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Lathehar के गौशाला ने वृद्ध और लाचार मवेशियों के लिए मुफ्त देखभाल का मिसाल बना
SGSANJEEV GIRI
Nov 09, 2025 04:03:17
Latehar, Jharkhand
एंकर :- लातेहार मनुष्यों के वृद्धाश्रम के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा परंतु मवेशियों का भी वृद्धाश्रम होता है सुनने में यह बात भले ही अजीब लगता हो, पर यह पूरी तरह सच्चाई है । लातेहार সদর प्रखंड के कैमा गांव में मवेशियों का वृद्धाश्रम संचालित हो रहा है । यहाँ वृद्ध और लाचार मवेशियों की पूरी तरह मुफ्त में सेवा की जाती है टाना भगत समुदाय के झन्त्री टानाभगत इसका संचालन करते हैं । मवेशी जब वृद्ध और लाचार हो जाते हैं तो कुछ ऐसे भी पशु मालिक होते हैं, जो इन्हें बोझ समझने लगते हैं । ऐसी स्थिति में पशुओं की जिंदगी अत्यंत कष्टकारी हो जाती है ना उन्हें ठीक से भोजन मिल पाता है और ना ही उनकी देखभाल हो पाती है ।मवेशियों को ऐसी स्थिति में मदद करने के लिए गौप्रेमी टाना भगत समुदाय कुछ लोग लाचार मवेशियों के लिए गोरक्षण कार्यक्रम के तहत गृहस्थ गौशाला का संचालन कर वृद्ध और लाचार पशुओं का पालन पोषण करते हैं । लातेहार सदर प्रखंड के कैमा गांव निवासी झन्त्री टाना भगत इसी प्रकार के एक गौशाला का संचालन करते हैं, जहां वृद्ध और लाचार मवेशियों की सेवा की जाती है । स्थानीय लोग इसे मवेशियों का वृद्धाश्रम भी कहते हैं इस संबंध में गौशाला का संचालन कर रहे । झन्त्री टाना भगत ने बताया कि इस परंपरा की शुरूआत उनके पूर्वजों ने वर्ष 1912 में आरंभ किया था । उसके बाद से यह परंपरा लगातार चलते आ रही है अपने पिता के बाद इस परंपरा का निर्वहन अब वे खुद कर रहे हैं उनके बेटे भी इस काम में उनका पूरा सहयोग करते हैं ।इस आश्रम में वृद्ध, शारीरिक रूप से लाचार जैसे मवेशियों को रखा जाता है और उनकी पूरी सेवा की जाती है । मवेशियों की मौत हो जाने के बाद पूरे विधि विधान से मवेशियों को दफनाया भी जाता है । जब तक मवेशी जिंदा रहते हैं, तब तक उनकी पूरी देखभाल की जाती है इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है . वहीं आश्रम के संचालन में सहयोग करने वाले रमेश टाना भगत ने बताया कि कोई भी पशुपालक जब उन्हें जानकारी देता है ।उनके घर में वृद्ध, लाचार मवेशी है और उसे वह रखना नहीं चाहते तो इस सूचना के बाद वे लोग संबंधित पशुपालक के पास जाते हैं और लाचार पशु को अपने साथ आश्रम में ले आते हैं । यहां बीमार पशुओं की भी पूरी सेवा की जाती है और जब तक मवेशी जिंदा रहता है तब तक उसकी देखभाल की जाती है । वहीं स्थानीय ग्रामीण रामधारी टाना भगत ने बताया कि जिस प्रकार मनुष्यों के लिए वृद्धाश्रम होता है, ठीक उसी प्रकार यह मवेशियों के लिए वृद्ध आश्रम है । इस आश्रम में सभी मवेशियों की सेवा और रक्षा दोनों की जाती है । उन्होंने यह भी अपील किया कि अगर किसी पशुपालक को अपने पशु बोझ लगने लगे तो इसकी सूचना उपलब्ध कराएं लाचार और बीमार पशुओं को आश्रम में पूरे सम्मान के साथ रखा जाएगा । यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले कई वर्षों से पशुओं की रक्षा और देखभाल करने वाले इस आश्रम को किसी भी प्रकार की कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती है । झन्त्री टाना भगत और उनके परिवार के लोग ही मिलकर मवेशियों की देखभाल करते हैं कुल मिलाकर कहा जाए तो मवेशियों का यह वृद्धाश्रम अपने आप में अनोखा है ।
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DBDevender Bhardwaj
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DMDURGESH MEHTA
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DMDURGESH MEHTA
FollowNov 08, 2025 18:33:14Gandhinagar, Gujarat:સચિવાલયમાં ઉંદરનો ત્રાસ
સ્વર્ણિમ સંકુલ 1માંથી 2 ઉંદર પકડાયા
સ્વર્ણિમ સંકુલ એકના 4થા મળે મૂકેલા પાંજરામાં પુરાયા ઉંદર
સચિવાલયના કર્મચારી દ્વારા અન્ય જગ્યાએ ઉંદરોને છોડ્યા
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MMMitesh Mali
FollowNov 08, 2025 18:32:5914
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