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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद वॉर रूम की कर रहे मॉनिटरिंग- देशभर के रेलवे स्टेशनों पर पल-पल की नजर

Oct 20, 2025 10:52:32
Jhansi, Uttar Pradesh
नई दिल्ली देशवासी दीपावली का महान पर्व अपने परिवार के साथ ख़ुशी-ख़ुशी मना सके, इसके लिए भारतीय रेल के 12 लाख से अधिक कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं। दीपावली के दिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल भवन स्थित वार रुम से पूरे देश की ट्रेनों की निगरानी करते हुए दिखे । रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार भी मौजूद रहे। उन्होंने पूर्वोत्तर रेल, पूर्व मध्य रेल तथा पूर्व रेल के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करके सभी ट्रेनों को समय पर पहुंचाने संबंधी निर्देश दिया । पिछले कई दिनों से रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे हैं । कल देर रात रेल मंत्री ने दिल्ली के सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशन आनंद विहार का दौरा किया और यात्री सुविधा से जुड़ी हुई हर बात का निरीक्षण किया । साथ ही यात्रियों से बात
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PSPradeep Sharma
Oct 20, 2025 13:30:43
Bhind, Madhya Pradesh:एंकर- आज देशभर में दीपावली की धूम है, लोग रोशनी और खुशियों का पर्व दीपावली धूमधाम से मना रहे है लेकिन भिंड में एक ऐसा परिवार बसता है जिसकी तीन पीढ़ियों के 10 लोग दृष्टिहीन है, उस परिवार के लिए क्या होली क्या दिवाली सभी त्योहार फीके हैं, रामशरण सिंह के परिवार में दीपावली के दिन उनके रिश्तेदार पहुंचते हैं तब कहीं जाकर दिया जलाया जाता है, त्योहारों के समय समाजसेवी लोग उनके लिए मिठाइयां लेकर आते हैं जिससे उनको सुकून का अहसास होता है, भिंड जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुकट सिंह का पूरा गांव उसे गांव के रहने वाले रामशरण सिंह और उनकी पत्नी सरस्वती देवी आंखों से जन्मजात अंधे, उनके चार बेटियां हुई सबसे बड़ी चांदनी फिर अंकिता तीसरी रचना और सबसे छोटी बेटी पूजा है, चारों ही अंधी है, 10 साल पहले 2019 में तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी और एडिशनल एसपी अमृतलाल मीणा सहित सामाजिक लोगों ने पैसा इकट्ठा कर उसे परिवार की झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनवा दिया और प्रशासन की ओर से गरीबी रेखा का कार्ड बनवाकर राशन और पेंशन की व्यवस्था की गई साथ ही तीन बेटियों की शादी का जिम्मा उठाते हुए दो बेटियों की शादी अजनौधा गांव के दो भाइयों के साथ, और तीसरी बेटी की शादी मुरैना जिले में करवाने के बाद अब चौथी बेटी की नवंबर में शादी है, उसके लिए भी समाज के जागरूक लोग आगे आकर शादी करवाने के लिए तैयार है, सरस्वती देवी बताती है कि, जब त्यौहार आते हैं लोग अधिक खुसी से झूमते गाते हैं तो वह पति-पत्नी और बच्चों के साथ घर पर बैठे रहते हैं क्योंकि, लाइट और कलर के नाम तो उनके परिवार सुने है, लेकिन देखे कभी नहीं, बच्चे पटाखे नहीं फोड़ सकते दीपक नहीं जला सकते घर में मिठाई नहीं बन सकती है, घर में पूजा भी रिश्तेदारों और आसपास के लोगों को बुलाकर करानी पड़ती है, त्योहारों का एहसास कर सकते हैं लेकिन खुशियां नहीं मना पाते है, मेहगांव के अजनौधा गांव में दो बेटियां चांदनी और अंकिता की शादी हुई दोनों के दो-दो बेटे हैं और चारों बेटों को आंखों से दिखाई नहीं देता है, देता भी है तो मामूली और बहुत कम डॉक्टरों की मानना है की यह अनुवांशिक बीमारी है और इसका इलाज जिला स्तर पर संभव नहीं है, बाहर इलाज कराने की उनकी हैसियत नही है, चांदनी और अंकिता के पति अब चाहते हैं कि उनकी पत्नियों और उनकी सास ससुर का जीवन तो कट रहा है लेकिन बच्चों का इलाज संभव हो जाए तो उनका जीवन संवर जाएगा, सासन और प्रशासन ने उनको इतनी ही उम्मीद है। बाइट-1-रामशरण सिंह, दिव्यांग। बाइट-2- धर्मेंद्र धाकरे, दिव्यांग चांदनी के पति। 121- सरस्वती देवी दिव्यांग। प्रदीप शर्मा जी मीडिया भंिड
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ASAshok Singh Shekhawat
Oct 20, 2025 13:30:11
Sikar, Rajasthan:सीकर दीपावली के दिन बाजारों में उमड़ी भीड़ सुबह से ही शहर के मुख्य बाजारों में खरीददारी के लिए लोगो की भीड़ बाजारों में सजावटी लाइट बनी आकर्षण का केंद्र शहर में यातायात व्यवस्था सम करने के लिए मुख्य मार्गों पर बंद किया वाहनों का प्रवेश एंकर सीकर में दीपावली के दिन शहर के बाजारों का नजारा पूरी तरह उत्सवमय दिखाई दिया सुबह से ही लोगों की भीड़ शहर के मुख्य बाजारों में उमड़ पड़ी हर उम्र के लोग खरीदारी के लिए घरों से निकले जिससे बाजारों में रौनक लौट आई है दुकानदारों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है क्योंकि बीते कुछ दिनों से सजे बाजार अब खरीदारों से खचाखच भरी नजर आ रहे हैं शहर के मुख्य बाजार जैसे घंटाघर स्टेशन रोड जाट बाजार सुभाष चौक तबेला मार्केट जैसे प्रमुख इलाकों में सुबह से ही लोगों की लंबी कतारे देखने को मिली मिठाई कपड़े सजावटी सामान और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की दुकान पर ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली वहीं दीपावली को और खास बनाने के लिए रंग बिरंगी सजावटी लाइट्स ने बाजारों की खूबसूरती दुगनी कर दी है रात होती ही गलियों और दुकानों की छत जगमग रोशनी से सराबोर और हो गई है कई दुकानों ने विशेष थीम के साथ रोशनी की सजावट जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है वहीं प्रशासन द्वारा यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं शहर के मुख्य मार्गों पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है ताकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में पैदल चलने वालों को किसी तरह की परेशानी ना हो यातायात पुलिस द्वारा अलग-अलग चौराहों पर तैनात पुलिस और डायवर्जेंट मार्गो से वाहनों को मोड़कर व्यवस्था सुचारू है वहीं बाजारों में मिट्टी के पारंपरिक दिए से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सजावटी लाइट्स और रंग बिरंगे पटाखे तक की बिक्री जोरों पर है दीपावली से जुड़ी खरीदारी ने पूरे शहर को रोशन और उत्साह से भर दिया है
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Oct 20, 2025 13:17:32
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CSChandrashekhar Solanki
Oct 20, 2025 13:15:42
Ratlam, Madhya Pradesh:दिवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और उत्सव का प्रतीक है, लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के कनेरी गांव में दिवाली के दिन श्राद्ध मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है। गुर्जर समाज के लोग इस दिन ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ शास्त्र-संस्थों के अनुसार समारोह नहीं मनाते; instead, वे नए वस्त्र पहनकर खेत-आंगन में पकवानों की थाल लेकर नदी किनारे जाते हैं। वहाँ पहले हवन किया जाता है, फिर सभी लोग नदी में ज्वार की बेल से बनी एक लंबी रस्सी को विसर्जित करते हैं, जिसे गांव की सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हवन के समय वे अपने पशुओं की घंटियाँ हवन धुएं में घूमाते हैं और बाद में इन्हीं घंटियों को पशुओं के गले में पहनाते हैं ताकि स्वास्थ्य बना रहे। इसके बाद सभी लोग अपने घर के पकवान एक-दूसरे को खिलाते हैं और आपसी भाईचारे की मिसाल बनती है। अनुष्ठान के समाप्त होने पर सभी लोग रियासत कालीन गढ़ी (महल) पहुँचकर दिवाली की बधाई देते हैं और अगले वर्ष के लिए शुभकामनाएं देते हैं। कनेरी गांव की यह परंपरा दिवाली को केवल दीपों का त्योहार नहीं बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और सामाजिक एकता का भी प्रतीक बताती है।
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ADAnkush Dhobal
Oct 20, 2025 13:01:34
Shimla, Himachal Pradesh:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दीपावली पर शिमला बालिका आश्रम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां रह रहे बच्चों के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने आश्रम की बालिकाओं को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं और उनके सुखमय एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने बालिकाओं को मिठाई और उपहार भी दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों कर शिक्षा और देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। इसके तहत 27 वर्ष की आयु पूरा होने तक इन बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य सभी खर्चों को एक अभिभावक के रूप में सरकार पूरा कर रही है। ये बच्चे हमारे समाज का हिस्सा हैं और प्रदेश के संसाधनों पर उनका पूरा अधिकार है इसलिए उनके लिए यह योजना लाका सरकार ने कोई एहसान नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरा होने के बाद भी सरकार इन बच्चों की उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी।
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WJWalmik Joshi
Oct 20, 2025 13:00:38
Jalgaon, Maharashtra:जळगावची सुवर्ण नगरी म्हणून ओळख आहे. देशभरातून सोने खरेदी साठी नागरिक जळगावात येत असतात. दिवाळीत लक्ष्मीपूजन हा दिवस अतिशय महत्त्वाचा असून या दिवशी सोने व चांदी खरेदी केली जाते. त्याच पार्श्वभूमीवर आज सुवर्ण बाजारात ग्राहकांची मोठी गर्दी दिसून आली. लक्ष्मी आणि गणपतीच्या पूजनासाठी चांदीची लक्ष्मी मातेची मूर्ती, गणपती बाप्पाची मूर्ती कृष्ण देवाच्या मूर्ती, कुबेराची मूर्ती खरेदी कडे नागरिकांचा कल जास्त आहे. सध्या चांद्याचा भाव हा जीएसटी सह 1 लाख 70 हजार असून गेल्यावर्षी चांदीचा भाव जास्त होता परंतु यावर्षी भाव काम असल्याने ग्राहकांमध्ये उत्साह दिसून येत आहे. या संदर्भात विशेष आढावा घेतलाय आमचे प्रतिनिधी वाल्मीक जोशी यांनी..
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AZAmzad Zee
Oct 20, 2025 13:00:26
Mumbai, Maharashtra:मुसलमानों के हाथो से होता है फायदा पुणे में दिवाली पर गूँजी भाईचारे की मिसाल — हिंदू भाईयों ने मुसलमान दुकानदारों से की खरीदारी, दी मोहब्बत की मिसाल महाराष्ट्र के पुणे में इस बार दिवाली के अवसर पर आपसी भाईचारे और मोहब्बत की एक शानदार मिसाल देखने को मिली। कुछ दिन पहले कुछ संगठनों ने अहमद नगर ( अहिल्या नगर ) में मुसलमानों की दुकानों से सामान न खरीदने की अपील की थी, लेकिन लक्ष्मी पूजा के दिन हालात बिल्कुल उलट दिखाई दिए। शहर के बाजारों में हिंदू भाई मुसलमानों की दुकानों से बड़ी खुशी और अपनापन के साथ सालाना बुक और दिवाली का सामान खरीदते नजर आए। दुकानदारों और ग्राहकों के बीच हँसी-मज़ाक और शुभकामनाओं का माहौल देखने लायक था। दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे को “दिवाली मुबारक” और “ईश्वर-खुदा का आशीर्वाद” जैसी दुआएं दीं। इस दृश्य ने यह साबित कर दिया कि नफरत की दीवारें कभी भी इंसानियत और मोहब्बत के आगे टिक नहीं सकतीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “पुणे ने हमेशा भाईचारे और एकता की मिसाल पेश की है। त्योहार किसी धर्म का नहीं, बल्कि खुशियाँ बाँटने का जरिया होता है。” पुणे से निकला ये संदेश साफ है — जब मोहब्बत और एकता दिलों में बस जाए, तो समाज अपने आप रोशन हो जाता है。
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MMMRITYUNJAI MISHRA
Oct 20, 2025 13:00:17
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Oct 20, 2025 12:57:00
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Diwali 2025
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