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Bilaspur495001

गाहर में शराब ठेके के खिलाफ 14 दिन का धरना, ग्रामीणों का धैर्य खत्म!

VBVIJAY BHARDWAJ
Jul 11, 2025 08:08:29
Bilaspur, Chhattisgarh
स्टोरी आईडिया अप्रूव्ड बाय- ज़ी पीएचएच असाइनमेंट. स्लग- बिलासपुर जिला के गाहर में खुले शराब के ठेके के ख़िलाफ़ स्थानीय ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी, शराब का ठेका बंद होने तक शांतिपूर्ण धरना जारी रहने की ग्रामीणों ने कही बात तो एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी ने संबंधित विभाग से उचित कार्यवाही के दिये निर्देश. रिपोर्ट- विजय भारद्वाज टॉप- बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश. एंकर- बिलासपुर जिला के भराड़ी उपतहसील की गाहर पंचायत के तहत दधोल-लदरौर सड़क मार्ग पर स्थित गाहर में खुले शराब के ठेके के ख़िलाफ़ ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन 14वें दिन जारी रहा और बारिश के दौरान भी स्थानीय ग्रामीण ठेके के विरोध में डटे रहे। वहीं ग्रामीणों के पक्ष में अब समाजसेवी व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ओएसडी रहे महेंद्र धर्माणी भी आगे आएं हैं। वहीं महेंद्र धर्माणी ने गाहर पहुंचकर ग्रामीणों की मांग को जायज ठहराते हुए ठेके को बंद करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नशे के खिलाफ बात करती है और दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। ग्रामीण पिछले 14 दिनों से ठेके को बंद करने की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांग को अनदेखा किया जा रहा है। कोई विभागीय अधिकारी या सरकार का प्रतिनिधि इनकी बात सुनने तक नही पहुंचा, जिससे साफ है कि सरकार ग्रामीणों की मदद के लिए कितनी साकारात्मक है। वहीं धरने पर बैठे ग्रामीण सरकार व प्रशासन के प्रति अपना गहरा रोष प्रकट कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस शराब ठेके को एक ऐसी जगह पर खोला गया है, जहां से प्रतिदिन कई स्कूलों के विद्यार्थी पैदल आते-जाते हैं। इसके अतिरिक्त आसपास के रिहायशी इलाकों में महिलाएं और बच्चे अकेले रहते हैं। ग्रामीणों की माने तो शराब ठेके के खुलने के बाद से रास्ते में नशे की हालत में शराबियों द्वारा गाली-गलौज, छींटाकशी और बदसलूकी की घटनाएं सामने आने लगी हैं। इस कारण महिलाएं और स्कूली छात्राएं डर के माहौल में जीवन जीने को मजबूर हैं। खासकर उन महिलाओं के लिए यह मार्ग एकमात्र रास्ता है, जो रोजमर्रा के कार्यों से बाजार और खेतों तक जाती हैं। वहीं ग्रामीणों की इस मांग को पहले ही कई पंचयात प्रतिनिधियों का समर्थन मिल चुका है बावजूद इसके 14 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे नाराज ग्रामीण अब विरोध की राह पर उतर आए हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ठेका बंद नहीं किया जाता, तब तक उनका शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा। अगर यही रवैया रहा तो चुनावों के समय नेताओं को इस बात का जबाब दिया जाएगा। वहीं गांव के बुजुर्ग, युवा और महिलाएं सभी इस धरने में शामिल हैं। ग्रामीणों के मुताबिक यह शराब का ठेका सामाजिक बुराइयों को जन्म देगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए गलत संदेश छोड़ जाएगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वह जनभावनाओं को समझे और सामाजिक सौहार्द व महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र ही इस ठेके को हटाने की कार्रवाई करे. वहीं शराब के ठेके के खिलाफ ग्रामीणों के प्रदर्शन को लेकर एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में उन्हें पहले भी ज्ञापन सौंपा गया था और इस पर जांच को लेकर उन्होंने संबंधित आबकारी विभाग को निर्देश भी दिए थे जिनसे अभीतक कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे ही आबकारी विभाग इस मामले में कार्यवाही कर उन्हें इसकी सूचना देगा तो उसके आधार पर आगामी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी. बाइट- कांता शर्मा, स्थानीय ग्रामीण महिला. महेंद्र धर्माणी, बिलासपुर से समाजसेवी. गौरव चौधरी, एसडीएम घुमारवीं, जिला बिलासपुर.
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