन पटाखों से धुआं नहीं निकलता है. उल्टा इनमें डस्ट रिपेलेंट भी डाला जाता है. जिससे जलने के बाद ये आसपास की धूल को खींच लेते हैं. यानी इन पटाखों से नॉइस और एयर पॉल्यूशन नहीं होता है.
4 शहरों में हवा की सेहत ख़राब-
हालांकि दीपावली से पहले राजस्थान में प्रदूषण का स्तर खराब हो गया है. प्रदेश के कई शहरों में एक्यूआई लेवल खराब स्थिति तक पहुंच गया है. प्रदेश के 4 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब स्थिति तक पहुंच गया है. दीपावली से पहले शहरों में आबोहवा खराब हो गई है. भिवाड़ी, बीकानेर, हनुमानगढ़, धौलपुर और जयपुर के मानसरोवर में एक्यूआई लेवल खराब स्थिति तक पहुंच गया है. दीपावली पर पटाखे चलेंगे, आतिशबाजी होगी. ऐसे में अब प्रदूषण का स्तर और खराब हो सकता है.
4 शहरों में प्रदूषण का स्तर खराब-
शहर AQI लेवल
बीकानेर AQI 254
धौलपुर AQI 254
भिवाड़ी AQI 246
हनुमानगढ़ AQI 209
ग्रीन पटाखे 3 तरह के होते हैं-
स्वास: इसमें से बहुत महीन पानी की बूंदें निकलती हैं जो धूल को खींच लेती हैं.
सफल: इसमें सुरक्षित मात्रा में एलुमिनियम होता है और आवाज भी कम होती है.
स्टार: इनमें न तो सल्फर होता है. न पोटेशियम नाइट्रेट, इसलिए धुआं बहुत कम निकलता है.
बाइट- दुकानदार
असली और नकली ग्रीन पटाखों में फर्क कैसे पहचानें?
दिवाली के आसपास मार्केट में नकली ग्रीन पटाखे भी मिलने लगते हैं. ऐसे में इनमें फर्क पहचाना बेहद जरूरी हो जाता है. इसके लिए पटाखों की पैकेजिंग पर ध्यान दें. असली ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर क्यूआर कोड होता है. इस कोड को 'NEERI' ऐप से स्कैन करें, अगर पटाखा असली होगा तो उसकी पूरी जानकारी तुरंत सामने आ जाएगी. इस तरह आप इस दिवाली को अपने और वातावरण,दोनों के लिए सेफ बना सकते हैं.
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