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जीतन राम मांझी छह सीट मिलने पर संतुष्ट, NDA के साथ बिहार में सरकार
RSRUPENDRA SHRIWASTVA
Oct 13, 2025 10:18:22
Patna, Bihar
केंद्रीय मंत्री जीता राम मांझी ने सीट शेयरिंग में 6 सीट मिलने पर कहा कि देखिए, अंग्रेजी में एक वर्ब्स है, "I am satisfied with what I have" (मैं उसके साथ संतुष्ट हूं जो मेरे पास है और हम गरीब तबके के लोग हैं। गरीब लोग दुश्वारियों में और कमियों में जीना सीखा है। उसी परिवार से हम आए हैं। एक चीज। दूसरी चीज, लोकसभा में भी कहा गया था कि दो लोकसभा का सीट और एक राज्यसभा का सीट मिलेगी। मिला एक सीट। हम संतुष्ट हुए, जीते आज तक हैं। उसी प्रकार के आज... हम अपनी पार्टी की मान्यता दिलाने के लिए कहा था कि आठ सीट हमको चाहिए जीतने के लिए और जीतने के लिए आठ सीट मतलब कम से कम 15 सीट पर हमको लड़ना चाहिए। ये हमने प्रार्थना किया था, मांगा था। कि जिससे हमको मान्यता प्राप्त हो जाए। मान्यता न प्राप्त होने के चलते हम लोग बहुत अपमानित हो रहे थे इलेक्शन कमिशन की बैठक होती है, उसमें हमको नहीं बुलाया जाता है। दूसरा, मतदाता सूची जो दी जाती है पॉलिटिकल पार्टी को, तो उसमें हमको पॉलिटिकल पार्टी नहीं माना जाता है। हमको खर्च होता है। तो ये दोनों बात से बहुत अपमानित हम अपने को समझते रहे थे। इसीलिए हमने प्रार्थना किया था एनडीए के नेतृत्व से कि हमको कम से कम 14-15 सीट दीजिए। लेकिन इतना होने के बाद भी जब हमको छह सीट की बात हुई है, तो दुख तो है मन में। हमारे कार्यकर्ता भी दुखी हैं। लेकिन हम पहले ही कह दिया कि साहब, हम लोग वो लोग हैं कि जो मिलता है उसी में संतुष्टि रहते हैं। हमारे जाति का, हमारे समाज का एक ये प्रकृति है और उसी के अनुसार जो मिला है, शिरोधार्य है। इसके लिए हम नरेंद्र भाई मोदी जी को बहुत आभार व्यक्त करते हैं और हम प्रयास करेंगे, एकदम एड़ी-चोटी का पसीना एक करेंगे कि बिहार में एनडीए की सरकार बने और काफी, जो पिछले मत जो था, संख्या थी, उससे ज्यादा संख्या से लोग जीतें। और हर तरह से एनडीए की सरकार बिहार में बन करके बिहार को जो शायद डबल इंजन की सरकार, आज 5 लाख करोड़ रुपया का यहां पैसा मिला है, काम हो रहा है, इसी तरह से काम जनता के हित में आगे बढ़ते रहे। इसीलिए जनता के हित में और नरेंद्र मोदी जी के करिश्माई जो नेतृत्व है, उससे प्रभावित होकर के हमको छह सीट नहीं, हम तो कहा था कि हमको एक सीट भी मिलेगा तो भी हम नरेंद्र मोदी जी के साथ और एनडीए के साथ हैं। हमको छहओं सीट मिला है, हम आभार व्यक्त करते हैं कि छह सीट दिया गया है। बहुत अच्छा है। हम प्रयास करेंगे कि छहओं सीट जीत करके हम एनडीए की झोली में डालें। देखिए, दुख का मतलब आप लोग तो समझे नहीं, समझना चाहिए कि हम गरीब तबके के लोग हैं, भूखे भी रहते हैं। तो भूखे रहते हैं तो दुखी नहीं होता है क्या? तो वो काम नहीं करता है आगे क्या? तो उसी प्रकार से हम लोग तो दुख में, कमी में जीना सीखा है। ये हमारे जात और समाज की प्रकृति है। और आज कम भी मिला है तो भी उसी में हम संतुष्ट हैं और एड़ी-चोटी के पसीना एक करके एनडीए के जीत में हम अपना भूमिका अदा करेंगे। चिराग पासवान को 29 सीट मिलने पर जीतन राम मांजनि हम शुभकामना देते हैं, उनको 29 नहीं 39 भी मिलता तो हमको कोई तकलीफ नहीं यह केंद्रीय हमारा नेतृत्व समझे, नेतृत्व उनको अच्छा समझा है तो किया है। इसलिए ये नेतृत्व की बात है, उसमें हम कहां आड़े आते हैं जब सवाल किया गया की मांझी जी, अपमान का घूंट आप क्यों पी रहे हैं? क्या लगता है केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा इसलिए अपमान का घूंट पी रहे हैं तो मांझी ने कहा अपमानित इसलिए महसूस कर रहे हैं कि हमको इलेक्शन कमीशन बैठक में नहीं बुलाती। हमको मतदाता सूची नहीं मिल पाती, इसलिए कि हम रजिस्टर्ड पार्टी हैं। हम मान्यता प्राप्त होते तो ज्यादा अच्छा था। इसके लिए हमने प्रार्थना किया है। बिहार में दलितों का बड़ा नेता कौन है के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा आप लोगों समझे हम तो छोटा नेता हैं। हम अपने को नेता नहीं मानते हैं, हम अपने को एक छोटा वर्कर मानते हैं बीजेपी चिराग पासवान को बड़ा नेता मानती है इस पर जीतन राम मांझी ने कहा अब बीजेपी मानती है नेता, ज्यादा सीट दे देने से किसी को नेता माना जाता है, अगर ये क्राइटेरिया है तो माना जाएगा कि वो बड़े नेता हैं। जब सवाल किया गया कि आपने कहा था एनडीए को खामीयाजा भुगतना पड़ेगा पर जीतन राम मांझी ने कहा हाँ, ये-ये बात अब भी मैं कहता हूं। और इसके लिए मैं लगा हुआ हूं कि हमारे जो वर्कर हैं, संतुष्ट नहीं हैं, उनको हर तरह से संतुष्टि दिलाएंगे, हर तरह से कहेंगे कि जहां आदमी खोता है, वहीं पाता है। हम लोकसभा के चुनाव लड़े थे, हार गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री बन गए थे। हम फिर 2005 में चुनाव हारे थे, लेकिन फिर उस समय से आज तक लगातार जीत रहे हैं और केंद्र में मंत्री भी हैं। तो गीता की बात है कि जो हुआ है सो, जो होगा सो, और जो होने वाला है, हो रहा है सो, सब ठीक है। और इसके लिए हम अपने नेतृत्व को बधाई देते हैं और जो सीट हमको दिए हैं, हम जीत करके उनके झोली में डालेंगे। परिवारवाद पर जीतन राम मांझी ने कहा परिवार में तो लालू यादव के चार-चार लड़ रहे हैं, हमारे यहाँ तो... कौन परिवार है? छह सीटों में एक हमारे पास पतोहू लड़ रही है, बस। इसके अलावा, एक जनरल वर्कर ने काम को स्वीकार नहीं है क्या? ये सब बातें पूछना आप लोगों का गलत है। चलिए।
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