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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां, पहाड़ों को डायनामाइट से उड़ाया जा रहा है!
Paonta Sahib, Himachal Pradesh
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ठेंगा, विस्फोटकों से उड़ाई जा रहे पहाड़
एंकर -बरसात के मौसम में भारी भूस्खलन के बीच सिरमौर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर पहाड़ को सरेआम डायनामाइट से ब्लास्ट कर उड़ाया जा रहा है। यहां न सिर्फ पहाड़ बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सैकड़ो किलो विस्फोटक एक साथ उड़ाया जा रहा है। दिनदहाड़े हो रहे इस काम की स्थानीय प्रशासन सहित उच्च अधिकारियों को भी जानकारी है। मगर, कार्यवाही नहीं हो रही है। सवाल यह उठ रहा है कि इतनी भारी मात्रा में खतरनाक विस्फोटक हिमाचल में कहां से पहुंच रहा है और किसकी शह पर पहाड़ों को विस्फोटों से उड़ाया जा रहा है।
वीओ - मानसून ने हिमाचल प्रदेश में तबाही मचा दी है। जहां कुदरती आपदा प्रदेश भर में कहर बरपा रही है वहीं, मानव निर्मित परिस्थितियों आपदा को निमंत्रण दे रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर प्रतिबंध के बावजूद खुदाई का कार्य चल रहा है यहां न सिर्फ अवैध तौर पर चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के प्रबंध के बावजूद भारी विस्फोटकों से पहाड़ों को उड़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर गंगटोली के पास सैकड़ो किलो विस्फोटक एक ही बार उड़ाई जा रहे हैं। यहां रात होते ही विस्फोटों से समूचा क्षेत्र दहल उठता है। भारी विस्फोट से वाइब्रेशन की वजह से आसपास इलाके में भूस्खलन शुरू हो गया है। ब्लास्टिंग से जहां पानी के सोर्स खत्म हो रहे है तो वही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। हैरानी की बात है कि स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित पुलिस प्रशासन इस अनाचार पर मौन है। वही पर्यावरण प्रेमी सहित क्षेत्र के लोगो ने कम्पनी द्वारा किए जा रहे डायनामाइट ब्लास्टिंग पर चिंता जताई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फेस तीन का कार्य कर रही एचईएस इंफ्रा की सबलेट कम्पनी रुदनव इंफ्रा कम्पनी गंगटोली में रात को भारी अवैध ब्लास्टिंग की जा रही है। ब्लाटिंग से निकलने वाला मलबा सीधा नालों में फेंका जा रहा है। वही ब्लास्टिंग में भारी मात्रा में जिलाटाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने पहाड़ों को तोड़ने के लिए जिला टाइम के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। विशेष परिस्थितियों में जिला प्रशासन सीमित मात्रा में वैज्ञानिक तरीके से जिलाटाइन से विस्फोट की अनुमति प्रदान कर सकता है मगर, गंगटोली में जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी विस्फोटकों के साथ धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन व राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण सहित पुलिस विभाग आँख बूंद कर तमाशा देख रहा है। अवैध डायनामाइट के उपयोग से जहां क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो रहा है तो वही कार्य कर रही कम्पनी पर सवाल उठ रहा है कि आखिर भारी मात्रा में बिना परमिशन के जिलेटिन कहां से उपलब्ध किया जा रहा है। बताते चलें कि डायनामाइट जिला टाइम बेहद खतरनाक किस्म का विस्फोटक होता है यह विस्फोटक यदि गलत हाथों में पड़ जाए तो बहुत अधिक नुकसान कर सकता है लाइसेंस होल्डर के अलावा इस विस्फोटक को बेचने और खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध है बावजूद इसके यह विस्फोटक कई राज्यों की सीमा पार करके हिमाचल में पहुंच रहा है। यहां विस्फोटक पहुंचने से सवाल यह भी उठ रहा है कि पुलिस प्रशासन और जिम्मेदार विभाग सबूत होने के बावजूद चुप क्यों बैठे हैं। विस्फोटकों की तस्करी में कौन लोग शामिल है और किसकी शहर पर यह विस्फोटक तस्करी किया जा रहे हैं।
उधर ,एसडीएम शिलाई ने बताया कि अवैध डायनामाइट ब्लास्टिंग की सूचना उन्हें मिली है , सम्बंधित कम्पनी पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स में यहां विस्फोटक पहुंचने और अवैध तौर पर विस्फोटकों से पहाड़ उड़ने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एसीसीफ़ के प्रदेश प्रमुख नाथूराम चौहान ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश के भीतर भारी मात्रा में विस्फोटक पहुंचना इसका ही उदाहरण है। उन्होंने हैरानी जताई कि तमाम सबूत और गवाह होने के बावजूद भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही है।
बाइट - नाथूराम चौहान एसीसीफ़ चीफ
ज्ञान प्रकाश जी मीडिया पांवटा साहिब
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