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Shahjahanpur242307

शाहजहांपुर: हिंदू युवा संगठन ने कलेक्ट्रेट में दिया ज्ञापन

Oct 31, 2025 09:35:10
Tilhar, Uttar Pradesh
शाहजहांपुर में हिंदू युवा संगठन के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने पुवायां में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। ज्ञापन देकर मंदिर तोड़ने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा मंदिर का पुनर्निर्माण करवाने की भी मांग की है।
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AGAbhishek Gour
Oct 31, 2025 16:04:09
Narmadapuram, Madhya Pradesh:एंकर नर्मदापुरम - एमपी के नर्मदापुरम में बीते 4 माह से बंद नर्मदा परिक्रमा 1 नवंबर को देव उठनी एकादशी से फिर से शुरू होगी। चातुर्मास(वर्षा ऋतु के चार महीने) नर्मदा परिक्रमा पूरी तरह बंद रहती है। हर साल लाखों भक्त नर्मदा तटों के किनारे परिक्रमा करते हैं। वर्षा ऋतु में चार महीने परिक्रमा बंद रहती है, लेकिन अब देव उठनी एकादशी के साथ फिर से इसकी शुरुआत होने जा रही है। वैसे तो पूरे वर्ष नर्मदा परिक्रमा की जा सकती है। देव उठनी एकादशी के बाद यदि कोई साधक नर्मदा परिक्रमा शुरू करता है, तो पैदल यात्रा में 3 साल, 3 महीने और 13 दिन लगते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक तपस्या का प्रतीक है। नर्मदा नदी विश्व में यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा भारत की एक प्राचीन धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा भी है। नर्मदा नदी की कुल लंबाई करीब 1312 किमी है, लेकिन परिक्रमा के दौरान यात्रियों को दोनों तटों से होते हुए करीब 3500 किमी का सफर तय करना पड़ता है। इनमें लगभग 2000 किमी का मार्ग मध्य प्रदेश में पड़ता है। श्रद्धालु बताते है नर्मदा मैया की जितनी महिमा गाओ उतनी थोड़ी है। तीन परिक्रमा की है। जिस क्षेत्र में भोजन नही है उस क्षेत्र में भी भोजन करा रही है। नर्मदा परिक्रमा देव सोनी ग्यारस से बंद है। देव उत्कनी ग्यारस से फिर चालू हो जाएगी। कुछ लोग नर्मदा परिक्रमा 3 महीने में पूरी कर लेते है बड़ी परिक्रमा 3 साल, 13 महीने 13 दिन की है। परिक्रमा के दौरान जंगल रास्ता पड़ता है बाकी कोई समस्या नही है। अमरकंटक से पैदल परिक्रमा कर रहे गोविंद कोरी ने बताया कि परिक्रमा से समस्त कष्ट दूर होते है। तीन साल से लगातार परिक्रमा करते है। चार माह से परिक्रमा बंद थी देव उठनी ग्यारस से फिर से चालू होगी। जंगल मे कई जगह रास्ते खराब है बस यही समस्या है।
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AMAjay Mishra
Oct 31, 2025 16:03:35
Rewa, Madhya Pradesh:रीवा के सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और थल सेना प्रमुख उपेंद्र कुमार द्विवेदी 45 साल बाद अपनी स्कूल यानी रीवा के सैनिक स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने एक प्रतियोगी कार्यक्रम में भाग लिया। शुक्रवार को शहर में कड़ी सुरक्षा के बीच वे रीवा पहुंचे। इस दौरान प्रशासन और पुलिस हाई अलर्ट मूड में रहे। इस दौरान दोनों सेना प्रमुख स्कूल के दिनों को याद करते हुए नजर आए। बता दें कि नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी और आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हुए हैं। स्कूल के दिनों से ही दोनों के बीच दोस्ती भी पक्की है। जनरल द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी साल 1973 से 1981 तक मध्यप्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में छात्र थे। भारत के सैन्य इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सेना और नौसेना प्रमुख एक ही राज्य, स्कूल और बैच से हैं। वास्तव में वे कक्षा में एक ही बेंच पर बैठते थे। रविवार को कार्यभार संभालने वाले थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा (1973 बैच) के पूर्व छात्र हैं। उनकी कहानी खून के रिश्ते से परे भाइयों जैसी है。
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RKRaj Kishore
Oct 31, 2025 16:02:50
Lakhisarai, Bihar:आ imminent 06 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है। लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित बीजेपी उम्मीदवार एवं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने जनसंपर्क अभियान को तेज कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने बड़हिया नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों से अपने पक्ष में मतदान की अपील की। इस दौरान उन्होंने मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुए दुलारचंद यादव हत्या को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। डिप्टी सीएम ने कहा कि राजनीति में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। राजनीति लोकतंत्र का महापर्व है और इसमें सभी को संयमित व सभ्य ढंग से संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करते हुए अपनी भागीदारी करनी चाहिए। जो इसका उल्लंघन करते हैं जनता उसको नकार देती है। बाइट – विजय कुमार सिन्हा, डिप्टी सीएम, बिहार। लखीसराय से राज किशोर मधुकर की रिपोर्ट।
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RKRupesh Kumar
Oct 31, 2025 16:02:35
Betul, Madhya Pradesh:देश के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्यप्रदेश के बैतूल–इटारसी हाईवे की खराब हालत पर कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में निजी दौरे पर बैतूल जिले के चुरना पहुंचे गडकरी को हाईवे की जर्जर स्थिति की जानकारी मिली थी। इसके बाद नई दिल्ली में आयोजित CII नैशनल कॉन्फ्रेंस ऑन फ्यूचर ऑफ स्मार्ट रोड्स में उन्होंने इस मामले पर नाराज़गी जताई। गडकरी ने कहा कि जिन अधिकारियों ने परियोजना में लापरवाही की है,उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि बैतूल–इटारसी हाईवे के काम को लेकर रिपोर्ट मंगाई गई है। गडकरी ने सख्त लहजे में कहा “क्या ठेकेदार से महीने में हफ्ता मिल रहा है? क्या रिपेयर के नाम पर सिर्फ कागज़ों में एंट्री हो रही है?” मंत्री ने कहा कि हाईवे की जर्जर हालत के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर और रीजनल ऑफिसर की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक साल से लोग सोशल मीडिया पर सड़क की खराब स्थिति की शिकायत कर रहे हैं और हादसों में लोगों की जानें जा रही हैं। इस पर अब तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। गडकरी ने साफ कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ सड़कें बनाना नहीं, बल्कि देश के विकास का रास्ता बनाना है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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UCUmesh Chouhan
Oct 31, 2025 16:02:05
Jhabua, Madhya Pradesh:झाबुआ जिले में आज दोपहर से एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर वायरल हो रहा है, जिसने पूरे शिक्षा तंत्र की पोल खोल दी है। यह वीडियो थांदला ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक विद्यालय फलिया थेथम का बताया जा रहा है। बारिश के बीच मासूम बच्चों को स्कूल की छत पर भेजकर पानी निकलवाया गया, वो भी बिना किसी सुरक्षा इंतज़ाम के! यह नजारा किसी फिल्म का नहीं, बल्कि “नए भारत की शिक्षा व्यवस्था” की हकीकत है — जहां किताबों के बजाए बच्चों के हाथों में थाली पकड़ा दी जाती है, ताकि वे खुद अपनी सुरक्षा का इंतज़ाम करें। जिम्मेदारों की नींद, बच्चों की जिंदगी खतरे में: वायरल वीडियो की तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है — न कोई सुरक्षा रस्सी, न कोई देखरेख। बच्चे बारिश में फिसलन भरी छत पर मेहनतकश मजदूरों की तरह पानी निकालते दिख रहे हैं। क्या यही है शिक्षा विभाग की “सुरक्षा नीति”? क्या स्कूल में मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सिर्फ नाम के लिए हैं? सवाल जो प्रशासन की पोल खोलते हैं: क्या शिक्षक और प्रधानाचार्य इतने असहाय हैं कि बच्चों से यह जोखिम भरा काम करवाना पड़ा? क्या स्कूल में एक बाल मजदूरी का अड्डा बन गया है? और सबसे बड़ा सवाल — अगर इन बच्चों में से किसी को कुछ हो जाता, तो जिम्मेदारी कौन लेता? यह घटना न केवल लापरवाही है, बल्कि मानवता और शिक्षा दोनों पर तमाचा है। सोशल मीडिया पर उबाल – “शिक्षा का मज़ाक बन गया सिस्टम”: जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने इसे “शिक्षा की शर्मनाक तस्वीर” बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। लेकिन सवाल वही पुराना — क्या विभाग फिर सिर्फ नोटिस और जांच तक सीमित रहेगा? प्रशासन के लिए चेतावनी: अगर इस लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई नहीं होती, तो ये सिर्फ एक घटना नहीं — बल्कि आने वाले किसी बड़े हादसे का संकेत है। अब वक्त है कि अधिकारी कागज़ों से बाहर निकलकर जमीनी हकीकत देखें। वरना अगली बार किसी बच्चे की जान की कीमत सिर्फ “एक जांच रिपोर्ट” बनकर रह जाएगी।
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SHSAYED HUSSAIN AKHTAR
Oct 31, 2025 16:01:16
Raebareli, Uttar Pradesh:एंकर.. रायबरेली में गड़ा धन पाने की लालच में एक ढाबा संचालक चार लाख रुपये गँवा बैठा। बदले में उसे मिली कुछ मुट्ठी राख, पीतल के नकली सिक्के और तांबे की लुटिया। ठगी का शिकार ढाबा संचालक अब दो दो ज़िले के पुलिस अधिकारियों की चौखट पर पैसा दिलाने की गुहार लगा रहा है। मामला अमेठी ज़िले के फुरसतगंज थाना इलाके में नहर कोठी इलाके से जुड़ा है। यहां रायबरेली ज़िले के महाराजगंज थाना इलाके में पूरे गोसाई गांव का रहने वाला नितेश अंकित ढाबा नाम से खाने पीने का संस्थान चलाते थे। इसके ढाबे पर पड़ोस का रहने वाला राम प्रताप पासी आकर बैठता था। धीरे धीरे उनमें मित्रता हो गई। मित्र होने के चलते नितेश ने अपनी माँ की खराब चल रही तबियत के बारे में राम प्रताप से बताया। राम प्रताप ने उसे आश्वासन देते हुए अगले दिन अपने किसी मित्र से मिलवाया जो तंत्र मंत्र काम करता था। राम प्रताप के बाबा बने मित्र ने बताया कि उसके घर पर प्रेत की छाया है और तांत्रिक उपाय से उसे भगाया जा सकता है। बाबा ने यह भी कहा कि उसके घर में धन भी गड़ा है जिसे वह निकाल देगा लेकिन तांत्रिक प्रक्रिया में चार लाख का खर्च आएगा। मानसिक रूप से परेशान चल रहे नितेश ने मित्र और बाबा की बात मानते हुए घर में अनुष्ठान की अनुमति दे दी। इन ठगों ने बड़ी चालाकी से घर में एक जगह तांबे की लुटिया में राख रखकर उसे दबा दिया था। बाद में अनुष्ठान का नाटक करते हुए कपड़े से ढकी लुटिया को बाहर निकाला और नितेश को यह हिदायत देते हुए चले गए कि इसे खोलना नहीं। हर माह की पूर्णमासी को वह आकर पूजा करेगा और उचित समय पर खोलेगा जिससे इसमें रखे हीरे जवाहरात और सोने के सिक्के उसे मिल सकें। नितेश ने इस बीच दो किस्तों में चार लाख की रकम भी उन लोगों को दे दी। तीन पूर्णमासी तक जब वह लोग नहीं आये तो नितेश को शक हुआ और उसने लुटिया खोल कर देखी तो उसे खुद के ठगे जाने का एहसास हुआ। फिलहाल नितेश अमेठी और रायबरेली की पुलिस से अपना पैसा दिलाये जाने की गुहार लगा रहा है।
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KAILASH NATH VERMAKAILASH NATH VERMA
Oct 31, 2025 15:51:33
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Oct 31, 2025 15:49:29
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PPPREMANANDA PUJARI
Oct 31, 2025 15:47:02
Tehran, Tehran Province:ଗଞ୍ଜାମ ଜିଲ୍ଲାରେ ଅନନ୍ୟ ପରମ୍ପରା ଏବେବି ବଞ୍ଚି ରହିଛି , ବାଛୁରୀ ସହ ଷଣ୍ଢ ର ହେଉଛି ବାହାଘର । ଗଞ୍ଜାମ ଜିଲ୍ଲାର ହିଞ୍ଜିଳିକାଟୁ ବ୍ଲକ ଅନ୍ତର୍ଗତ ମକରଝୋଳ ଗ୍ରାମରେ ଗୋଷ୍ଠମୀ ପାଳନ ସମୟରେ ଦେଖାଦେଇଛି ଏଭଳି ଏକ ଅନନ୍ୟ ଓ ଆକର୍ଷଣୀୟ ଆୟୋଜନ । ବାଛୁରୀ ସହ ହୋଇଥିଲା ଷଣ୍ଡ ର ବାହାଘର । କଥାଟି ଶୁଣିଲେ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ଲାଗିପାରେ, କିନ୍ତୁ ପୁରାପୁରି ଥିବା ସତ୍ୟ। ପାରମ୍ପରିକ ରୀତି ଓ ନୀତି ଅନୁଯାୟୀ ଷଣ୍ଡ କୁ ବର ଓ ବାଛୁରୀ କୁ କନ୍ୟା ଭାବେ ବିବାହ କରାଯାଇଛି। ହୋମ, ରୋଷଣୀ ଓ ମନ୍ତ୍ରୋଚ୍ଚାର ସହିତ ସମସ୍ତ ପୂଜାପାଠ ହୋଇଥିଲା। ଏହି ବିବାହ ଅବସରରେ ଶତାଧିକ ଗାଈ o ବାଛୁରୀଙ୍କୁ ସାମିଲ କରାଯାଇଥାଲା। ଗାଁ ର ଗୋଷ୍ଠମୀରେ ପାଳନ ପାଇଁ ପ୍ରତିବର୍ଷ ଗୋମାତାଙ୍କ ପୂଜା ହୋଇଥାଏ। ଗ୍ରାମବାସୀମାନେ ସମସ୍ତେ ଏକତ୍ରିତ ହୋଇ ଗାଇଙ୍କୁ ନାନା ଦି ଗୋଖାଦ୍ୟ ଖାଇବାକୁ ଦେଇଥାନ୍ତି। ଗ୍ରାମବାସୀଙ୍କ କଥା ଅନୁଯାୟୀ, ଏହି ପରମ୍ପରା ପ୍ରଥମରୁ ୫୦ ବର୍ଷ ଧରି ଗ୍ରାମରେ ଅବିରତ ଭାବରେ ପାଳନ ହୋଇ ଆସୁଛି। ଗୋଷ୍ଠାମୀ ଅବସରରେ “ହରେ କୃଷ୍ଣ ହରେ ରାମ” ମହାମନ୍ତ୍ର ରେ ପ୍ରକମ୍ପିତ ହୋଇଥିଲା ସମଗ୍ର ଗାଁ। ନିକଟରେ ଗ୍ରାମବାସୀ ମାନେ ପ୍ରସାଦ ସେବନ କରିଥାନ୍ତି ଓ ଆନନ୍ଦ ଉଲ୍ଲାସରେ ମେଳିଥାନ୍ତି। ଏହି ପାରମ୍ପରିକ ପରମ୍ପରା ଯେତେବେଳେ ଅନେକ ଅଞ୍ଚଳରୁ ଲୋପ ପାଉଛି, ସେତେବେଳେ ମକରଝୋଳ ଗ୍ରାମବାସୀ ୫୦ ବର୍ଷ ଧରି ଏହାକୁ ଜୀବନ୍ତ ରଖିଥିବାରୁ ସମସ୍ତ ଦିଗରୁ ପ୍ରଶଂସାର ସୁଅ ଛୁଟୁଛି। ଚାଲିଛି ବାଛୁରୀ ସହ ଷଣ୍ଡ ର ବାହାଘର। କଥାଟି ଆପଣଙ୍କୁ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ଲାଗିପାରେ। କିନ୍ତୁ ହଁ ଆଜ୍ଞା ବା sast ରେ କଥା ଟି ସତ। ବାଛୁରୀ ସହ ହୋଇଛି ଷଣ୍ଡ ର ବାହାଘର। ଏହି ବାହାଘର ରେ ବର ହୋଇଛନ୍ତି ଷଣ୍ଡ ଆଉ କନ୍ୟା ହୋଇଛନ୍ତି ବାଛୁରୀ । ରୀତି ନୀତି ଅਨୁଯାୟୀ ରୋଷଣୀ ହେବା ସହ ହୋମ ଆଦି ପ୍ରକାରେ ହୋଇଛି ସେମାନଙ୍କ ବାହାଘର। ଆଉ ଏହି ବାହାଘର ରେ ସାମିଲ ଅଛନ୍ତି ଶତାଧିକ ଗାଇ ଏବଂ ବାଛୁରୀ। ଗଂଜାମ ଜିଲ୍ଲା ହିenguଜିଲ୍ଲା କାଟୁ ବ୍ଲକ ଅନ୍ତର୍ଗତ ମକରଝୋଳ ଗ୍ରାମବାସୀ ୫୦ ବର୍ଷ ଧରି ଏହି ପୂଜା ଚାଲୁଆଛି। ଏହି ପୂଜାରେ ଗୋମାତା ତଥା ଗାଈକୁ ପୂଜା କରିବା ସହ ଗୋଟାଏ ଷଣ୍ଡ କୁ ବିବାହ କରାଯାଇଥାଏ । ବର୍ଷକରେ ଗୋଟିଏ ଦିନ ସମସ୍ତ ଗ୍ରାମବାସୀ ଏକତ୍ରିତ ହୋଇ ଗାଈମାନଙ୍କୁ ପୂଜା କରିବା ସହ ବିଭିନ୍ନ ଖାଦ୍ୟପଦାର୍ଥ ସେମାନଙ୍କୁ ଖାଇବାକୁ ଦେଇଥାନ୍ତି । ତେବେ ଗ୍ରାମ ବାସୀଙ୍କ କହିବା ଅନୁଯାୟୀ ଏହି ଗୋଷ୍ଠାଷ୍ଟମି ପୂଜା ଦିର୍ଘ ୫୦ ବର୍ଷ ଧରି ଏହି ଗ୍ରାମରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ହୋଇ ଆସୁଛି।
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PCPartha Chowdhury
Oct 31, 2025 15:46:22
Bardhaman, West Bengal:হিরে দা (তৃণমূলের অঞ্চল সভাপতি) যে ভাবে বলেছে সেভাবেই কাজ করেছি।অঞ্চল সভাপতি আমায় যেভাবে বলে দিয়েছে আমি সেভাবেই কাজ করেছি,এটাই আমার শেষ কথা ' সাফ কথা -অশোক কুমার সরকারের। তিনি দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের প্রধান। তাকে ঘेरাও করে বিক্ষোভ দেখালেন দলেরই আর এক গোষ্ঠী। এই নিয়ে গোল বেধেছে পূর্ব বর্ধমানের দেবীপুরে। প্রধান না অঞ্চল সভাপতি কার কথায় হবে কাজ?এই নিয়ে chরম বিতর্ক।'আমাদের পাড়া,আমাদের সমাধান' ক্যাম্পেই বিক্ষোভ। খোদ স্থানীয় pঞ্চায়েত সদস্যের নেতৃত্বে প্রধানকে ঘেরাও করে বিক্ষোভে সামিল একাংশের গ্রামবাসী।তাদের কেউ কেউ সক্রিয় তৃণমূল কর্মী। পূর্ব বর্ধমানের মেমারী ১ নং ব্লকের দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের অন্তর্গত দেবীপুর স্টেশন বাজার এলাকার এই ঘটনায় এলাকায় সোরগোল পড়ে যায়। শুক্রবার দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের দেবীপুর স্টেশন বাজার প্রাথমিক বিদ্যালয়ে আমাদের pাড়া আমাদের সমাধান শিবির ছিল। সেই শিবিরে দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের হেতমপুর গ্রামের একাংশ গ্রামবাসী দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের প্রধান অশোক কুমার সরকার- কে ঘিরে ক্ষোভ উগরে দেন। কিন্তু কী কারণে এই ক্ষোভ? হেতমপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের তৃণমূল সদস্য আনন্দ ক্ষেত্রপাল ও গ্রামবাসীদের অভিযোগ,হেতমপুর প্রাথমিক বিদ্যালয় যাওয়ার প্রায় আড়াইশো মিটার রাস্তার হাল একেবারে বেহাল।রাস্তাটি মাটির হওয়ায় বৃষ্টির পর সেই রাস্তা দিয়ে যাতায়াত করতে খুবই সমস্যায় পড়তে হয় স্কুল পড়ুয়া থেকে গ্রামবাসীদের। দীর্ঘদিন ধরে গ্রাম পঞ্চায়েতে জানিয়েও কোন সুরাহा হয়নি।প্রতিবারই গ্রাম পঞ্চায়েত প্রধান নাকি শুধু আশ্বাস দেন কিন্তু রাস্তাটির হাল ফেরানোর। কিন্তু তারপরও কোন উদ্যোগ নেই গ্রাম পঞ্চায়েতের তরফে। এদিন আমাদের pাড়া আমাদের সমাধান শিবির চলাকালীন‌ গ্রামবাসীরা রাস্তা কবে হবে এই বিষয়ে দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েত প্রধান অশোক কুমার সরকারকে প্রশ্ন করলে তিনি কোন উত্তর না দিয়ে উল্টে গ্রামবাসীদের বলেন যে রাস্তা কবে হবে সেটা অঞ্চল তৃণমূল কংগ্রেসের সভাপতি জানেন! এবং অঞ্চল তৃত sgrম কংগ্রেসের সভাপতি যেমন বলবেন তেমন কাজ হবে।এরপরই পঞ্চায়েত সদস্য ও গ্রামবাসীদের একাংশ ক্ষোভে ফেটে পড়েন। গ্রামবাসীরা জানান, এই রাস্তার দাবি বারবার জানিয়েছেন তারা। আজ জবাব চাইতে গেলে প্রধান মেজাজ হারান। তিনি রাস্তা করার ঠিকা নেন নি বলে সাফ জানান। এবং অঞ্চল সভাপতিকে দেখিয়ে দেন। কিন্তু কে এই অঞ্চল তৃণমূলের সভাপতি? যার কথায় পঞ্চায়েত প্রধান কাজ করেন? তবেই নাকি পঞ্চায়েত এলাকায় উন্নয়নের কাজ হয়? জানা যায়, দেবীপুর অঞ্চল তৃণমূল কংগ্রেসের সভাপতি হলেন দেবব্রত রায় ওরফে হিরে দা। দেবীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের প্রধান অশোক কুমার সরকার ফোনে জানান,রাস্তার ব্যাপারে আমাকে জানিয়েছিলেন।কিন্তু রাস্তাটি বড় হওয়ায় আমরা পঞ্চায়েত সমিতি ও জেলা পরিষদকে মৌখিক ভাবে জানিয়েছি। তবে আমার প্রশাসনিক পদে থেকে অঞ্চল সভাপতির কথা বলা ঠিক হয় নি।আমার বলা ভুল হয়েছে।
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