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2026 तक सभी विधानसभाओं को एक मंच पर लाने का ओम बिरला का आश्वासन!
Dharamshala, Himachal Pradesh
2026 तक सभी विधानसभाओं को एक मंच पर लाने का प्रयास : ओम बिरला
कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं नवाचार से पेश करें मिसाल
बोले, संसद में एआई के सभी टूल्स का प्रयोग का कार्य शुरू
एंकर : हिमाचल की धरती लोकतंत्र के सुधारों की जन्मभूमि रही है। देवभूमि हिमाचल शांति व सदभावना का केंद्र है। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 से एक नई ऊर्जा और मार्गदर्शन मिलेगा। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तपोवन विधानसभा में सोमवार को आरंभ हु राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं एक विधायी एक प्लेटफार्म, जो भी जरूरत होगी, उसे लोकसभा पूरी करेगी। वर्ष 2026 तक सभी राज्यों की विधानसभाओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बेहतर कार्य करने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन के तीनों विषय महत्वपूर्ण है, जिन पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में दलबदल कानून की व्यापक समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, ऐसे में हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं और सशक्त और पारदर्शी बनकर, नए नवाचार में दुनिया के लिए मिसाल बनें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 विचार और मंथन केंद्र है, जिसमें सभी सदस्य अपने क्षेत्रों के मुददों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि खुशी है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा सबसे पहले पेपरलेस हुई है। भारतीय संसद ने एआई के सभी टूल्स का प्रयोग करने का कार्य शुरू कर दिया है। एआई तकनीक, शासन में पारदर्शिता लाएगी। उन्होंने कहा कि संसदीय समितियां मिनी पार्लियामेंट के रूप में कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि कानून बनाते समय जनता की सहभागिता से बेहतर कानून बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की चर्चा नया दृष्टिकोण देगी।
चुनौतियों पर काबू पाने को
बहुआयामी रणनीति की जरूरत : हरिवंश
राज्यसभा के सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए बहुआयामजी रणनीति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा, देश की पहली हाईटेक पेपरलेस विधानसभा बनी है। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन जैसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं, जिनमें अहम विषयों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। पंजाब और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में जलस्तर में कमी आई है, दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर है।
शीतकालीन के अलावा तपोवन में नई शुरूआत : पठानिया
तपोवन विधानसभा भवन वर्ष में एक बार शीतकालीन सत्र के लिए प्रयोग में लाया जाता था, लेकिन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 के आयोजन से तपोवन में नई शुरूआत की गई है, यह क्रम आगे भी जारी रखा जाएगा। यह बात प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने तपोवन विधानसभा भवन में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा भवन को ट्रेनिंग सेंटर के रूप में तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन भारत क्षेत्र - 2 के आयोजन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का अहम योगदान है। भविष्य में यहां पर युवाओं व पंचायत प्रतिनिधियों के भी सम्मेलन करवाने के प्रयास होंगे।
बाईट : ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष
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