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यू.पी. के डीजीपी की बैठक: क्या बदलेगा कानून-व्यवस्था का रोडमैप?
VSVISHAL SINGH
Sept 12, 2025 16:30:42
Noida, Uttar Pradesh
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण द्वारा आज दिनांक 12-9-2025 को सभी जनपदों, कमिश्नरेट, रेंज तथा ज़ोन के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में मुख्यतः पाँच बिंदुओं पर समीक्षा की गई—जनसुनवाई, क़ानून-व्यवस्था, साइबर अपराध, महिला सुरक्षा और कस्टडी डेथ।
पुलिस महानिदेशक ने शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप जन-शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी जनपदों के जून, जुलाई और अगस्त माह के जनशिकायत के निस्तारण की समीक्षा की गई ।
समीक्षा में पाया गया कि 75 में से 56 जनपदों में जन-शिकायतों में कमी आई है जबकि 20 जनपदों में थोड़ी वृद्धि हुई है।
इन 20 जनपदों में सर्वाधिक वृद्धि वाले 6 जनपदों में शिकायतों के शिथिल पर्यवेक्षण पर पुलिस महानिदेशक ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक
देवरिया, संभल, कौशांबी, बदायूँ, एवम् पुलिस आयुक्त ग़ाज़ियाबाद एवम वाराणसी के स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रत्येक जनपद को अपने उन थानों को चिन्हित कर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया जहाँ पर जन शिकायतों के निस्तारण में लगातार शिथिलता एवम् लापरवाही बरती जा रही हो।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जन-शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए शिकायत आने के कारणों को दूर करना होगा। क्षेत्राधिकारियों को जन-शिकायतों के निस्तारण में सक्रिय भूमिका निभानी होगी एवम् जन-शिकायतों के निस्तारण में फ़ोकस्ड दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
पुलिस महानिदेशक ने पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों की भी समीक्षा की, जिसमें झाँसी, बहराइच, लखनऊ, जौनपुर, कानपुर और आगरा में सबसे अधिक शिकायतें मिलीं।
उन्होंने निर्देश दिया कि जिन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सर्वाधिक शिकायतें हैं, उन्हें चिन्हित कर सभी मामलों की सूची तैयार की जाए और जनपदीय पुलिस प्रभारी स्वयं उनका अनुसरण करें।
शिकायत सही पाए जाने पर उक्त पुलिस अधिकारी से एक स्तर उच्च स्तर का कोई अधिकारी शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत वार्ता करे और पुष्टि होने पर दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करे।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि ‘मैनपावर मैनेजमेंट’ एवम् प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही व्यक्ति का चयन कर उसे उपयुक्त जिम्मेदारी देने से समस्याओं का निराकरण स्वतः हो जाएगा।
पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देशित किया कि जन-शिकायतों से जुड़े मामलों में पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार हो, अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए, और किसी मुद्दे पर आक्रोशित व्यक्तियों से संवेदनशीलता से धैर्यपूर्वक वार्ता कर समस्या का समाधान निकाला जाए।
पुलिस महानिदेशक द्वारा कस्टडी डेथ के प्रकरणों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इन प्रकरणों में Zero Error सुनिश्चित किया जाय।
क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि छोटी से छोटी घटना में भी संवेदनशीलता, सजगता और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। यदि किसी मुद्दे पर क़ानून-व्यवस्था की स्थिति बन रही हो तो वरिष्ठतम अधिकारी वार्ता कर स्थिति को बिगड़ने से रोकें और समस्या का तत्काल निराकरण कराकर मुख्यालय को अवगत करायें।
साइबर अपराध की समीक्षा में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वित्तीय पुनर्नियोजन की शिकायतों ( financial reassignment complaint) में पीड़ित द्वारा त्रुटिपूर्ण जानकारी देने के कारण कई मामलों में धनराशि फ्रीज़ नहीं हो पाती। ऐसे मामलों में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क की टीम तत्काल पीड़ित से वार्ता कर त्रुटियों को ठीक करे ताकि धनराशि तुरंत फ्रीज़ हो सके।
महिला सुरक्षा के संबंध में पुलिस महानिदेशक ने बताया कि यह माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनकी भी शीर्ष 10 प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने निर्देश दिए कि छेड़खानी, घरेलू हिंसा आदि जैसे प्रकरणों को भी अत्यंत गंभीरता से लेते हुए थाने स्तर पर इनके त्वरित निस्तारण हेतु ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। क्षेत्राधिकारी स्तर पर पीड़िता से वार्ता कर छोटे से छोटे मामलों में भी एफआईआर दर्ज की जाए।
घटना के बाद पीड़िता की काउंसलिंग, वन स्टॉप सेंटर और ट्रॉमा हैंडलिंग के लिए जनपदीय पुलिस प्रभारी योजना बनाएँ।
प्रत्येक थाने पर महिला संबंधी प्रकरणों के लिए प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाए। छोटी घटनाओं को प्राथमिक स्तर पर ही गंभीरता से लेने से बड़ी घटनाओं की परिणति रोकी जा सकती है। उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा हेतु एक विस्तृत कार्य योजना बनायी जा रही है जिसे शीघ्र ही लागू किया जायेगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (क़ानून-व्यवस्था) श्री अमिताभ यश ने अपने संबोधन में आगामी त्योहारों में शांति समिति बैठकों द्वारा विवादों के निस्तारण, त्यौहारों के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, सोशल मीडिया पर छोटी घटनाओं एवं अफ़वाहों का संज्ञान लेकर तुरंत कार्रवाई करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि जनपदों में महिला अपराध के हॉट स्पॉट चिन्हित कर वहाँ सीसीटीवी लगाए जाएँ तथा बालिकाओं के स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, मॉल और बाज़ार क्षेत्रों को कैमरों से पूर्णतः आच्छादित किया जाय।
उन्होंने निर्देशित किया कि सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी विशेष तकनीकी उपाय किए जाएँ। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा अवैध धर्मांतरण और गोकशी के प्रकरणों में सख़्त कार्रवाई तथा अवैध पटाखों के विरुद्ध अभियान चलाने पर बल दिया गया।
समीक्षा बैठक के उपरांत पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा एनटीएफ़ मुख्यालय द्वारा प्रकाशित एनडीपीएस के प्रकरण में पुलिस कार्यवाही हेतु एक निर्देशिका का विमोचन किया गया जिसमे
एनडीपीएस के प्रकरणों में ऑपरेशन एवं विवेचना हेतु एक विस्तृत एसओपी का विवरण सम्मिलित है।
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