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सोई गांव में शराब ठेके के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना जारी!
Bilaspur, Chhattisgarh
स्टोरी आईडिया अप्रोवड बाय- ज़ी पीएचएच असाइनमेंट.
स्लग- बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के गाँव सोई के ग्रामीणों का शराब के ठेके के विरुद्ध धरना लगातार जारी कहा शराब का ठेका हटने तक जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना तो कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी का कहना पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह पॉलिसी हुई थी लागू, एक्साइज पॉलिसी में वेंडर ठेकेदार को सब वेंडर देने का किया गया था प्रावधान तो ठेके के विरोध वाले क्षेत्रों में उठाए जाएंगे उचित कदम.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज
टॉप- बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश.
एंकर- बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत कोठी के अंतर्गत आने वाले गांव सोई में खोले गए शराब के ठेके के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना लगातार जारी है. वहीं 24 जून को खोले गए शराब के ठेके के विरोध में ग्रामीणों ने धरना शुरू किया था जिसे 6 दिन पूरे होने जा रहे है. वहीं ठेके के खिलाफ इस धरना प्रदर्शन में गांव के युवक मंडल, महिला मंडल तथा अन्य सामाजिक संगठन शामिल हैं जिन्होंने ठेके के बाहर धरना प्रदर्शन कर प्रशासन व ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं सोई गांव के लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा बिना पंचायत की सहमति के शराब का ठेका खोल दिया गया है और इस ठेके के समीप प्राइमरी स्कूल, मंदिर व बस स्टॉप भी है जिसके चलते रोजाना स्थानीय लोगों व छात्रों का आना-जाना लगा रहता है, जिसका समाज पर गलत असर देखने को।मिल रहा है. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि इस शराब के ठेके के खिलाफ सभी लोग एसडीएम घुमारवीं व कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी से मिले थे और इसे बंद करने व अन्य किसी स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की गई थी, जिसपर दो दिनों के भीतर ठेका बंद करने की बात मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा कही गयी थी मगर आजतक यह ठेका बंद नहीं हुआ है. वहीं स्थानीय महिलाओं का कहना है कि शराब का ठेका खोलकर न केवल गांव की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई जा रही है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा व वातावरण को भी खतरे में डाला जा रहा है. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार को चेताया है कि जब तक शराब का ठेका बंद नहीं हो जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा. वहीं सोई गांव के ग्रामीणों की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी का कहना है कि यह समस्या केवल घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की नहीं है बल्कि प्रदेश के कईं इलाकों की है और पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ही एक्साइज पॉलिसी के तहत यह प्रावधान किया गया था कि जिस ठेकेदार को वेंडर दिया गया है उसे सब वेंडर भी अलॉट कर दिए गए हैं जिसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी और बिना किसी महिला मंडल, पंचायत प्रतिनिधि व जनता द्वारा चुने गए विधायकों की अनुमति के सब वेंड का प्रावधान किया गया जो कि पूर्व भाजपा सरकार से जारी है और अधिकारियों व ठेकेदारों ने मिलकर ही इसे अंजाम दिया है, जिसे देखते हुए सरकार द्वारा यह कहा गया है कि जहां लोगों का विरोध है वहां शराब के ठेके ना खोले जाएं.
बाइट- स्थानीय ग्रामीण, सोई गांव, जिला बिलासपुर.
राजेश धर्माणी, कैबिनेट मंत्री, हिमाचल प्रदेश.
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